World Photography Day : फोटोग्राफी को बढ़ावा देने का दिन, इसके इतिहास और अन्य बाते जाने

तस्वीरें बिना भाषा के बहुत कुछ बोल देती है। एक आदर्श फोटो से वो कह सकते है जोकि एक हजार शब्दों से भी नहीं कहा जा सकता है। एक फोटो से कलाकार अपनी रचनात्मकता के गुण को अभिव्यक्त करता है। लोगो में फोटोग्राफी की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए 19 अगस्त का दिन विश्वभर में फोटोग्राफी ... Read more

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Reported by Pankaj Yadav

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तस्वीरें बिना भाषा के बहुत कुछ बोल देती है। एक आदर्श फोटो से वो कह सकते है जोकि एक हजार शब्दों से भी नहीं कहा जा सकता है। एक फोटो से कलाकार अपनी रचनात्मकता के गुण को अभिव्यक्त करता है। लोगो में फोटोग्राफी की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए 19 अगस्त का दिन विश्वभर में फोटोग्राफी डे की तरह से सेलिब्रेट करते है।

आज के दिन का महत्त्व

फोटोग्राफी की कला में रूचि लेने वाले लोग आज के दिन यानी 19 अगस्त को साथ में आकर इस विधा पर अपने विचार और नमूने शेयर करते है। अभी ही नहीं ये काम दशकों से बहुत से लोगो को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। ये एक खास पर्व की तरह से है जोकि फोटोग्राफी को आगे ला रहा है। वैसे दुनिया के इतिहास में पहली कलर फोटो साल 1861 में ली गई थी।

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वर्ल्ड फोटोग्राफी डे 2023 की थीम

फोटोग्राफी दिवस के लिए हर साल की एक विशेष थीम भी चुनी जाती है। इस तरह से साल 2023 के फोटोग्राफी दिवस के लिए ‘परिदृश्य’ (Landscapes), जिसको photography.com ने तय किया की गई थी। पिछले साल की थीम की बात करे तो फोटोग्राफी डे 2023 के लिए ‘Rural Tourism” की थीम रखी गई है।

वर्ल्ड फोटोग्राफी डे की हिस्ट्री

बीते कुछ वर्षों में सोशल मिडिया के आने के बाद लोगो में अपनी या कुछ खास चीजों की फोटो लेने का क्रेज काफी ज्यादा बढ़ चुका है। आअज लगभग हर दुसरा व्यक्ति अच्छी फोटो को ऑनलाइन शेयर करने की रेस में लगा हुआ है। किन्तु हमें ध्यान रखना होगा कि फोटोग्राफी का शौक काफी पुराना है जिसकी जानकारी फोटोग्राफी की हिस्ट्री से पता लगती है। दरअसल फोटोग्राफी का आविष्कार 1837 में किया गया था।

उस साल पहली जोसेफ नाइसफोर निपसे और प्रेंचमैन लुई डागुरे ने फोटोग्राफी प्रोसेस से फोटो ली थी। दोनों ने इस काम के लिए डॉगोरोटाइप प्रोसेस का इस्तेमाल किया था। फिर फ्रेंच अकेडमी ऑफ साइंसेज ने 9 फरवरी 1839 में इस प्रोसेस की घोषणा कर दी थी। सबसे पहले फ़्रांस की सरकार ने इस प्रोसेस को पेटेंट करके ख़रीदकर विश्वभर में फोटोग्रफी की विधा को परिचित किया।

यद्यपि पहली टिकाऊ कलर फोटो साल 1861 में उतारी गई थी। ऐसा अनुमान है कि दुनिया की पहली डिजिटल फोटो को डिजिटल कैमरे के निर्माण से 20 वर्ष पहले यानी 1957 में बना लिया था।

भारत में फोटोग्राफी के लिए अच्छे स्पॉट

यहाँ हम आपको कुछ ऐसी जगहों की जानकारी दे रहे है जहाँ ट्रेवल करके फोटो लेना अच्छा अनुभव रहेगा।

कोडाइकनाल (तमिलनाडु)

यह प्लेस पश्चिमी घाट की सर्वाधिक सुन्दर स्थानों में आता है। यहाँ की दूर तक फैली पहाड़ियाँ एवं धुंधले आकाश के सुदंर दृश्य फोटोग्राफी के लिए अच्छे लगते है।

मेघालय

यह देश का सुन्दरतम राज्य है जहाँ पर अक्सर दूरिस्ट की भरमार रहती है। यहाँ पर पहाड़ी, घाटी, झील एवं झरनो के सुन्दर दृश्य मिल जाते है। सोशल मीडिया पर यहाँ की फोटो शेयर करने के लिए सबसे अच्छी है।

श्रीनगर (जे एन्ड के)

कश्मीर को पृथ्वी का स्वर्ग कहते है और बर्फ़बारी के बाद श्रीनगर काफी खूबसूरत दिखता है। आप यहाँ पर डल झील एवं हरभरे पेड़-पौधों सहित बादलो की फोटो ले सकते है। यहाँ पर सुन्दर नावों की सवारी करते हुए सूर्योदय के समय की फोटो ले सकते है।

लोनावाला (महाराष्ट्र)

ये भी एक प्रसिद्ध जगह है जोकि वीकेंड के लिए जाना जाता है। इस जगह पर फोटोग्राफी करके अच्छा अनुभव ले सकते है। खासकर यहाँ पर प्रातः के समय उठकर फोटो लेना काफी अच्छा रहेगा।

फोटोग्राफी डे पर खास लाइने

जब आप कैमरे की नजर से
दुनिया को देखना शुरू करते हैं
तो एक अलग ही दुनिया दिखती है
जो बहुत ही खूबसूरत होती है।

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