चेक बाउंस होने पर सजा और जुर्माना, जानिए कितना समय मिलता है पेमेंट के लिए?

कई बार चेक जब रिजेक्ट हो जाता है तो उसे डिस्ऑनर चेक या बाउंस्ड चेक कहा जाता है। यह तब होता है जब चेक जारी करने वाले व्यक्ति के खाते में चेक की राशि उपलब्ध नहीं होती है। आपको बता दें ये कोई मामूली बात नहीं है। इस अपराध के लिए आपको सजा भी हो ... Read more

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Reported by Pankaj Yadav

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चेक बाउंस होने पर सजा और जुर्माना, जानिए कितना समय मिलता है पेमेंट के लिए?

कई बार चेक जब रिजेक्ट हो जाता है तो उसे डिस्ऑनर चेक या बाउंस्ड चेक कहा जाता है। यह तब होता है जब चेक जारी करने वाले व्यक्ति के खाते में चेक की राशि उपलब्ध नहीं होती है। आपको बता दें ये कोई मामूली बात नहीं है। इस अपराध के लिए आपको सजा भी हो सकती है। यदि आपका भी चेक रिजेक्ट हुआ है तो आपको इस जानकारी के बारे में पूर्ण बातें पता होनी चाहिए। इससे बचने के उपाय भी है यदि आप इनको फॉलो करते हैं। तो चलिए जानते हैं इस पूरी जानकारी के विषय में……

चेक बाउंस कब होता है?

चेक बाउंस तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को चेक जारी करता है और उस चेक की राशि बैंक में उपलब्ध नहीं होती है। यदि चेक बाउंस होता है, तो चेक जारी करने वाले व्यक्ति को चेक की राशि का दोगुना जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा, उसे दो साल तक की सजा भी हो सकती है।

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यदि हो गया चेक बाउंस तो मिलेगी दो साल की सजा

कानूनी कार्रवाई के तहत, चेक जारी करने वाले व्यक्ति को धारा 138 के तहत दोषी ठहराया जा सकता है। यदि चेक जारी करने वाले व्यक्ति को दोषी ठहराया जाता है, तो उसे दो साल की सजा या चेक की राशि का दोगुना जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

इसलिए, चेक बाउंस होने से बचने के लिए, आपको चेक जारी करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके खाते में चेक की राशि पर्याप्त हो। इसके अलावा, आपको चेक की राशि दो बार जांच लेनी चाहिए और चेक पर स्पष्ट रूप से चेक की राशि लिखनी चाहिए।

तीन महीने में कैश करना चाहिए चेक

भारतीय निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 के अनुसार, किसी भी चेक की वैधता तीन महीने तक होती है। इसके बाद उस चेक की समय सीमा समाप्त हो जाती है। इसलिए, चेक मिलने के तीन महीने के अंदर ही आपको उसे कैश करा लेना चाहिए।

यदि आप चेक मिलने के तीन महीने के बाद चेक को कैश कराने की कोशिश करते हैं, तो बैंक आपको चेक कैश करने से मना कर सकता है। इसके अलावा, यदि चेक बाउंस होता है, तो आपको चेक की राशि का दोगुना जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

इसलिए, चेक मिलने के तीन महीने के अंदर ही उसे कैश करा लेना चाहिए। इससे आपको किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको चेक को समय पर कैश करने में मदद कर सकते हैं:

  • चेक मिलने के तुरंत बाद उसे कैश कराने के लिए बैंक जाएं।
  • यदि आप चेक को कैश करने के लिए बैंक नहीं जा सकते हैं, तो आप चेक को बैंक में पोस्ट भी कर सकते हैं।
  • यदि आप चेक को पोस्ट करते हैं, तो चेक की समय सीमा के अंत से कम से कम एक सप्ताह पहले उसे पोस्ट करें।

इन सुझावों का पालन करके, आप चेक को समय पर कैश करने में सफल हो सकते हैं।

चेक बाउंस होने से बचने के लिए क्या करें?

चेक बाउंस होने से बचने के लिए, आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • चेक जारी करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके खाते में पर्याप्त राशि है।
  • चेक जारी करने से पहले चेक की राशि दो बार जांच लें।
  • चेक पर स्पष्ट रूप से चेक की राशि लिखें।
  • चेक पर सही तारीख लिखें।

चेक बाउंस होने से बचने के लिए, आपको चेक जारी करने के बारे में सावधानी बरतनी चाहिए।

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