आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। उन्होंने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में जीवन के विभिन्न पहलुओं पर कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं। स्त्री-पुरुष के संबंधों को लेकर भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार, स्त्री-पुरुष के जीवन में एक चीज ऐसी है जो जहर के समान है। वह है अपमान। चाणक्य कहते हैं कि स्त्री या पुरुष को कभी भी अपमान नहीं सहना चाहिए। अपमान से व्यक्ति का मनोबल टूट जाता है और वह अपने जीवन में सफल नहीं हो पाता है।
अपमान सहना है बड़ा अपराध
चाणक्य नीति में अपमान के बारे में कहा गया है:
- अपमान का घूंट जहर से भी अधिक कड़वा होता है। इसे किसी भी इंसान को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।
- स्त्री या पुरुष को कभी भी अपमान नहीं सहना चाहिए। अपमान से व्यक्ति का मनोबल टूट जाता है और वह अपने जीवन में सफल नहीं हो पाता है।
- यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का अपमान करता है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए। अपमान करने वाले व्यक्ति को समाज से बहिष्कृत कर देना चाहिए।
चाणक्य नीति के अनुसार, अपमान से बचने के लिए स्त्री और पुरुष को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- दूसरों का सम्मान करना चाहिए।
- दूसरों के प्रति विनम्र रहना चाहिए।
- दूसरों की भावनाओं को ध्यान में रखना चाहिए।
- दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखता है, तो वह अपमान से बच सकता है।