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ज़िम्बाब्वे के पूर्व आलराउंडर क्रिकेटर हीथ स्ट्रीक का निधन, क्रिकेट जगत में शोक की लहर

क्रिकेट जगत से एक दुःखद खबर आ रही है, अपने समय के ऑल-आलराउंडर हीथ स्ट्रीक का देहांत 49 साल की उम्र में हो गया है। जिम्बाब्वे की टीम का हिस्सा रहे इस खिलाड़ी ने 22 अगस्त को आखिरी साँस ली। हीथ को बहुत से समय से कैंसर की बीमारी ने परेशान करके रखा था। यदि हीथ के क्रिकेट करियर पर नजर डाले तो उन्होंने 65 टेस्ट एवं 189 वनडे मैच खेले थे। लेकिन हीथ पिछले काफी समय से अपने कोलन एवं लिवर के कैंसर का उपचार करवा रहे थे।

जिम्बाब्वे टीम का यह वरिष्ठ खिलाड़ी पिछले काफी समय से कैंसर से लड़ रहा था। अपने क्रिकेट करियर के सहयोगी रहे हेनरी ओलोंगा ने ट्वीटर के माध्यम से अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की है – “दुःखद खबर आ रही है कि हीथ स्ट्रीक का देहांत हो गया। RIP लेजेंट, आपके साथ खेलना ख़ुशी की बात थी।”

साल 1993 में डब्यू मैच खेला

जिम्बाब्वे टीम के लिए हीथ ने साल 1993 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में पदार्पण किया था। वैसे इस मैच में हीथ को कुछ विशेष करने का अवसर न मिल सका और उन्होंने कोई विकेट नहीं लिया। इस मैच में वे अपनी बैटिंग से भी प्रभावित करने में नाकाम रहे। किन्तु इसके अगले ही टेस्ट मैच में हीथ ने अपना हुनर दिखा दिया और रावलपिंडी के टेस्ट मैच में पानी इनिंग में 3 और दूसरी इनिंग में 5 विकेट अपने नाम किए।

जिम्बाब्वे टीम की कप्तानी भी की

साल 2000 से 2004 तक हीथ स्ट्रीक ने जिम्बाब्वे टीम को कप्तानी की सेवा भी दी। वे अपने देश के अकेले ऐसे क्रिकेटर है जिसने 100 टेस्ट विकेट हासिल किये है। खास बात यह है कि हीथ ने करीबन 12 वर्षों तक अपनी टीम के कमजोर बॉलिंग लाइनअप को खुद मजबूती दी।

हीथ ने गेद और बल्ले दोनों से कमाल किया

वैसे तो हीथ अधिकतर तेज़ बॉलिंग के हुनर के लिए क्रिकेट जगत में जाने जाते थे। किन्तु समय पड़ने पर वे अपनी टीम के मध्य क्रम की बैटिंग में भी लगातार अच्छी बैटिंग से योगदान देते रहते थे। उनके इसी हुनर ने समय के साथ उनको एक फ़ायदेमंद आलराउंडर के रूप में विकसित कर दिया। हीथ ने अपने क्रिकेट करियर में 1990 टेस्ट रन एवं 2943 वनडे रन स्कोर किये थे। इसके अलावा हीथ ने अपना एकमात्र शतक (127 नाबाद) हरारे के मैदान में वेस्ट इंडीज टीम के विरुद्ध लगाया था।

ऐसे क्रिकेट करियर समाप्त हुआ

हीथ ने पाकिस्तान टीम के खिलाफ उनकी धरती पर 1993 में टेस्ट मैच की शुरुआत की थी। लम्बे क्रिकेट करियर के बाद साल 2005 में हीथ को क्रिकेट से रिटायरमेंट लेना पड़ा। इसकी वजह थी उनका वारविकशायर के कैप्टन की तरह से 2 वर्षों का कॉन्ट्रैक्ट 2006 में समाप्त हो गया। किन्तु अपनी खराब फॉर्म की वजह से हीथ को 2006 के बजाए 2005 में ही संन्यास लेना पड़ा। इसके बाद 2007 में वे इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) से भी जुड़े किन्तु उनका इंटरनेशनल क्रिकेट करियर ख़त्म हो गया।

हीथ पर 8 वर्षों का प्रतिबन्ध लगा

जिम्बाब्वे की टीम का हिस्सा रहे इस खिलाड़ी को जीवन में कुछ ख़राब दौर से भी गुजरना पड़ा। इस बार आईसीसी ने उप पर भ्रष्टाचार विरोधी उल्लंघनों के कारण से पूरे 8 वर्षों का बैन लगाया था। साल 2016 से 2018 तक हीथ ने जिम्बाब्वे टीम को कोच के रूप में सेवाएँ भी दी। इसके अलावा हीथ ने आईपीएल में भी साल 2018 की कोलकाता नाईटरीडर को कोचिंग दी। साथ ही एपीएल 2018 में काबुल ज्वानन समेत अलग-अलग प्रेंचाइजी को कोच की सेवा दी। इस दौरान उन पर अपनी भूमिका के लिए 5 आरोप स्वीकार किया।

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