Bisleri Buyout: देशभर में मशहूर बोतलबंद पानी का एक ब्रांड Bisleri अब बिकने जा रही है, पूरे देश में पैक किए हुए पेयजल के बाजार में बिसलेरी अपनी शुद्धता के लिए एक जाना-माना ब्रांड है। भारत में बोतल बंद पाने में सबसे अधिक बिकने वाला ब्रांड बिसलेरी ही है, लेकिन क्या आप जानते हैं पिछले करीब 30 साल से थम्सअप, गोल्ड स्पॉट, लिम्का और कोका कोला जैसा सॉफ्ट ड्रिंक की बिक्री करने वाली बिसलेरी कंपनी का नया मालिक कौन है? और अब बिसलेरी की खरीद कौन सी कंपनी करने जा रही है यदि नहीं तो चलिए जानते हैं बिसलेरी कंपनी से जुडी सभी जानकारी।
कौन होंगे बिसलेरी कंपनी के नए मालिक
देश का बोतल बंद नामी ब्रांड बिसलेरी को लेकर मिल रही रिपोर्ट्स के अनुसार अब Bisleri टाटा ग्रुप के हाथों में बिकने जा रही है। बिसलेरी इंटरनेशनल और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट लिमिटेड के बीच यह डील 6000 से 7000 करोड़ के बीच होने की उम्मीद है, इस डील को लेकर बताया जा रहा है की दोनों कंपनियों के बीच लगभग पिछले दो साल से बातचीत चल रही है। रमेश जे चौहान ने आगे यह भी बताया की वह टाटा ग्रुप के साथ चर्चा कर रहे हैं, अन्य कंपनियां भी मैदान में है, लेकिन फिलहाल इस बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं कर सकते हैं। बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी है और वित्तीय वर्ष 2023 के लिए टर्नओवर 220 करोड़ के प्रॉफिट के साथ 2500 करोड़ अनुमानित है।
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कब हुई बिसलेरी की शुरुआत
बिसलेरी की शुरुआत जयंतीलाल चौहान ने 1984 में की थी। इस समय कंपनी के चेयरमैन रमेश जे चौहान है और उनके उम्र 82 वर्ष है। वह कहते हैं की बिसलेरी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए उनके पास उत्तराधिकारी नहीं है, उनकी बेटी जयंती को इस बिजनेस में कोई दिलचस्पी नहीं है।
टाटा ग्रुप भविष्य में करेगा विस्तार
Bisleri ब्रांड के बिकने पर चेयरमैन ने आगे यह भी कहा की मुझे उम्मीद है टाटा ग्रुप भविष्य में इसका और विस्तार करेगा। हलांकि बिसलेरी को बेचने का निर्णय मुझे परेशान करने वाला है और मैं टाटा की कल्चर और उसकी वैल्यू को पसंद करता हूँ। यही कारण है की मैने इसे टाटा ग्रुप को बेचने का फैसला किया है, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और बिसलेरी के बीच हुए करार के अनुसार Bisleri का मौजूदा दो साल तक काम करता रहेगा।
एक साक्षात्कार में चौहान ने बताया की टाटासंस चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर के सीईओ सुनील डिसूजा के साथ कई चरणों की बातचीत के बाद यह फैसला किया इस दौरान मुझे यह लगा की ये लोग अच्छे हैं। चेयरमैन ने यह कहा की कंपनी को बेचने के बाद मिलने वाले पैसों का क्या करूंगा, इस बारे में अभी सोचा नहीं है, काफी लंबे समय से मेहनत करने के बाद इसे तैयार किया है, इसलिए ऐसे खरीदार की तलाश है जो कंपनी के साथ कर्मचारियों का भी ख्याल रखे।