EPF, PPF और NPS: जानिए इनके बीच का अंतर और लाभ

भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए बचत बेहद जरूरी है। EPF, PPF और NPS जैसे योजनाएं इस दिशा में आपकी मदद कर सकती हैं। जानिए इन योजनाओं के फायदे और कैसे इनसे आप अपने रिटायरमेंट को सुरक्षित कर सकते हैं।

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Reported by Sheetal

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EPF, PPF और NPS: जानिए इनके बीच का अंतर और लाभ
Features and benefits of EPF, PPF and NPS

हर कोई चाहता है कि वह अपने लिए एक अच्छा फंड जमा करे। इसके लिए लोग EPF, PPF और NPS जैसी सरकारी योजनाओं में निवेश करते हैं। आइए जानते हैं इन योजनाओं के बारे में विस्तार से और समझते हैं कि इनमें क्या अंतर है और क्या फायदे हैं।

EPF Account

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) की शुरुआत 4 मार्च 1952 को हुई थी और यह श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन आता है। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत कर्मचारियों को भविष्य निधि, पेंशन और बीमा के लाभ मिलते हैं।

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प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले पेशेवरों के लिए यह सबसे अच्छा बचत विकल्प माना जाता है। 20 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी के कर्मचारियों की सैलरी का कुछ हिस्सा EPF अकाउंट में जमा किया जाता है। बेसिक सैलरी और डीए का 12% हिस्सा पीएफ फंड में जमा होता है और उतना ही हिस्सा नियोक्‍ता भी जमा करता है।

EPF पर जमा राशि पर कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट मिलता है। नियोक्ता के हिस्से का 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है, जबकि शेष 3.67% EPF में जमा होता है। रिटायरमेंट के बाद पीएफ की राशि एकमुश्त मिलती है और EPS की राशि पेंशन के रूप में मिलती है। वर्तमान में EPF पर 8.1% ब्याज मिलता है, जो अन्य बचत योजनाओं से अधिक है।

EPF के मुख्य लाभ

  1. ब्याज दर: वर्तमान में 8.1%
  2. रिटायरमेंट लाभ: एकमुश्त राशि और पेंशन
  3. सुरक्षा: EPFO के नियमों के तहत सुरक्षित

EPF के लिए योग्यताएं

  • EPF खाता केवल नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए होता है।
  • 20 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में अनिवार्य होता है।

EPF में योगदान

  • कर्मचारी का योगदान: बेसिक सैलरी और डीए का 12%
  • नियोक्ता का योगदान: बेसिक सैलरी और डीए का 12% (जिसमें से 8.33% EPS में और 3.67% EPF में)

PPF Account

सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) देश की सबसे पॉपुलर स्मॉल सेविंग स्कीम्स में से एक है। यह योजना निवेशकों के पैसे की सुरक्षा और बेहतरीन ब्याज दर प्रदान करती है। आप इसमें सालाना न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं।

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PPF में फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले अधिक ब्याज मिलता है। वर्तमान में सरकार PPF पर 7.1% सालाना ब्याज दे रही है। इसमें निवेश पर चक्रवृद्धि ब्याज भी मिलता है, जिसका सालाना आधार पर आंकलन होता है। आप इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत PPF में जमा राशि पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। PPF में निवेश, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि, तीनों टैक्स फ्री होती हैं।

PPF के मुख्य लाभ

  1. ब्याज दर: 7.1% प्रति वर्ष
  2. निवेश अवधि: 15 साल (5-5 साल के लिए एक्सटेंशन संभव)
  3. टैक्स लाभ: 80C के तहत टैक्स छूट
  4. सुरक्षा: सरकारी गारंटी

PPF के लिए योग्यताएं

  • कोई भी भारतीय नागरिक PPF खाता खोल सकता है।
  • नाबालिग बच्चों के नाम पर भी PPF खाता खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए एक अभिभावक की आवश्यकता होती है।

PPF में निवेश और निकासी

  • न्यूनतम निवेश: 500 रुपये प्रति वर्ष
  • अधिकतम निवेश: 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष
  • निवेश अवधि: 15 साल (5-5 साल के लिए एक्सटेंशन संभव)
  • निकासी: 6 साल बाद 50% तक की आंशिक निकासी की जा सकती है।
  • लोन: खाता खोलने के तीन वर्ष बाद लोन की सुविधा उपलब्ध है, जिस पर 9.1% की दर से ब्याज चुकाना होता है।

NPS Account

राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) रिटायरमेंट के लिए सबसे बेहतरीन निवेश विकल्प है। इसमें आप हर महीने 6000 रुपये निवेश कर 60 साल की उम्र के बाद 50,000 रुपये की पेंशन पा सकते हैं। इसमें निवेश पर भी टैक्स छूट का लाभ मिलता है।

NPS में निवेशक को 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट के साथ ही 80CCD के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की टैक्स छूट भी मिलती है। NPS में जमा पैसे का एक हिस्सा एकमुश्त निकाला जा सकता है, जबकि दूसरा हिस्सा पेंशन के लिए जमा रहता है। इस राशि से एन्यूटी खरीदी जाती है, जिससे पेंशन मिलती है।

NPS के मुख्य लाभ

  1. न्यूनतम निवेश: 500 रुपये
  2. टैक्स लाभ: 80C और 80CCD के तहत छूट
  3. रिटायरमेंट लाभ: एकमुश्त राशि और पेंशन

NPS के प्रकार

  1. एनपीएस टिअर-1: मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है, जिनका पीएफ जमा नहीं होता।
  2. एनपीएस टिअर-2: इसमें निवेशक स्वतंत्र रूप से योगदान कर सकते हैं।

NPS में निवेश और निकासी

  • न्यूनतम निवेश: 500 रुपये प्रति वर्ष
  • निकासी: रिटायरमेंट के बाद एक बार में 60% तक की निकासी की जा सकती है, बाकी 40% राशि से एन्युटी खरीदी जाती है।
  • एन्युटी: जितनी अधिक रकम आप छोड़ेंगे, उतनी अधिक पेंशन मिलेगी।

EPF, PPF और NPS तीनों ही बचत योजनाएं महत्वपूर्ण हैं। इनका चयन करते समय अपने वित्तीय लक्ष्यों और जरूरतों का ध्यान रखें। EPF नौकरीपेशा लोगों के लिए है जो नियमित बचत करना चाहते हैं। PPF छोटे निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प है जो टैक्स लाभ चाहते हैं। NPS रिटायरमेंट के लिए लॉन्ग टर्म प्लानिंग करने वालों के लिए सबसे अच्छा है।

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