“PMS Scholarship Institution Reject List: स्कॉलरशिप रिजेक्टेड लिस्ट हुई जारी, ऐसे करें लिस्ट में अपना नाम चेक”

PMS को राज्य के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/ जनजाति के छात्रों को प्रवेशोत्तर प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में अस्थाई पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/ जनजाति के विद्यार्थियों को भी लाभार्थी बनाया जाता है।

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Reported by Sheetal

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जिन विद्यार्थियों ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए आवेदन प्रक्रिया पूर्ण की थी, उनके लिए एक नया अपडेट आ रहा है। इस अपडेट के अंतर्गत विभाग ने गलत प्रक्रिया से आवेदन कर वाले एवं गलती करने वाले उम्मीदवारों की PMS Scholarship Institution Reject List को जारी किया है। कोई भी विद्यार्थी पीएमएस स्कॉलरशिप रिजेक्ट लिस्ट में अपना नाम देखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे प्रदेश का नाम, संस्थान का प्रकार इत्यादि।

जारी हुई रिजेक्शन सूची में नाम चेक करना

  • सबसे पहले आपको PMS Scholarship Institution Reject List को देखने के लिए इसकी आधिकारिक वेबसाइट को ओपन करना है।
  • वेबसाइट के होम पेज पर नीचे की ओर “View Rejected/ Defective Institution List” विकल्प को चुन लें।
  • आपको एक नया वेब पेज मिलेगा, इसके बाद आपने सभी मांगे गए प्रमाण-पत्र अपलोड करके “Submit” बटन दबा देना है।
  • इस तरह से कोई भी उम्मीदवार छात्र बड़ी सरलता से रिजेक्शन लिस्ट में नाम चेक कर सकता है।

पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप रिजेक्टेड लिस्ट देखने के लाभ

सभी उम्मीदवार छात्र ध्यान रखें कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की रिजेक्शन सूची को जरूर देखें, क्योकि यदि आपरिजेक्शन लिस्ट को देखते है तो आपको बहुत अधिक लाभ होने वाला है। साथ ही रिजेक्शन लिस्ट को देखने के और सभी लाभ नीचे दिए गए बिंदु में मिलेंगे –

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  • आप जान सकेंगे कि मेरा आवेदन स्वीकृत हुआ है अथवा नहीं।
  • आप आश्वस्त हो सकेंगे कि आपको छात्रवृति के पैसे मिलेंगे अथवा नहीं।
  • किसी कारण से छात्र का आवेदन पत्र अस्वीकृत हो जाने पर इसमें सुधार कर सकते है।

पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप रिजेक्टेड लिस्ट में नाम आने पर क्या करें?

यदि किसी उम्मीदवार छात्र का नाम इस पोस्ट मैट्रिक रिजेक्शन सूची में आ जाता है तो उसको इसमें सुधार करना होगा। इसके लिए आपको सबसे पहले आधिकारिक ईमेल एड्रेस पर मेल करना है। इस मेल में आपको विवरण देना है कि आपको क्या परेशानी है। ईमेल के मिलने के बाद अधिकारी यह समझने का प्रयास करेंगे कि आपकी परेशानी क्या है? इसके बाद आपकी समस्या को समझकर इसे अनलॉक करेंगे। अब आपको अपने फॉर्म को दुबारा “Submit” करना होगा।

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति के लिए योग्यताएँ

PMS को राज्य के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/ जनजाति के छात्रों को प्रवेशोत्तर प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में अस्थाई पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/ जनजाति के विद्यार्थियों को भी लाभार्थी बनाया जाता है। इस छात्रवृति के लिए निम्न प्रकार के विद्यार्थियों के आवेदन योग्य होंगें –

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  • उम्मीदवार छात्र प्रवेश का अस्थाई निवासी हो।
  • उस उम्मीदवार की जाति प्रदेश सरकार द्वारा तय की गयी पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/ जनजाति (SC/ST Category) की लिस्ट में नामांकित हो।
  • पीएमएस के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार छात्रों की आय सीमा आवेदक सहित माता-पिता/ अभिभावक की अधिकतम सालाना इनकम सत्र 2019-20 में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1.5 लाख रुपए और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 2.5 लाख रुपए होगी।
  • इसके अतिरिक्त सत्र 2020-21 में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 2.5 लाख रुपए एवं सत्र 2021 में 3 लाख रुपए निर्धारित की गयी है।
  • जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के माता-पिता/अभिभावकों के लिए सत्र 2019-20 एवं सत्र 2020-21 में सभी आय स्त्रोतों से अधिकतम सालाना आय 3 लाख रुपए तक हो।

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति के लिए योग्यताएँ

पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में सिर्फ मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद हायर क्लास में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को ही स्कॉलरशिप में आवेदन प्रक्रिया करनी चाहिए। कोई छात्र एक लेवल का पाठ्यक्रम को पास करने के बाद किसी दूसरे लेवल के समकक्ष पाठ्यक्रम के लिए आवेदन नहीं कर सकते है। एक उदाहरण से समझे – यदि कोई विद्यार्थी I.Sc की परीक्षा को पास कर लेता है और I.A, बीए की पढ़ाई के बाद बीकॉम अथवा एमएससी के बाद एमए के पाठ्यक्रम के प्रवेश लेता है तो इस मामले में छात्रवृति नहीं दी जाएगी।

  • पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों में परिवार के सिर्फ 2 पुत्रों को ही छात्रवृति का लाभ दिया जायेगा। किन्तु कन्याओं के मामले में यह नियम मान्य नहीं होगा।
  • लेकिन अनुसूचित जाति/ जनजाति (SC/ST Category) के उम्मीदवारों पर दो पुत्रों की बाध्यता वाला नियम मान्य नहीं होगा।

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इंस्टिट्यूट करेगा छात्रों के आवेदनों क सत्यापन

सभी उम्मीदवार विद्यार्थियों के किये ऑनलाइन आवेदन की सूचना वेबपोर्टल के द्वारा उस इंस्टिट्यूट के नोडल अधिकारी के लॉगिन खाते पर मिल जाएगी। इसके पश्चात सम्बंधित इंस्टिट्यूट के नोडल अधिकारी (nodal officer) की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने दायित्व को 15 दिनों के भीतर ही इंस्टिट्यूट में पंजीकृत हुए आवेदनों के वेरिफिकेशन एवं अप्रूव दे। किसी उम्मीदवार के आवेदन में त्रुटि होने पर वह सूचना जारी कर दी जाएगी ताकि सभी उम्मीदवार आवेदन को ऑनलाइन ही सही कर लें।

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