संसद में कब बजता है राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान, भारत का राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत में क्या अंतर है, क्या हैं नियम कानून

लोकसभा में पहले राष्ट्रगान धुन बजने के बाद विपक्षी पार्टियों के कुछ नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया और उन्होंने लोकसभा के अध्यक्ष से इसमें हस्तक्षेप की भी माँग की। इसके बाद अध्यक्ष ने इसको तकनीकी गलती बताकर आगे जाँच की बात कही।

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Reported by Pankaj Yadav

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सोमवार को संसद में लोकसभा का विशेष सत्र के काम की शुरुआत होने पर राष्ट्रगान की धुन बजने लगी और सदन में उपस्थित पीएम मोदी एवं सोनिया गाँधी सहित दूसरे नेता भी सम्मान देने के लिए खड़े होने लगे। किन्तु ये राष्ट्रगान की धुन गलती से बजी थी तो इसको तत्काल रोका भी गया।

लोकसभा में पहले राष्ट्रगान धुन बजने के बाद विपक्षी पार्टियों के कुछ नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया और उन्होंने लोकसभा के अध्यक्ष से इसमें हस्तक्षेप की भी माँग की। इसके बाद अध्यक्ष ने इसको तकनीकी गलती बताकर आगे जाँच की बात कही।

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विपक्षी दलों ने अपना विरोध दिखाया

लोकसभा में विशेष सत्र की कार्यवाही के शुरू होने पर ही अध्यक्ष ओम प्रकाश बिरला (Om Prakash Birla) के अपनी सीट पर बैठने से पूर्व ध्वनि यंत्रो पर राष्ट्रगान की धुन बजने लगी। इस गलती पर ध्यान जाने पर इसको बजाना बंद भी किया गया। संसद के किसी भी सत्र से पूर्व राष्ट्रगान की धुन को बजाकर मीटिंग को शुरू करते है।

लोकसभा के अध्यक्ष के सदन में आने से पहले राष्ट्रगान की धुन को विशेष सत्र को शुरू करने से पहले ही कांग्रेस के नेता गौरव गोगोइ (Gaurav Gogoi) एवं बीएसपी नेता दानिश अली सहित कुछ नेताओं ने विरोध किया।

इसके तुरंत बाद ही ओम प्रकाश बिरला ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभी सदस्य शांत रहे ये किसी इलेक्ट्रॉनिक तकनीकी गलती से हुआ है और वो इसकी जाँच करवाएंगे। इसी बीच कॉंग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने भी कहाँ कि आप (अध्यक्ष) हमारे संरक्षक है और जिस समय आपका अपमान होता है तो हमको अच्छा नहीं लगता है।

ये एक टेक्निकल चूक – अध्यक्ष ओम प्रकाश बिरला

विपक्षी पार्टियों के इस घटना पर हंगामा करने पर अध्यक्ष ओम प्रकाश बिड़ला ने भी कहा कि कोई अपमान नहीं हुआ है ये एक टेक्निकल त्रुटि है और इसको संज्ञान में लाकर इस गलती की जाँच कराई जाएगी। अधीर राजन चौधरी के शोर करने पर अध्यक्ष ने कहा कि ये व्यवस्था ठीक नहीं है। कृपया बैठे, बैठिए।

परम्परा क्या रही है?

अभी तक की परंपरा के अनुसार संसद में नए सत्र को शुरू करने से पहले सदन में राष्ट्रगान यानी ‘जन-गण-मन…’ बजता है और सत्र के समाप्त होने पर राष्ट्रगीत यानी ‘वन्दे मातरम’ बजता है। ध्यान रखें कि सत्र के प्रारम्भ होने पर अध्यक्ष के आने पर राष्ट्रगान होता है और फिर आगे की कार्यवाही हो सकती है। किन्तु आज गलती ये हो गई कि अध्यक्ष के आने से पूर्व ही राष्ट्रगान बजने लगा था।

राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत का अन्तर

दिल्ली हाई कोर्ट के मुताबिक़ दोनों एक ही स्तर पर खड़े होते है और देश के हर एक व्यक्ति को इनका सम्मान करना चाहिए। गृह मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रगीत देश की जनता की भावना एवं आत्मा में एक विशिष्ठ एवं अद्वितीय जगह रखता है।

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केंद्र सरकार का पक्ष

केंद्र सरकार ने साफ़ किया है कि राष्ट्रगीत को लेकर इस प्रकार की दंडात्मक प्रावधान नहीं किये है और इस प्रकार की दशाओ को तय करने के किसी निर्देश को जारी नहीं किया है। सरकार ने उपाध्यक्ष की इस प्रकार की पिछली वाली याचिका पर उच्चतम न्यायलय के फैसले का उल्लेख किया है।

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धनखड़ ने G20 की कामयाबी की सराहना की

इसी बीच कार्यवाही हे दौरान राजयसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सरकार की G20 समिट में सफलता की सराहना भी की। उन्होंने कहा – भारत, मध्य पूर्व, यूरोप आर्थिक कॉरिडोर एवं जैव ईंधन गठबन्धन को शुरू करने में देश के भविष्य के बीज बोए गए है। इसमें भारत जरुरी भूमिका निभाएगा।

पीएम मोदी ने पिछले 75 वर्षो की संसदीय यात्रा पर बातें और पीएम ने ही चर्चा की शुरुआत भी की। मोदी के अनुसार, अब भारत के पास आगे उन्नति के मौके है और हम पुराना संसद भवन छोड़ने के बाद नए भवन में प्रवेश लेंगे।

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