पॉक्सो एक्ट के प्रावधान POCSO Act क्या है? POCSO का फुल फॉर्म

इस act का पूरा नाम है, प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (The Protection of Children from Sexual Offences Act). 18 साल से कम उम्र वाले बच्चों के साथ अपराध करने वाले दोषियों को इस एक्ट के तहत कुछ साल की सजा, उम्रकैद या फिर फांसी की सजा भी हो सकती है।

Photo of author

Reported by Sheetal

Published on

देश में हो रहे यौन अपराधों को रोकने और बच्चों को संरक्षित करने के लिए पॉक्सो एक्ट लागू किया गया है। आय दिन बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों की खबर सुनाई देती है। जो हर नागरिक के लिए बेहद शर्म की बात है। इस एक्ट के तहत बच्चों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे अपराध को रोकने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से POCSO Act की स्थापना की गई। सन 2012 के तहत कुल 46 धाराएं है। इस एक्ट के अंतर्गत अलग-अलग अपराधों के लिए अलग -अलग सजा निर्धारित की गई है।

POCSO Act क्या है?

भारतीय कानून के अनुसार नाबालिग बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों और यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे अपराध को रोकने के लिए पॉक्सो एक्ट बनाया गया है। ताकि देश में बढ़ रहे अपराधों को कम किया जा सकें और प्रत्येक बच्चा खुद को सुरक्षित महसूस कर पाए।

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

POCSO Act का पूरा नाम

इस act का पूरा नाम है, प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (The Protection of Children from Sexual Offences Act). 18 साल से कम उम्र वाले बच्चों के साथ अपराध करने वाले दोषियों को इस एक्ट के तहत कुछ साल की सजा, उम्रकैद या फिर फांसी की सजा भी हो सकती है।

संबंधित खबर pm ujjwala yojana how to apply for pm ujjwala yojana know the process online

PM Ujjwala Yojana – कैसे करें PM उज्ज्वला योजना के लिए आवेदन, ऑनलाइन है प्रॉसेस जानें

पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत सजा के प्रावधान

देश के नाबालिग लड़का और लड़की जिनकी उम्र 18 साल से कम है, उन बच्चों के खिलाफ यौन अपराध करने वाले दोषी को अधिकतम उम्रकैद या फिर न्यूनतम 7 साल की सजा देने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ गंभीर अपराध करने वाले दोषी को मौत की सजा देने का कानून है।

पॉक्सो एक्ट के प्रावधान

  • यदि कोई नागरिक किसी नाबालिग लड़की या लड़के के साथ उसकी बिना सहमती के यौन कृत्य जैसे अपराध करता है तो उसे इस एक्ट के तहत अलग -अलग सजा दी जाती है।
  • भारत देश के सभी बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस कानून को पुरे देश में लागू किया गया है।
  • POCSO Act के तहत किसी भी गंभीर मामले को एक साल के भीतर अपराधी को सजा देने का प्रावधान है।
  • यदि किसी नागरिक को नाबालिग के साथ हुए यौन अपराधों की जानकारी है और वह जानकारी पुलिस तक नहीं पहुंची तो उसे इस धारा के अंतर्गत 6 महीने की जेल और आर्थिक दंड दिया जा सकता है।
  • दोषी की सजा सुनवाई के समय पीड़ित बच्चे के माता -पिता या विश्वासमंद व्यक्ति का होना जरुरी है। सजा की सुनवाई कैमरे के सामने होती है।
  • नाबालिग बच्चे के साथ हुए अपराध की जानकारी समाज में न फैले इस बात का बहुत ध्यान रखा जाता है सभी सूचनाओं और जानकारी को गुप्त रखा जाता है। ताकि बच्चे को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

POCSO Act में आए बदलाव

बच्चों को सुरक्षित भविष्य और सुरक्षा प्रदान करने के लिए हाईकोर्ट ने इस एक्ट में बड़े बदलाव किये है जैसे – 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चो के साथ यौन उत्पीड़न, यौन शोषण एवं अन्य अपराध करने पर पहले न्यूनतम सजा 10 साल थी जिसे बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया है। इसके अलावा उम्रकैद या मृत्यु तक बढ़ाया जा सक्ता है।

संबंधित खबर Benefits of Cardamom Know how small cardamom helps in curing many diseases along with high BP, you will get benefits

Benefits of Cardamom: जाने कैसे हाई बीपी के साथ कई बिमारियों को दूर करने में मदद करती है छोटी इलायची, मिलेंगे फायदे

Leave a Comment

WhatsApp Subscribe Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp