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केंद्र सरकार देश का नाम ‘INDIA’ से बदलकर ‘भारत’ करने की तैयार में, संसद के विशेष सत्र में प्रस्ताव आ सकता है

INDIA vs BHARAT: केंद्र सरकार के बुलाए गए विशेष सत्र में बहुत से मामलों के साथ ही देश का नाम INDIA से 'भारत' किये जाने के प्रस्ताव की चर्चा हो रही है। अभी हुए G-20 के राष्ट्रपति रात्रिभोज में भी प्रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया के स्थान पर 'प्रेजिडेंट ऑफ भारत' का प्रयोग हुआ है।

अभी केंद्र सरकार ने देश में आयोजित हो रहे G-20 समिट को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इसको लेकर राजनीति में काफी चर्चाएँ जोर पकड़ चुकी है। किन्तु इन सभी बातो के बीच में एक और मामला सामने आया है कि सरकार की मंशा देश का अंग्रेजी नाम बदलने की है।

अब खबरे आ रही है कि संसद के इस विशेष सत्र में केंद्र सरकार ने देश का नाम अंग्रेजी के INDIA से ‘भारत’ करने का प्रस्ताव रखना है। लेकिन संसद के विशेष सत्र में क्या होगा, इस बात को लेकर सिर्फ अनुमानों का ही दौर चल रहा है। किन्तु मंगलवार को इस नाम बदलने की खबर ने सभी का ध्यान जरूर खिंचा है।

INDIA महागठबंधन के लिए बड़ी खबर

देश का नाम बदलने के बाद इसका सार्वजानिक एवं सारभौमिक नाम ‘भारत’ हो जायेगा। उम्मीद है कि बहुत जल्दी ही देश को इंडिया कहा जाना पुराने समय की बात कहलाएगी। इसके बहुत से परिणाम तो होने वाले है किन्तु इसका सबसे बड़ा प्रभाव हाल ही में विपक्षी दलों द्वारा तैयार किये I.N.D.I.A. महागठबंधन पर पड़ने वाला है। जोकि अपने को देशहित का दूसरा नाम मानने के लिए INDIA शब्द को संक्षेप में प्रयुक्त कर रहे है।

देश का नाम बदलने के संकेत कैसे मिले?

अब किसकी क्या मंशा है ये तो आने वाला समय ही सही बता सकता है। किन्तु नाम बदलने का प्रभाव लोगो की भावनाओं पर जरूर पड़ेगा। देश के नाम को बदलने की योजना का पता सोमवार शाम से मंगलवार की सुबह चलने लगा है।

आज यानी मंगलवार की सुबह को ही देश के प्रेजिडेंसी G-20 ने नए हैंडल G-20 भारत की लॉन्चिंग की है। ये G-20 के लिए एक्स्ट्रा एक्स खाता रहने वाला है जिसके अंतर्गत G-20 से जुडी जानकारियाँ भारत के ऑफिसियल नेम से पब्लिश होगी।

G-20 के डिनर इनविटेशन में भी ‘भारत’ लिखा गया

एक अन्य मामले में प्रेजिडेंट हाउस में 9 सितम्बर के दिन हुए G-20 रात्रिभोज के लिए जारी किये इनविटेशन कार्ड में भी “भारत के राष्ट्रपति” यानी President of India लिखा गया है। इससे पहले के समय तक इसमें ‘President of India’ ही लिखने का प्रचलन देखा जा रहा है।

कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने भी इसको लेकर एक्स पर पोस्ट लिखा है – ‘प्रेजिडेंट हाउस ने 9 सितम्बर के G-20 डिनर के लिए सामान्य ‘President of India’ के बजाए ‘President of Bharat’ नाम से निमन्त्रण भेजा है। वे इस बात की पुष्टि करते हुए एक फोटो भी साझा कर रहे है जोकि एक मिनिस्टर को भेजा गया है।

President dinner invitation
President dinner invitation

नाम में परिवर्तन की माँग बहुत से सांसदों ने की

ऐसे ही सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के राज्य सभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने देश के संविधान से ‘इंडिया’ शब्द को हटाए जाने की माँग की है। उनके मुताबिक़ India शब्द गुलामी का पर्याय है और संविधान संसोधन के द्वारा इसे हटाना चाहिए।

हरनाथ से मिलती-जलती बात नरेश बंसल भी कहते है। ये सांसद मानते है कि क्या किसी देश के 2 नाम हो सकते है? ऐसे सांसदों के अनुसार इंडिया गुलामी को दर्शाता है वही भारत हमारी विरासत को पहचान देता है।

देश का नाम केवल ‘भारत’ हो – RSS

अभी की बात को छोड़कर थोड़ा समय पुरानी बात करें तो RSS भी इस तरह की माँगों को जोर देता आया है। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने पिछले शुक्रवार को कहा था – ‘इंडिया के स्थान पर भारत का प्रयोग हो और लोगो को इसको अपनी आदत में जोड़ना चाहिए। भारत का नाम प्राचीन समय से चल रहा है और इसको आगे लाना चाहिए।’

सकल जैन कार्यक्रम में भागवत ने कहा, ‘हमारे देश का नाम सदियों से भारत रहा, भाषा कोई भी हो, नाम एक ही रहता है।’

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