चित्रकूट: भगवान राम के वनवास काल का साक्षी रहा पवित्र धाम चित्रकूट, राम नवमी के पावन अवसर पर विशेष रूप से सजने लगा है. इस महोत्सव को यादगार बनाने के लिए चित्रकूट प्रशासन के साथ संतों और महात्माओं ने मिलकर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
11 लाख दीयों से जगमगाएगा चित्रकूट
राम नवमी के पावन अवसर पर, 17 अप्रैल को चित्रकूट में संतों, महात्माओं और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के प्रशासन द्वारा 11 लाख दीप जलाए जाएंगे। इस भव्य आयोजन की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। पिछले साल राम नवमी के दौरान धर्म नगरी में साढ़े 7 लाख दीप जलाए गए थे, जिसने मनमोहक दृश्य बनाया था। इस वर्ष राम नवमी के दिन शाम 7 बजे रामघाट और कामदगिरी सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों पर 11 लाख दीप जलाए जाएंगे।
महंत मदन गोपाल दास ने दी जानकारी
कामतानाथ के महंत मदन गोपाल दास ने उत्सवों के बारे में बताते हुए कहा कि 17 अप्रैल को राम नवमी के दिन धर्मनगरी चित्रकूट में 11 लाख दीप जलाए जाएंगे। साथ ही मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और भगवान राम की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने भगवान राम और चित्रकूट के बीच अटूट बंधन पर बल दिया, जहां भगवान राम ने माता शबरी द्वारा अर्पित किए गए बेरों का स्वाद लिया था।
चित्रकूट में राम नवमी का महत्व
चित्रकूट में राम नवमी का विशेष महत्व है। यही वो पवित्र धाम है जहां भगवान राम, माता सीता और उनके अनुज लक्ष्मण ने अपने वनवास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बिताया था। यहीं पर भरत, भगवान राम की खड़ाऊं (लकड़ी की चप्पल) लेकर उन्हें अयोध्या वापस लाने का आग्रह करने आए थे। हालांकि, भगवान राम ने मना कर दिया और भरत वापस अयोध्या चले गए, लेकिन विभिन्न तीर्थ स्थलों से लाया गया पवित्र जल भरतकुंड में छोड़ गए। आज भी दूर-दूर से श्रद्धालु भरतकुंड से जल लेने आते हैं।