Delhi Crackers Ban : दिल्ली सरकार का फरमान में पटाखे जलाने पर छह महीने की कैद और जुर्माना
यानी कोई व्यक्ति पटाखे फोड़ता है तो उसको 200 रुपए का फाइन देना होगा। इतना ही नहीं आरोपी को 6 माह की कैद भी हो सकती है।

देश में दीपावली का त्यौहार बस आने ही वाला है कि देश की राजधानी दिल्ली की सरकार की ओर से जरुरी कदम उठाया जा रहा है। Delhi Crackers Ban की वजह से दीपावली का त्यौहार आतिशबाजी के साथ मानने के शौकीन लोगों को थोड़ी सी निराशा हो सकती है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने पत्रकारों से बातचीत में सूचना दी है – “दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। अगर राजधानी में पटाखे फोड़े गए तो 6 महीने तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।”
राजधानी दिल्ली में पटाखों के जलने पर पहले से ही बैन है लेकिन अब जुर्माने का भी प्रावधान कर दिया गया है। यानी कोई व्यक्ति पटाखे फोड़ता है तो उसको 200 रुपए का फाइन देना होगा। इतना ही नहीं आरोपी को 6 माह की कैद भी हो सकती है।
जुर्माने और कैद के प्रावधान को जाने
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पटाखों को खरीदने और फोड़ने पर 200 रुपए का फाइन है और 6 महीने के लिए जेल भी हो सकती है। और कोई शख्स पटाखों को जमा करेगा या इनको बेचने के काम में सम्मिलित होगा उसको 5,000 रुपयों का जुर्माना और 3 सालों की कैद हो सकती है। ध्यान देने की बात यह है कि यह कानून सही प्रकार से कार्यान्वित हो सके इसके लिए 408 टीमों को बनाया गया है।
सहायक कमिश्नर (ACP) की अध्यक्षता में दिल्ली पुलिस ने 210 टीमें तैयार कर ली है। इसी कड़ी में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से भी 165 टीमें बनाई गयी है और 33 टीमे दिल्ली प्रदूषण नियंत्रत समिति की तरफ से काम करेगी। मंत्री राय के मुताबिक पुलिस ने कार्यवाही करके 2,917 किलो पटाखे बरामद कर लिए है।
सरकार जन-जागरूक अभियान करेगी
साथ ही गोपाल रॉय ने यह भी जानकारी दी कि दिल्ली के आम नागरिकों को संवेदनशील बनाने के लिए “दिए जलाओ पटाखे नहीं” नाम का कैंपेन भी चलाया जायेगा। इतना ही नहीं सरकार भी कनॉट प्लेस के सेन्ट्रल पार्क में 51,000 दीयों को जलाएगी।
कितने समय तक प्रतिबंध रहेगा
सरकार की तरफ से सितम्बर महीने में पटाखों पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाया जा चुका है। पटाखों की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह से बैन है। अब प्रतिबन्ध का यह आदेश अगले वर्ष के जनवरी माह तक मान्य रहेगा। दिल्ली में पिछले 2 सालों से प्रतिबन्ध लगाकर पर्यावरण प्रदुषण को काबू में करने के प्रयास दिल्ली सरकार कर रही है। उच्चतम न्यायालय की ओर से भी पटाखों के मामले में कोई राहत नहीं दी गयी है।
सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया
कुछ दिनों पहले नेता प्रतिपक्ष मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि पटाखों पर प्रतिबन्ध संस्कृति के विरुद्ध है। लेकिन कोर्ट की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया मिली थी, कोर्ट का जवाब था कि “क्या बढ़ता प्रदूषण आपको बही दिखता है?” कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर को लेकर हमारा निर्णय एकदम साफ़ है। क्या आपने प्रदुषण की स्थिति नहीं देखी है। पराली के कारण से पहले ही प्रदूषण बढ़ा हुआ है। आप खुद NCR में रहते है तो फिर पहले से ही बढ़ें प्रदूषण को कक्यों बढ़ाना चाहते है? हम प्रतिबन्ध नहीं हटा सकते है।