EPFO New Rules: खाता धारक की मौत के बाद क्लेम के लिए आधार की जरूरत? जानें क्या हैं नए नियम

EPFO ने डेथ क्लेम के नियमों को बदलते हुए नॉमिनी के लिए क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। नए नियमों के तहत, पीएफ अकाउंट की राशि आधार से लिंक न होने पर भी नॉमिनी को मिल जाएगी, जिससे प्रक्रिया तेज और फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।

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Reported by Sheetal

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EPFO New Rules: खाता धारक की मौत के बाद क्लेम के लिए आधार की जरूरत? जानें क्या हैं नए नियम
EPFO New Rules

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में डेथ क्लेम के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों को लेकर EPFO ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिससे क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया सरल और तेज हो गई है। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से।

नए नियमों के तहत क्या बदला है?

EPFO के नए नियमों के अनुसार, अगर किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है और उसका पीएफ अकाउंट आधार से लिंक नहीं होता है, तो भी पीएफ अकाउंट की राशि नॉमिनी को मिल जाएगी। इससे पहले, आधार से लिंक और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में काफी समय लगता था, जिससे क्लेम सेटलमेंट में देरी होती थी।

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नए नियमों के लागू होने के बाद, डेथ क्लेम सेटलमेंट में कम समय लगेगा और प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी। अब फिजिकली वेरिफाई करने और रीजनल ऑफिसर की परमिशन के बाद पीएफ अकाउंट की राशि नॉमिनी को मिल जाएगी।

EPFO ने क्यों बदले नियम?

EPFO ने बताया कि रीजनल अधिकारियों को आधार से लिंक और वेरिफाई करने में काफी समय और परेशानी हो रही थी। इसके अलावा, डेथ क्लेम सेटलमेंट में भी देरी हो रही थी। जब किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उसके आधार में मौजूद जानकारी में सुधार नहीं किया जा सकता है। इसलिए, अब फिजिकली वेरिफिकेशन के बाद ही क्लेम सेटल किया जाएगा।

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फर्जीवाडे को रोकना अनिवार्य है

EPFO ने यह भी बताया कि कई लोग डेथ क्लेम के जरिए फर्जीवाड़ा कर रहे थे। इस फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए भी EPFO ने यह कदम उठाया है। अब नॉमिनी या परिवार के सदस्य की फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद ही क्लेम सेटल होगा, जिससे फर्जीवाड़े की संभावनाएं कम हो जाएंगी।

नए नियमों के अनुसार कैसे होगा क्लेम सेटलमेंट?

नए नियमों के अनुसार, क्लेम सेटलमेंट से पहले नॉमिनी या परिवार के सदस्य की वेरिफिकेशन और जांच की जाएगी। इसके बाद ही राशि दी जाएगी। यह स्थिति तब लागू होगी जब पीएफ अकाउंट होल्डर की डिटेल्स बैंक अकाउंट से अलग होंगी। यदि पीएफ मेंबर के पास गलत यूएएन होता है, तो प्रक्रिया अलग होगी। यदि पीएफ अकाउंट में नॉमिनी का नाम एड नहीं होता है, तो इस स्थिति में पीएफ का पैसा पीएफ मेंबर के उत्तराधिकारी को मिलेगा। इसके लिए उत्तराधिकारी को आधार कार्ड (Aadhaar Card) देना होगा।

EPFO के नए नियमों से न केवल क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया तेज और सरल होगी, बल्कि फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी। यह बदलाव नॉमिनीज और उत्तराधिकारियों के लिए एक राहत भरा कदम है, जो उन्हें समय पर और सही तरीके से उनका हक दिलाएगा।

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