पेंशनभोगियों की लंबे समय से की जा रही मांग को आखिरकार राजस्थान सरकार ने पूरा कर दिया है। पेंशनधारकों के लिए यह एक शानदार खुशखबरी है। राजस्थान सरकार ने पेंशनधारकों की पेंशन में हर साल 1% की वृद्धि देने का ऐलान किया है, जो 61 साल की उम्र के बाद लागू होगी। राजस्थान पेंशनर्स मंच के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री सूरज प्रकाश टाक ने यह जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।
पेंशन में वृद्धि की योजना
राजस्थान सरकार ने पेंशनर्स को 61 साल की आयु के बाद बाकी जीवन के लिए हर साल 1% पेंशन वृद्धि देने के मुद्दे पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह जानकारी राजस्थान पेंशनर्स मंच के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री सूरज प्रकाश टाक ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी। बैठक में राजस्थान सरकार के वित्त सचिव (बजट), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के निदेशक, पेंशन विभाग के निदेशक और आरजीएचएस परियोजना निदेशक मौजूद थे। इस बैठक से पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी का तोहफा जारी हो चुका है। पेंशनभोगियों ने राजस्थान सरकार के इस फैसले की सराहना की और भविष्य में सरकार का साथ देने का संकल्प लिया।
वृद्धि का विवरण
राजस्थान सरकार ने पेंशनभोगियों की महत्वाकांक्षी मांग को पूरी करते हुए बड़ा फैसला लिया है कि 61 साल से ही पेंशनभोगियों की बेसिक पेंशन में 1% की वृद्धि की जाएगी। पेंशनर्स को 61 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर पेंशन वृद्धि 1%, 62 वर्ष पर 2%, 63 वर्ष पर 3%, 64 वर्ष पर 4% और 65 वर्ष पर 5% देने का निर्णय हुआ। इस प्रकार पेंशनर्स को 80 वर्ष की आयु तक 20% पेंशन वृद्धि का लाभ मिलेगा।
वर्ष-आधारित पेंशन वृद्धि
वर्ष | पेंशन वृद्धि (%) |
---|---|
61 साल | 1% |
62 साल | 2% |
63 साल | 3% |
64 साल | 4% |
65 साल | 5% |
बैठक में हुई अन्य मुद्दों पर चर्चा
बैठक में अन्य मुद्दों जैसे पेंशन कम्यूटेशन की समयावधि को 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष करने पर भी सहमति जताई गई। पेंशनर्स को फिर से विटामिन/कैल्शियम की दवाइयां निशुल्क उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई और संबंधित विभागों ने इन पर सैद्धांतिक सहमति जताई। पेंशन विभाग के निदेशक ने पेंशन कम्यूटेशन की अवधि 15 साल से घटाकर 12 साल करने पर हामी भरी, अब सरकार के इस कदम से पेंशनधारकों को काफी फायदा मिलेगा। इसके साथ ही पेंशनधारकों को विटामिन और कैल्शियम की दवाइयां भी दी जाएंगी।
हिमाचल सरकार का उदाहरण
हिमाचल सरकार भी अपने पेंशनधारकों को फायदे देती है। जैसे ही पेंशनभोगी 65 साल की उम्र में प्रवेश करते हैं, उनकी बेसिक पेंशन में 5% की बढ़ोतरी की जाती है। 70 साल होने पर 10% की वृद्धि और 75 साल होने पर 15% की वृद्धि की जाती है। अब राजस्थान में यह नियम लागू होने से अन्य राज्यों के पेंशनभोगियों में भी उम्मीद जाग चुकी है कि उनकी राज्य सरकारें भी इस तरह का फायदा देने का प्रावधान कर सकती हैं।
केंद्र पर बढ़ेगा दबाव
राजस्थान सरकार के इस कदम से केंद्र सरकार पर भी इस नियम को लागू करने का दबाव बढ़ेगा। भविष्य में केंद्र सरकार भी अपने पेंशनभोगियों को इस तरह का फायदा दे सकती है। हालांकि संसदीय समिति ने सिफारिश दी थी कि 65 साल से ही पेंशन में बढ़ोतरी का फायदा दिया जाए। इसके बाद केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों का डेटा मंगा लिया था लेकिन बाद में यह मामला ठंडा पड़ गया।
पेंशन कम्यूटेशन की अवधि में बदलाव
राजस्थान सरकार ने कम्यूटेशन की अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल करने पर सहमति जताई है। हालांकि अभी आदेश जारी नहीं हुआ है। अगर राजस्थान सरकार इस नियम का आदेश जारी करती है तो पेंशनभोगी सरकार के आभारी होंगे। इसके साथ ही केंद्र के ऊपर दबाव बढ़ेगा और केंद्र सरकार भी केंद्रीय पेंशनभोगियों को इसका फायदा देने पर विचार कर सकती है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है कि पेंशनभोगियों से कम्यूटेशन की रिकवरी 10 साल 8 महीने में पूरी हो जाती है। ऐसे में सरकार को 15 साल तक वसूली करने का कोई अधिकार नहीं है।
उपस्थित सदस्य
इस बैठक में राजस्थान पेंशनर्स मंच के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश क्रान्तिकारी, सत्यनारायण पंवार, नाथूलाल पाटीदार, मानसिंह वर्मा, बनवारी शर्मा, लखपत राज सिंघवी समेत 20 जिलों के जिलाध्यक्ष उपस्थित रहे। जयपुर स्थित राजस्थान पेंशनर्स मंच के निम्न पदाधिकारी भी मौजूद रहे:
- कैलाश क्रान्तिकारी
- सूरज प्रकाश टाक
- मुकुट बिहारी शर्मा
- कजोड बेरवा
- अनिल त्रिवेदी
- जी बी मिश्रा
- उदल सिंह राजावत
- गजेन्द टाक
- महावीर सिंह चौहान
- नानगराम चौधरी
- फतेह बहादुर
- चन्द्रशेखर गुर्जर
- विजय उपाध्याय
- मिठ्ठू लाल खीची
- बी डी टेकवानी
- अशोक राजपूत
- दौलत सिंह बडगुर्जर
यह बैठक पेंशनर्स के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लेकर आई है, जो उन्हें अधिक सुरक्षा और लाभ प्रदान करेंगे। राजस्थान सरकार के इस कदम से पेंशनभोगियों को काफी राहत मिलेगी और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।