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महाराष्ट्र से अलग होकर मुंबई बनेगा केंद्र शासित प्रदेश, फिर बाहर आया मुंबई के अलग राज्य का जिन्न, कांग्रेस ने कही ये बात

क्या देश में एक और केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा सकता है? देश में आज कल इस विषय पर बहुत अधिक चर्चा की जा रही है कि क्या मुंबई को महाराष्ट्र से अलग किया जा सकता है। कांग्रेस द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार का आकस्मिक तरीके से बुलाये गए सांसद सत्र का मुख्य एजेंडा यह हो सकता है कि महाराष्ट्र को तोडा जाये और मुम्बयई को अलग राज्य बनाया जाये। केंद्र सरकार द्वारा सितम्बर के बीच में संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है जिसकी घोषणा के बाद से ही विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी पर आरोपो का हमला बोल दिया है और सभी इस सत्र का एजेंडा भी पूछ रहे है।

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महाराष्ट्र से अलग होकर मुंबई बनेगा केंद्र शासित प्रदेश, फिर बाहर आया मुंबई के अलग राज्य का जिन्न, कांग्रेस ने कही ये बात

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया है कि सांसद के आने वाले विशेष सत्र का एजेंडा मुंबई को राज्य से अलग करके उसको एक केंद्र शासित प्रदेश घोषित करना है। नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोविड महामारी, नोटबंदी या मणिपुर जैसे गंभीर मुद्दों पर कभी विशेष सत्र नहीं बुलाया लेकिन अब सत्र को सरकार की मर्जी के मुताबिक बुलाया गया है। क्योंकि अब सरकार इस सत्र में मुंबई को केंद्र शासित देश घोषित किया जायेगा और इसका महाराष्ट्र से अलग कर दिया जायेगा। हालाँकि अभी तक केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितम्बर तक के लिए गए संसद विशेष सत्र (Special Parliament Session) का एजेंडा नहीं बताया है। जिस वजह से सत्र की वजह के लिए अलग अलग अनुमान लगाए जा रहे है। 18 सितम्बर से इस संसद विशेष सत्र की शुरुआत होगी सम्भावना है कि ये सत्र नई संसद में होगा।

प्रमुख शेयर बाजारों को किया जायेगा स्थानांतरित – नाना पटोले

पटोले ने आरोप लगाया है कि मुंबई एक अंतर्राष्ट्रीय शहर और आर्थिक राजधानी है, मुंबई की अहम इकाईयो जैसे इंटरनेशनल सर्विसेज सेण्टर, एयर इंडिया और हीरा बाजार सहित अन्य इकाईयो को दूसरे शहर में स्थानांतरित किया जा रहा है। पटोले ने कहा कि दोनों प्रमुख शेयर बाज़ारों बीएसई और एनएसई को गुजरात स्थानांतरित किए जाने की योजना बनाई जा रही है। पटोले के दावे के साथ कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार इस राज्य विरोधी फैसले के बीच सबसे बड़ी अड़चन थी इसलिए केंद्र द्वारा उस सरकार को गिरा दिया गया। महाविकास आघाड़ी (MVA) में शिवसेना (यूबीटी), राकांपा एवं कांग्रेस शामिल है।

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