देश में लोकसभा 2024 के चुनावो की तैयारी में इण्डिया गठबंधन का कहना है कि दिसंबर में 5 राज्यों के विधानसभा इलेक्शन में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन सही हो सकता है। यदि पार्टी को एमपी, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में अच्छी बढ़त मिलती है तो इसका सीधा प्रभाव इण्डिया गठबन्धन पर पॉजिटिव रूप में पड़ेगा।
सदन और लाल किले से सरकार बनने के संकेत
पहले संसद में और इसके बाद आजादी के दिन लाल किले से अपने भाषण में पीएम मोदी ने तीसरी बार भी अपनी सरकार बनने के ठोस संकेत दिए है। अब मोदी के नेतृत्व में बीजेपी आगामी इलेक्शन हर वो संभव कोशिश करने वाली है जोकि उनके सरकार बनाने में जरुरी रहेगा। इस प्रकार से 2 बार देश के सर्वाधिक बड़े लोकतान्त्रिक मंचों पर पीएम मोदी का यह दावा विपक्ष के लिए बड़ा खतरा है।
अब देखने वाली बात तो यह है कि पीएम मोदी के अतिआत्मविश्वास को देखकर कांग्रेस और उनके 26 सहयोगी दल आगामी लोकसभा इलेक्शन में किस प्रकार से सामना करते है। क्या ये विपक्षी दल उस तरह से ही लड़ेंगे जैसे कि ये अपने प्रदेशो में विधानसभा चुनावो में लड़ते है। चूकि ऐसा कहते है कि मोदी का प्रभाव विधानसभा के इलेक्शन में वैसा नहीं रहा है जैसा कि लोकसभा चुनावों में रहा है।
![pm-modi-confidence-in-lok-sabha-election-2024-vs-india-alliance-alliance](https://hindisamachar.in/wp-content/uploads/2023/08/pm-modi-confidence-in-lok-sabha-election-2024-vs-india-alliance-alliance-1024x683.jpg)
2028 में तैयारी के साथ अविश्वास प्रस्ताव लाना – पीएम मोदी
पिछले दिनों ही विपक्ष में संसद में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की किन्तु कम संख्या बल के कारण से सरकार का पलड़ा भारी ही रहा। इसके बाद वोटिंग में अपनी पराजय को भांपते हुए पीएम मोदी के स्पीच के मध्य में ही विपक्षी दलों ने संसद से वॉकआउट करके अपनी इज्जत बचाने का प्रयास किया।
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सरकार एवं विपक्ष के बीच में जोरदार बहस के बाद ये साफ़ हो गया कि दोनों ही तरफ से किये जा रहे हमले से साल 2024 का लोकसभा चुनाव एनडीए के आत्मविश्वास एवं विपक्ष की उम्मीद को लेकर होगा। लोकसभा में विपक्ष की ओर से किये प्रश्नों के उत्तर देने के दौरान ही पीएम मोदी ने साल 2024 के इलेक्शन के बाद अपनी ही सरकार के तीसरी बार बनने बात कही। पीएम मोदी ने विपक्ष को चेताया भी कि अगली बार 2028 में अविश्वास प्रस्ताव को पूरी तैयारी के साथ ही लाए।
एनडीए के पास 9 वर्षों की सरकार का फायदा
पीएम का यही भरोसा बीजेपी और पूरे एनडीए में जोश भर देता है। विपक्षी नेता राहुल गाँधी ने अपनी सदस्यता वापिस मिलने के बाद सदन में बहस के दौरान मणिपुर मामले को भारत माता पर प्रहार बताकर राष्ट्रवाद पर दांव खेला है। अभी तक यह बीजेपी एवं संघ परिवार के एकाधिकार की बात है। राहुल गाँधी का यह विश्वास कांग्रेस के सभी नेताओं सहित ‘इण्डिया गठबंधन’ के 26 दलों के नेताओं का भी विश्वास है जोकि किसी भी स्थिति में अकेले बीजेपी से जीत नहीं सकते।
अभी तो स्थिति देखें तो 5 दशकों से ज्यादा सरकार कायम कर चुकी राष्ट्रिय पार्टी कांग्रेस भी अकेले बीजेपी को चुनौती देने की स्थिति में नहीं है। विपक्ष के सामने सत्ता पर मौजूद बीजेपी सहित एनडीए का मजबूत गठबंधन है जिसका नेतृत्व पीएम मोदी जैसे नेता कर रहे है। एनडीए के पास 9 सालों की सरकार एवं काफी संसाधन है। इससे ही बीजेपी और एनडीए को तीसरी बार सरकार बनाने का भरोसा मिलता है।
विपक्ष को इण्डिया नाम से उम्मीदे
अब कांग्रेस के साथ 26 दल नया गठबंधन करने में जुटे है जिनके पास ‘इण्डिया’ नाम से बीजेपी के राष्ट्रवाद के लिए देशभक्ति की उम्मीद है। इनमे सबसे प्रमुख है तीन बार पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने वाली ममता बैनर्जी और दिल्ली में अजेय रहे अरविन्द केजरीवाल। दक्षिण में देखें तो एमके स्टालिन द्रमुक पार्टी से, जिन्होंने लोकसभा 2019 में भी बीजेपी को जीत से रोका है। बिहार में लालू यादव एवं नितीश कुमार की राजद और जद (यू) है।
इसकी प्रकार से महाराष्ट्र में दिग्गज नेता शरद पंवार और उद्धव ठाकरे है जोकि केंद्र के खिलाफ राज्य में विकास अघाड़ी के मुख्य चेहरे है। यूपी में अजीत सिंह और एसपी के अखिलेख यादव है। इसके अतिरिक्त कुछ क्षेत्रीय दल भी एनडीए को चुनौती देने की तैयारी में है।