PM Kisan Yojana: झारखंड के खूंटी में एक यादगार दिन, 15 नवंबर, 2023 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे किसानों के लिए एक बड़ी राहत प्रदान की। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2000 रुपये की 15वीं किस्त जारी की। यह कदम न केवल किसानों के लिए एक बड़ी सहायता बना बल्कि यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में उनके लिए और भी अधिक सहायता प्रदान की जा सकती है।
खास बात यह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, जनवरी से फरवरी के बीच, 16वीं किस्त जारी करने का समय आएगा। इस दौरान, मोदी सरकार किसानों के लिए और भी बड़ी सौगात देने की संभावना जता रही है।
पीएम किसान की राशि में हो सकता है इजाफा
इसके अलावा, यह संभावना है कि मार्च 2024 के पहले पखवाड़े में, 2024 लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले, मोदी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 16वीं और 17वीं किस्त की राशि एक साथ और बढ़ाकर जारी कर सकती है। इससे किसानों के वोटबैंक को चुनावों में साधा जा सके। यह एक रणनीतिक कदम हो सकता है जिससे किसानों का विश्वास और समर्थन प्राप्त किया जा सके।
भारतीय किसानों के लिए आने वाला समय और भी फायदेमंद हो सकता है। 2019 में शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जिसने किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी, अब और भी बड़ी हो सकती है। एक फरवरी 2019 को, तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इस योजना की घोषणा की थी, और अब 2024 के अंतरिम बजट में, वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस राशि को बढ़ाकर 8,000 से 9,000 रुपये कर सकती हैं।
यह कदम न केवल किसानों के लिए एक बड़ी सहायता होगा बल्कि इससे उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। इसके अलावा, 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले की घटनाओं को देखते हुए, जब पीएम मोदी ने पहली और दूसरी किस्त को मिलाकर 4,000 रुपये की राशि एक साथ किसानों के खातों में भेजी थी, यह संभव है कि 2024 के चुनावों से पहले भी सरकार ऐसा ही कुछ कर सकती है।
16वीं और 17वीं किस्त मिल सकती है एक साथ
इस बार, लोकसभा चुनावों की घोषणा और आचार संहिता लागू होने से पहले, 16वीं और 17वीं किस्त को एक साथ जारी करने की संभावना है। यदि ऐसा होता है, तो यह किसानों के लिए एक बड़ी राहत होगी और साथ ही साथ यह चुनावी रणनीति के रूप में भी काम कर सकता है, जैसा कि 2019 में देखा गया था। 2014 के मुकाबले 2019 में भाजपा को बड़ी बहुमत मिली थी, और 2024 के चुनावों में भी इसी फॉर्मूले को दोहराने की संभावना है।
तीन कृषि कानून के बाद से किसान हुए नाराज
भारतीय किसान समुदाय के लिए हाल के वर्षों में अनेक उतार-चढ़ाव आए हैं। 2020 में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के बाद से किसानों में मोदी सरकार के प्रति रोष और असंतोष का वातावरण बना था। इन कानूनों के विरोध में किसानों ने दिल्ली के बॉर्डर पर एक साल तक धरना दिया, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को इन कानूनों को वापस लेना पड़ा।
किसानों का दिल जीतने के प्रयास में मोदी सरकार
मोदी सरकार ने किसानों की इस जिद्द के सामने झुकते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। इस घटनाक्रम ने किसानों की सामाजिक और राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया।
इस बीच, 15 नवंबर, 2023 को, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 8 करोड़ किसानों के खाते में 18,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। इस योजना के जरिए अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.80 लाख करोड़ रुपये का लाभ मिल चुका है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम बनाती है।
ये प्रयास किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं और यह भी संकेत करते हैं कि सरकार किसानों के साथ चलने को तैयार है, चाहे वह मौसम की अनिश्चितता हो या आर्थिक सहायता का मामला।