EPFO के नए नियमों में बदलाव: पेंशन, PF और इंश्योरेंस में डिफॉल्ट पर लगेगा कम जुर्माना, जानिए क्या होगा असर

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नियोक्ताओं के लिए प्रोविडेंड फंड, पेंशन और इंश्योरेंस कंट्रीब्यूशन में देरी पर लगने वाले जुर्माने को कम कर दिया है। अब जुर्माना प्रति माह 1 प्रतिशत या 12 प्रतिशत सालाना होगा, जिससे नियोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

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Reported by Sheetal

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EPFO के नए नियमों में बदलाव: पेंशन, PF और इंश्योरेंस में डिफॉल्ट पर लगेगा कम जुर्माना, जानिए क्या होगा असर
Less penalty will be imposed on default in pension, PF and insurance

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने प्रोविडेंड फंड (Provident Fund), पेंशन (Pension) और इंश्योरेंस कंट्रीब्यूशन (Insurance Contribution) में चूक या देरी करने वाले नियोक्ताओं पर लगने वाले पेनल चार्ज को कम कर दिया है। यह निर्णय नियोक्ताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि अब जुर्माने की दर पहले से काफी कम हो गई है।

नए नियम क्या कहते हैं?

श्रम मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, अब नियोक्ताओं को कर्मचारी पेंशन योजना (EPS), कर्मचारी भविष्य निधि योजना (EPF) और कर्मचारियों के लिए जमा-लिंक्ड इंश्योरेंस योजना (EDLI) में प्रति माह बकाया योगदान का 1 प्रतिशत या प्रति वर्ष 12 प्रतिशत की दर से जुर्माना देना होगा। यह बदलाव नियोक्ताओं के वित्तीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से किया गया है।

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पहले कितना लगता था जुर्माना?

पहले नियोक्ताओं पर चूक के आधार पर निम्नलिखित दरों से जुर्माना लगता था:

  • दो महीने तक की चूक पर 5 प्रतिशत सालाना।
  • दो से चार महीने तक की चूक पर 10 प्रतिशत सालाना।
  • चार से छह महीने तक की चूक पर 15 प्रतिशत सालाना।
  • छह महीने से अधिक की चूक पर 25 प्रतिशत सालाना।

अब यह जुर्माना प्रति माह 1 प्रतिशत या 12 प्रतिशत सालाना कर दिया गया है।

नए जुर्माने का नियम कब से लागू होगा?

नया जुर्माना नियम श्रम मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन की तिथि से लागू होगा। इसका मतलब है कि अब नियोक्ताओं को जुर्माने की दर में बड़ी राहत मिलेगी।

नियोक्ताओं पर असर

इस नए नियम के तहत, नियोक्ताओं को अब कम जुर्माना देना होगा। अगर वे दो महीने या चार महीने की चूक करते हैं, तो उन्हें हर महीने 1 प्रतिशत के हिसाब से ही जुर्माना देना होगा। इसका मतलब है कि जुर्माने की राशि में दोगुनी से ज्यादा कमी आई है।

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वर्तमान नियमों के अनुसार, नियोक्ताओं को हर माह की 15 तारीख को या उससे पहले पिछले माह का रिटर्न EPFO के पास दाखिल करना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो देरी को डिफॉल्ट माना जाएगा और जुर्माना लागू होगा।

क्या है EPFO?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) एक सरकारी संगठन है जो कर्मचारियों के भविष्य निधि (Provident Fund), पेंशन (Pension) और इंश्योरेंस (Insurance) संबंधी सेवाओं का प्रबंधन करता है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों के वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। EPFO के तहत तीन प्रमुख योजनाएं आती हैं:

  1. कर्मचारी भविष्य निधि योजना (EPF)
  2. कर्मचारी पेंशन योजना (EPS)
  3. कर्मचारियों के लिए जमा-लिंक्ड इंश्योरेंस योजना (EDLI)

यह निर्णय नियोक्ताओं को वित्तीय राहत देने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे न केवल जुर्माने की दर कम होगी, बल्कि नियोक्ताओं को समय पर अपने कर्मचारियों के योगदान का भुगतान करने में भी आसानी होगी। इसके अलावा, यह कदम कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय पर योगदान का भुगतान उनके भविष्य के लिए सुनिश्चितता प्रदान करता है।

नियोक्ताओं को क्या करना चाहिए?

नियोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे समय पर अपने कर्मचारियों के प्रोविडेंड फंड, पेंशन और इंश्योरेंस कंट्रीब्यूशन का भुगतान करें। इसके अलावा, EPFO के नियमों का पालन करें और समय पर रिटर्न दाखिल करें। इससे न केवल जुर्माना कम होगा, बल्कि कर्मचारियों की भलाई भी सुनिश्चित होगी।

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