EPF या EPFO – ईपीएफओ के द्वारा निजी और सरकारी कंपनियों / संस्थाओं में सैलरी में से 12% काटकर कर्मचारी के भविष्य के लिए सुरक्षित किया जाता है। यह पैसा किसी भी व्यक्ति के बुढ़ापे को सुरक्षित बनाता है। रिटायरमेंट के बाद ईपीएफओ ईपीएफ कर्मचारियों को एक अच्छी खासी रकम देती है, और ब्याज भी अच्छा देती है। इसलिए निवेश हमेशा सोच समझकर सुरक्षित जगह करना चाहिए। ईपीएफओ एक सरकारी संगठन है, यह कर्मचारियों के उनके पैसे और जानकारी गोपनीय रखने का विश्वास दिलाता है।
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EPFO क्या है ?
इसका पूरा नाम Employee Provident Fund Organization है, और इसको हिंदी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन बोलते है। यह भारत सरकार के द्वारा शुरू किया गया है, यह एक सरकारी संगठन है। जो कर्मचारियों को बीमा योजना और पेंशन प्रदान करता है, यह सभी कर्मचारियों की जानकारी गोपनीय रखता है, और सुरक्षित संगठन है।
31 मार्च 2022 में कर्मचारी संगठन से जुड़े लोगों की संख्या 27.74 करोड़ रूपये थी, इसके अलावा यह संगठन पेंशन, इंश्योरेंस आदि स्कीम भी चलाता है। भारत में ईपीएफओ के 21 झोनल कार्यालय, 138 रीजनल ऑफिस, 114 डिस्ट्रिक्ट कार्यालय और 5 स्पेशल स्टेट ऑफिस तथा 4 सर्विस सेण्टर है।
EPF क्या है ?
यह EPFO संगठन के द्वारा चलाई जाने वाली एक योजना होती है, ईपीएफ का पूरा नाम कर्मचारी भविष्य निधि है। जिस कंपनी में 20 से अधिक एम्प्लोयी कार्यरत होते है, उनको पीएफ की सुविधा दी जाती है।
पीएफ बेसिक सैलरी में से हर महीने 12% काटा जाता है, और इतना ही एम्प्लायर के द्वारा जमा किया जाता है। ईपीएफ में जो पैसा जमा होता है, उसमे चक्रवृद्धि ब्याज लगता है। नियोक्ता के द्वारा जो पैसा जमा किया जाता है, उसमें से 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना में जमा किया जाता है। और 3.67 EPF में जमा किया जाता है।
रिटायरमेंट के बाद पीएफ का सारा पैसा एकमुश्त कर्मचारी को दे दिया जाता है, और ईपीएस का पैसा पेंशन के रूप में मिलता है। रिटायरमेंट के बाद मिलने एकमुश्त राशि बुढ़ापे में आय का स्त्रोत होती है।
Why provident fund is so important?
— EPFO (@socialepfo) May 11, 2021
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EPF या EPFO क्या हैं इसके फायदे
फ्री इंश्योरेंस की सुविधा मिलती है
जब कर्मचारी का पीएफ खाता खोला जाता है, तो उसका खाता बाई इंशयोर्ड होता है। कर्मचारी डिपाजिट लिंक्ड इंश्योरेंस के माध्यम से 6 लाख रूपये का बिमा होता है। यदि ईपीएफओ में रजिस्टर्ड व्यक्ति की आकस्मिक दुर्घटना मृत्यु हो जाती है, तो क़ानूनी तौर पर वारिस को 6 लाख रूपये तक की राशि का भुगतान किया जाता है। कर्मचारी को यह केंद्र सरकार के द्वारा दिया जाता है।
टैक्स में छूट मिलती है
यदि टैक्स में छूट चाहते है, तो ईपीएफ सबसे अच्छा विकल्प है। ईपीएफ खाताधारक इनकम टैक्स की धरा 80सी के तहत सैलरी पर लगने वाले 12% की छूट मिलती है
रिटायरमेंट पेंशन स्कीम
पीएफ खाते में जमा कुल पैसे में से 8.33% कर्मचारी पेंशन स्कीम में जाता है, जो कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद एक पेंशन के रूप में मासिक आय की तरह आती है और बुढ़ापे में आय का स्त्रोत बनती है।
जरूरत के समय पैसे निकाले जा सकते है –
पीएफ एक फण्ड स्कीम है, इस खाते में से जरूरत के समय पैसे निकाले भी जा सकते है
बेरोजगारी / आय की हानि
यदि किसी कारणवश कर्मचारी की वर्तमान नौकरी चली जाती है, तो वो पीएफ के पैसों से अपने दैनिक खर्चे पुरे कर सकता है।
रिटायरमेंट से पहले सुविधा
यदि कोई व्यक्ति रिटायरमेंट से पहले पैसे निकालना चाहता है, तो वो 54 की उम्र में ईपीएफ का 90% पैसा निकाल सकता है।
ऑनलाइन पीएफ खाता जानकारी
UAN नंबर की सहायता से कही भी बैठकर पीएफ अकाउंट को देखा जा सकता है, और यदि नौकरी को बदलते है तो अपना खाता ट्रांसफर भी कर सकते है।
बच्चों की उच्च शिक्षा और शादी के लिए फण्ड निकालने का प्रावधान
ईपीएफ एक बचत खाते के साथ साथ लाभ देने वाला खाता भी है, यह अपने बच्चों की शादी और उच्च शिक्षा के समय पैसे निकालने की अनुमति देता है।