Women Reservation Bill: भारतीय संसद में महिला आरक्षण बिल कानून बनाने के लिए कई बाद मुद्दे उठ चुके है। नए संसद में चल रहे विशेष सत्र के पहले दिन लोकसभा में महिला आरक्षण अधिनियम कानून पेश किया गया, जिसे “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” (nari shakti vandan act) के नाम से जाना जा रहा है। मनमोहन सिंह की सरकार के समय से ये बिल राज्यसभा में पेश करवाया गया था, तब कई नेताओं ने जातिगत आरक्षण को एक तिहाई हिस्से में शामिल करने की मांग की थी, जिस पर कई विपक्षी नेताओं ने विरोध किया।
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Narendra Modi द्वारा आरक्षण को मंजूरी मिली
नए संसद में नए सत्र के पहले दिन मंगलवार को पहला बिल पेश किया गया – महिला आरक्षण बिल। महिलाओं को आगे आने के लिए कई सालों से महिला आरक्षण की बात की जा रही है, जिस पर बहुत बार विवाद भी हुआ लेकिन अब सभी नेताओं की मंजूरी मिलने से बाद जातिगत आरक्षण की घोषणा की गई है।
महिला आरक्षण बिल (What is Women’s Reservation)
महिला आरक्षण कानून बनने के बाद 543 सदस्यों द्वारा मंजूरी संख्या 82 से बढ़कर 181 हो गई है। बिल पारित होने के बाद विधानसभा में महिलाओं को 33 % आरक्षित सीट प्रदान की जाएगी।
क्या राज्य सभा में सभी को मिलेगा आरक्षण
लोकसभा और विधानसभाओं की सभी महिलाओं को यह आरक्षण दिया जायेगा, राज्यसभा और विधान परिषद की महिलाओं पर यह आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा।
किन महिलाओं को मिलेगा आरक्षण
महिला आरक्षण बिल को मंजूरी (womens reservation bill cleared) मिलने के बाद 84 SC सीटों में से 28 SC सीट मिल गई है। वही ST महिलाओं को 47 सीटों ने से 16 ST महिलाओं के लिए है। लोकसभा में OBC वर्ग की महिलाओं के लिए कोई आरक्षण नहीं है।