ड्राइविंग लाइसेंस – ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा के ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है। यदि आप भी अपने लिए डीएल बनवाना चाहते है, तो उसके लिए आपको ऑनलाइन पोर्टल पर जाना होगा।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियम – सरकार के द्वारा डीएल बनाने में कुछ नए परिवर्तन किये गए है। अब किसी को भी डीएल बनवाने के लिए आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। केंद्र सरकार ने डीएल बनवाने के लिए एक नया नियम लागू किया है, अब किसी भी यूजर को डीएल के लिए ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। जोकि देश के लोगों के लिए बहुत ही ख़ुशी की बात है।
केंद्र सरकार और परिवहन मंत्रालय ने मिलकर ड्राइवर प्रशिक्षण केन्द्रो में डीएल प्रशिक्षण सफलतापूर्वक होने के बाद उम्मीदवारों को डीएल जारी करने के आदेश भी दिए है। सरकार की यह एक बहुत ही अच्छी पहल है, उम्मीदवारों को घंटों आरटीओ की लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। जिससे उनके समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
नए ड्राइविंग लाइसेंस के नियम
भारत में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए नए नियम लागू हुए है, सरकार के द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है। की वो डीएल कार्य प्रणाली को सरल और आसान बनाए। यह प्रक्रिया सभी राज्यों में एक समान होगी, नए ड्राइविंग लाइसेंस नियम के साथ ड्राइविंग स्कूल स्थापित करने के लिए नियम लागू किये गए है।
इस नियम के तहत ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देना आवश्यक नहीं है, केंद्र सरकार के द्वारा ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों को 5 वर्षो के लिए वैध किया जाएगा, उसके बाद उनको अपना नवीनीकरण दुबारा से करवाना होगा।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते समय पालन करने वाले नियम
- सरकार के द्वारा ड्राइविंग स्कूल के निजी ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक नए नियम बनाये है।
- ड्राइविंग स्कूल के पास कम से कम एक एकड़ भूमि का होना आवश्यक है।
- ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र को प्रशिक्षण सुविधा तक पहुंच होनी चाहिए।
- ड्राइवर शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र में ली जाने वाली परीक्षा में पास होना आवश्यक है।
- ड्राइविंग स्कूल द्वारा लिए जाने वाले प्रशिक्षण में कम से कम दो भाग होने चाहिए, व्यावहारिक और सैद्धांतिक।
- सैद्धांतिक 8 घंटे का होना चाहिए, और व्यावहारिक 21 घंटे का होना चाहिए।
- प्रशिक्षक के लिए कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए।
- प्रशिक्षक बायोमेट्रिक और कंप्यूटर का प्रयोग करना आना चाहिए।
- हल्के वाहनों का प्रशिक्षण चार हफ्ते तक चलना चाहिए, और न्यूनतम 29 घंटो में सम्पूर्ण होना चाहिए।
ड्राइविंग लाइसेंस
डीएल एक सरकारी दस्तावेज ( आईडी ) होती है, जब आप वाहन चलाने के योग्य हो जाते है। और 18 वर्ष से अधिक हो जाते है, तो टू व्हीलर और फोर व्हीलर के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते है। जो आवेदनकर्ता अपना डीएल बनवाना चाहते है, उनको सड़क और राजमार्ग परिवहन के द्वारा निर्धारित की गयी पात्रता को पूरा करना होगा। उसके बाद ही वो व्यक्ति लाइसेंस के लिए अप्प्लाई कर सकता है।
वाहन चलाते समय यदि आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता है, तो आपको उसके लिए जुर्माना भी देना होता है। सन 1988 में मोटर परिवहन एक्ट के तहत यह नियम आया था, की कोई भी व्यक्ति बिना डीएल के वाहन का प्रयोग नहीं कर सकता है।
ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज
- एड्रेस प्रूफ डॉक्यूमेंट
- जन्म प्रमाण पत्र
- हस्ताक्षर
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट फोटो
- आधार कार्ड
- लर्निंग लाइसेंस नंबर
- निवास प्रमाण पत्र
ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन हेतु पात्रता (नियम)
- उम्मीदवार भारत देश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- उम्मीदवार 18 वर्ष की आयु से अधिक होना चाहिए।
- उम्मीदवार फिजिकली फिट होना चाहिए।
- परिवार की रजामंदी होनी चाहिए।
- आवेदनकर्ता को ट्रैफिक नियम की जानकारी होनी चाहिए।
- गियर वाले वाहन हेतु आवेदनकर्ता की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।