भारतीय संविधान के अनुसार हमारे देश को भारत और इंडिया नाम से पुकारा जाता है। हाल ही में होने वाले G 20 सम्मलेन में सम्मिलित होने वाले देश के सभी प्रतिनिधियों को रात्रिभोज के लिए भेजा गया है। आमंत्रित करने के लिए निमंत्रण पत्र पर अंग्रेजी भाषा में President of india लिखा हुआ होता है लेकिन इस बार भारत के राष्ट्रपति को President of bharat के नाम से निमंत्रण पत्र लिखा गया था। जिस वजह से इस बाद पर काफी चर्चा भी हुई। कुछ लोग इस बाद के पक्ष और विपक्ष में थे। इस मुद्दे की शुरुवात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे निमंत्रण पत्र से हुई उसके बाद इसकी चर्चा पुरे देश में फ़ैल गई।
संविधान में भारत और इंडिया दोनों शब्दो का प्रयोग
वैसे तो इस मामले में कई बार चर्चा हो चुकी है की देश को भारत बोले या फिर इंडिया। हमारे देश के संविधान अनुच्छेद 1.1 में लिखा है कि आधिकारिक मामलों के लिए देश को India , that is Bharat, shall be an union of state और हिंदी में भारत, अर्थात इंडिया नाम से लिखा हुआ है।
देश के संविधान में दोनों भारत ऑफ़ india शब्द का प्रयोग किया गया है। मतलब दोनों ही शब्द सही है। लेकिन अलग -अलग लोगों के अपने -अपने तथ्य है जिससे हम गलत भी नहीं बोल सकते है। पौराणिक साहित्य और महाभारत में भी भारत और भारतवर्ष का उल्लेख किया गया है।
2014 में सुप्रीम कोर्ट में भी गया ये मामला
यह मामला 2014 में भी गया याचिका की मांग गई थी की केंद्र सरकार इंडिया का नाम बदलकर भारत कर दे सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस एचएल दत्तू और जस्टिस एके सीकरी ने इस मुद्दे को सरकार के सम्बंधित विभाग में जाने की राय दी।
केंद्र सरकार का कहना है कि देश को इंडिया की जगह भारत कहने की जरूरत नहीं
सन 2015 में केंद्र सरकार ने आदेश दिया था की देश को इंडिया की जगह भारत कहने की आवश्यकता नहीं है। इस मुद्दे पर संविधान सभा में बहुत बहस हुई थी और ये भी कहा गया की भारत नाम संविधान के मूल ड्राफ्ट में शामिल नहीं था संविधान संशोधन करने की जरुरत नहीं है। यदि भविष्य में सभी जगह पर इंडिया की भारत किया जायेगा तो तब संविधान में संशोधन किया जायेगा।
भारतीय संविधान के अनुसार दोनों शब्द सही है इसलिए इस मुद्दे पर अधिक चर्चा न की जाएं।
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अनुच्छेद 368 में लिखा है
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 में लिखा हुआ है कि यदि किसी मुद्दे पर बहुमत 50% तक होते है तो संसोधन की जरुरत है लेकिन कुछ मुद्दों के लिए कम से कम दो -तिहाई संसद समर्थन की आवश्यकता होती है।
संवैधानिक प्रक्रिया क्या कहती है
अनुच्छेद -1 में लिखा है – ‘इंडिया, दैट इज भारत, जो राज्यों का संघ होगा (India, that is Bharat, shall be a Union of States). इसमें भारत और इंडिया दोनों नाम का उल्लेख किया है और मान्यता प्राप्त है। यदि संविधान के इस अनुच्छेद में सुधार करना होगा तो सरकार को संसद में बिल पेश करना होगा। फिर जिस पक्ष को अधिक मत मिलेगा उसे ही देश का नाम घोषित किया जायेगा।
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