PF Withdrawal Rules : जब कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में किसी संगठित या असंगठित संस्था के साथ जुड़ता है, तो उसको
कम्पनी / संस्था के द्वारा पीएफ खाते की सुविधा दी जाती है। पीएफ में जमा पैसा दुःख बीमारी, बच्चों की शादी और बुढ़ापे आदि में काम आता है, जब कोई व्यक्ति अपनी नौकरी को छोड़ता है। या उसका रिटायरमेंट होता है, तो वो अपना पीएफ का पैसा निकाल सकता है।
पीएफ कर्मचारियों के मासिक वेतन से 12% काटा जाता है, और EPFO के द्वारा उसमे 12% जोड़ा जाता है। जिसके बाद हर 6 महीने में पैसे डबल हो जाते है। पीएफ का पूरा नाम ( Employee Provident Fund Organization – कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ) है। यह खाता प्राइवेट / सरकारी सेवा में कार्यरत लोगो की बचत का खाता होता है।
जब भी कोई व्यक्ति लम्बे समय तक किसी एक ही संस्था के साथ जुड़कर काम करता है, तो उसको एक अच्छी खासी रकम मिलती है। परन्तु प्रोविडेंट फण्ड का पैसा निकालने के लिए EPFO के द्वारा कुछ नियम बनाये गए है। कोई भी व्यक्ति उन नियम के विपरीत पैसे नहीं निकाल सकता है, आज हम आपको पीएफ निकालने के लिए बनाये गए नियमों की जानकारी देंगे।
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PF Withdrawal Rules: ये हैं पीएफ निकालने के नियम
पीएफ कुछ परिस्तिथियों में वन टाइम सेटलमेंट भी होता है, और कुछ में पीएफ का एक ही हिस्सा निकाला जा सकता है। पीएफ राशि को इमरजेंसी में ही निकाला जा सकता है, पीएफ फॉर्म निकालने के लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत भी होती है और पीएफ विड्राल करने के लिए कम्पोज़िट क्लेम फॉर्म में जानकारी दर्ज करनी होती है, और उसके बाद पीएफ कार्यालय में जमा कर कर दें।
आइये जानते है, पीएफ निकालने के नियम कौन कौन से है –
हेल्थ इशू होने पर पीएफ का पैसा निकाला जा सकता है
- यदि आपके माता – पिता, बच्चे, पत्नी किस गंभीर बीमारी से जूझ रहें है, तो पीएफ का पैसा विड्राल किया जा सकता है।
- इस स्थिति में किसी भी समय पैसा निकाला जा सकता है, इसके लिए सर्विस समय निर्धारित नहीं किया गया है।
- उम्मीदवार के पास उसके परिवार या खुद का एक महीने अस्पताल भर्ती का प्रूफ होने आवश्यक है।
- पीएफ के पैसों को मेडिकल ट्रीटमेंट लेने हेतु व्यक्ति अपने एम्प्लायर को ईएसआई के द्वारा जारी सर्टिफिकेट भी देना होगा।
- फॉर्म 31 की आवश्यकता होती है, पैसा निकालने के लिए और साथ मेडिकल डॉक्यूमेंट भी चाहिए होते है। जिससे EPFO वाले जानकारी को सत्यापित कर सकें।
- मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए व्यक्ति अपना पीएफ का पूरा पैसा निकाल सकता है।
पढ़ाई और शादी के लिए PF Withdrawal Rules
- कोई भी व्यक्ति अपने बच्चों की उच्च शिक्षा और शादी विवाह हेतु पीएफ का पैसा निकाल सकता है।
- इसके लिए व्यक्ति को नौकरी पर 7 साल हो जाने चाहिए, तभी शादी के लिए पैसे को निकाला जा सकता है।
- जिस काम के लिए पैसे निकाले जा रहें है, उसका प्रूफ होना चाहिए।
- उच्च शिक्षा के लिए कर्मचारी को फॉर्म 31 भरना होगा, और उसके बाद कुल जमा राशि का 50% ही निकाल सकते है।
- अपने बच्चों की उच्च शिक्षा हेतु कोई भी व्यक्ति पीएफ का पैसे 3 बार ही निकाल सकता है।
भूमि खरीदने हेतु नियम
- प्लाट ख़रीदने हेतु पीएफ का पैसा निकालने के लिए नौकरी का कार्यकाल 5 वर्ष का होना चाहिए।
- प्लाट पत्नी या कर्मचारी और वाइफ दोनों के नाम पर रजिस्टर्ड होना चाहिए।
- खरीदी गयी प्रॉपर्टी पर किसी प्रकार का विवाद नहीं होना चाहिए।
- इस कार्य में सैलरी का 24 गुना पीएफ का पैसा निकाला जा सकता है।
- प्लाट खरीदने के लिए एक ही बार पैसा निकाला जा सकता है।
प्री रिटायरमेंट पर भी पैसा निकाला जा सकता है
प्री रिटायरमेंट का मतलब होता है, जब व्यक्ति को 54 वर्ष की आयु में होता है। तो इस स्थिति में वो अपना पीएफ का 90% पैसा निकाल सकता है, परन्तु यह पैसा सिर्फ एक बार ही निकाला जा सकता है।
घर के नवीनीकरण के नियम
इस स्थिति में नौकरी पर कार्यरत हुए 5 वर्ष पुरे होने चाहिए, उसके बाद कोई भी अपनी सैलरी का अधिक से अधिक 12 गुना तक पीएफ पैसा निकाल सकता है। इस स्थिति में नौकरी के समय 2 बार पीएफ का पैसा निकाला जा सकता है।
घर बनाने के लिए पीएफ के नियम
घर बनाने के लिए सैलरी का अधिकतम 36 गुना पीएफ का पैसा निकाला जा सकता है, इसके लिए नौकरी पर 5 साल पुरे होने चाहिए। घर निर्माण के लिए पीएफ का पैसा नौकरी के समय 2 बार ही पैसा निकाला जा सकता है।
होम लोन का पैसा चुकाने के लिए PF Withdrawal Rules
इस स्थिति में नौकरी पर 10 साल पुरे होने चाहिए, और व्यक्ति अपनी सैलरी का अधिकतम 36 गुना पीएफ पैसा निकाल सकता है। इस परिस्तिथि में सिर्फ एक बार ही पैसा निकालने का प्रावधान है।