रत्नो के राजा ‘माणिक’ को धारण करने के लाभ जाने, माणिक की पहचान करने की विधि जाने

माणिक रत्न का लाल रंग मेष राशि के उग्र स्वभाव से बहुत मेल रखता है। जानकारों की राय में मेष राशि के लोग स्वभाव से भी काफी उम्र और साहस वाले माने जाते है। दरअसल माणिक का सम्बन्ध सूर्य ग्रह से होता है जोकि अन्य ग्रहो का राजा है।

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Reported by Pankaj Yadav

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सभी रत्न किसी न किसी फायदे के लिए जाने जाते है और रत्नो का राजा होता है माणिक। इस रत्न (Ruby Gemstone) को धारण करने से मन में बुरे विचार आक्रमण नहीं करते है। माणिक अपनी खूबसूरती सहित अपने भौतिक एवं धार्मिक गुणों के लिए भी काफी कीमती समझा जाता है।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार ये धारक को आर्थिक एवं ताकत सम्बंधित फायदे देता है। इस रत्न की अंगूठी बनाकर पहनने से विभिन्न प्रकार के लाभ मिलते है किन्तु यह भी ध्यान रखना है कि हर कोई ऐसे ही इस रत्न को धारण नहीं कर सकता है। इसको धारण करने से पहले किसी ज्योतिष एक जानकार की राय जरूर ले लेनी चाहिए।

माणिक रत्न का लाल रंग मेष राशि के उग्र स्वभाव से बहुत मेल रखता है। जानकारों की राय में मेष राशि के लोग स्वभाव से भी काफी उम्र और साहस वाले माने जाते है। दरअसल माणिक का सम्बन्ध सूर्य ग्रह से होता है जोकि अन्य ग्रहो का राजा है।

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कुंडली में सूर्य को मजबूत करता है

जिन भी लोगो की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में कमजोर है तो उनके बलवान ग्रह भी कोई विशेष लाभ देने में असर्मथ हो जाते है। इस दशा में ज्योतिषी उम्मीदवार को माणिक रत्न धारण करने की राय देते है। संस्कृत में माणिक का नाम पद्मराग एवं रविरत्न और इंग्लिश में रूबी कहते है। माणिक रत्न के कुछ लाभ इस प्रकार से है –

मान-सम्मान में वृद्धि होगी

रचनात्मक क्षेत्र से सम्बन्ध रखने वाले लोगो को भी माणिक रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है जैसे उनके काम में और वृद्धि हो। यह रत्न ऐसे लोगो में भरपूर आत्मविश्वास लाता है और जिन लोगो की कोई बात नहीं मानता वे भी इसे धारण कर सकते है। सूर्य को आत्मा का कारक कहा गया है और ये रत्न धारक को लेकर लोगो की सोच बदलता है।

जातक का आत्मविश्वास बढ़ता है

आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहे व्यक्ति भी माणिक को धारण करके लाभ ले सकते है। लेकिन इसमें ये जरूर ध्यान देना है कि इस रत्न (Manik Stone) को कभी भी लोहे की अंगूठी में धारण नहीं करना है चूँकि ऐसे में नुकसान देने लगेगा।

जीवन की समस्या से मुक्ति मिलेगी

जिन लोगो की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में है तो वे जीवन में कोई न कोई समस्या से जरूर घिरे रहते है। ऐसे लोगो को माणिक रत्न को धारण करने की राय दी जाती है। इसे बाद जीवन की समस्याएँ समय के साथ दूर होती जाती है और हड्डियों को भी शक्ति मिलने लगती है। ऐसे लोग अपने आप में काफी बलशाली होने लगते है। इस रत्न से चर्म रोगो से मुक्ति मिलती है।

आपसी सम्बन्धो में मजबूती मिलगी

जिन भी लोगो के घर परिवार में कलह अथवा आपसी मतभेद की स्थिति बनी रहती है उनको माणिक रत्न धारण करना चाहिए। ये रत्न घरेलु सम्बन्धो में शक्ति लाता है और लोगो में सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रवाह होता है। रिश्तो में मिठास आने से लोगो के व्यक्तित्व में परिवर्तन होने लगते है।

आधिकारिक कार्यो में सफल होंगे

अधिकांश लोगो के सरकारी काम अक्सर रुके रहते है तो ऐसे में माणिक धारण करने के बाद सूर्य की पूजा काफी फलदाई हो सकती है। व्यक्तित्व में ऊर्जा एवं शक्ति का संचार होने से जिस भी कार्य के लिए जायेंगे वो सूर्य के प्रभाव से पूर्ण होंगे।

माणिक धारण करने में जरुरी बाते

  • माणिक को धारण करने से पूर्व किसी जानकार ज्योतिषी की राय अवश्य लें और उनके रत्न के कैरेट एवं रत्ती की जानकारी लें।
  • माणिक को कभी भी गोमेद, हीरे एवं नीलम के साथ नहीं पहनते है किन्तु पुखराज, मूँगा, पन्ना एवं मोती के साथ पहल सकते है।

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माणिक की पहचान करना जाने

  • माणिक का रंग लाल, गुलाबी, हल्का गुलाबी एवं खुनी रंग जैसा होता है।
  • इसे दूध में डालने पर दूध का रंग हल्का गुलाबी दिखने पर ये असली है।
  • ये अंधेरे में काफी चमकता है और सूर्य की रोशनी में लाल दिखता है।
  • माणिक को घिसने पर वो नहीं घिसता और न ही इसका वजन कम होता है।

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