यदि आप एक कर्मचारी हैं और आपकी सैलरी का एक हिस्सा EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) में योगदान होता है, तो आपको यह जानना जरूरी है कि आपका और आपके नियोक्ता का योगदान दो भागों में विभाजित होता है। एक हिस्सा EPF खाते में जमा होता है और दूसरा हिस्सा EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) में। आवश्यकता पड़ने पर आप अपने ईपीएफ खाते से आंशिक राशि निकाल सकते हैं। हालांकि, पूरे फंड की निकासी केवल लगातार दो महीने तक बेरोजगार रहने या रिटायरमेंट के बाद ही की जा सकती है।
ईपीएफ खाते से फंड निकालने के लिए सही फॉर्म का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। इसी तरह, EPS में साल दर साल जमा हो रही राशि के लिए भी नियम बनाए गए हैं। यदि किसी कर्मचारी का EPS खाते में योगदान 10 साल तक रहा है तो वह रिटायरमेंट के बाद ईपीएफओ से पेंशन प्राप्त करने का हकदार होता है। लेकिन अगर योगदान 10 साल से कम है तो वह फुल एंड फाइनल सेटलमेंट कर सकता है। EPS के पैसे निकालने के लिए फॉर्म 10C और फॉर्म 10D की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं कि कब कौन सा फॉर्म उपयोगी होता है।
फॉर्म 10C की आवश्यकता
EPFO के नियमों के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी की नौकरी की अवधि 10 साल नहीं है और वह अपने EPF का फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करना चाहता है, तो उसे फॉर्म 10C भरना होता है। इसके अलावा, इस फॉर्म का उपयोग पेंशन योजना सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। इस सर्टिफिकेट के माध्यम से आप अपने बैलेंस को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में ट्रांसफर करवा सकते हैं।
फॉर्म 10C भरने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
- सबसे पहले EPFO की वेबसाइट से फॉर्म 10C डाउनलोड करें।
- फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी जैसे आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN), नाम, जन्म तिथि, बैंक डिटेल्स आदि भरें।
- फॉर्म पर अपने हस्ताक्षर करें और नियोक्ता से भी साइन करवाएं।
- फॉर्म को EPFO के संबंधित कार्यालय में जमा करें।
फॉर्म 10D का उपयोग
यदि किसी व्यक्ति ने 10 वर्षों या उससे अधिक समय तक नौकरी करके ईपीएफ पेंशन खाते में अपना योगदान किया है तो वह रिटायरमेंट के बाद EPFO से पेंशन प्राप्त कर सकता है। इस स्थिति में, रिटायरमेंट के बाद पेंशन लाभ प्राप्त करने के लिए उसे फॉर्म 10D भरना पड़ता है। इसके अलावा, किसी अन्य परिस्थिति में भी यदि व्यक्ति EPFO से पेंशन पाने का पात्र है तो उसे फॉर्म 10D भरना आवश्यक होता है।
EPF क्लेम फॉर्म 31 और 19 की आवश्यकता कब?
नौकरी के दौरान पैसों से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए जब आप अपने पीएफ बैलेंस का कुछ हिस्सा या एडवांस पीएफ निकालते हैं, तब आपको पीएफ निकासी फॉर्म 31 की आवश्यकता होती है। इसे ईपीएफ क्लेम फॉर्म 31 (EPF Claim Form 31) भी कहा जाता है। जरूरत के हिसाब से निकासी के नियम अलग-अलग होते हैं। वहीं, जब आपको EPF के पूरे फंड की निकासी करनी होती है तो आप पीएफ निकासी फॉर्म 19 का उपयोग करते हैं। इसे ईपीएफ क्लेम फॉर्म 19 (EPF Claim Form 19) भी कहा जाता है।
EPFO के विभिन्न फॉर्म्स का सही उपयोग आपके पेंशन और फंड निकासी के प्रक्रिया को आसान बना सकता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप सही फॉर्म को पहचानें और समय पर सही तरीके से भरें। EPFO की वेबसाइट पर उपलब्ध गाइडलाइंस और सहायता सेवाओं का लाभ उठाएं।