भारत की जनसंख्या कितनी है, दुन‍िया की सबसे बड़ी आबादी होने के क्या हैं फायदे और नुकसान?

चीन की वर्तमान जनसंख्या 1.425 बिलियन है। इस तरह से जनसंख्या में वृद्धि होने का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसके बारें में सब लोग अलग-अलग राय दे रहे है। किसी भी क्षेत्र में बदलाव होने से अनेक फायदे और नुकसान होते है।

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Reported by Pankaj Yadav

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भारत की जनसंख्या कितनी है, दुन‍िया की सबसे बड़ी आबादी होने के क्या हैं फायदे और नुकसान?

दुनिया में बहुत तेजी से जनसंख्या वृद्धि हो रही है। कुछ समय पहले दुनिया की आबादी में भारत देश का दूसरा स्थान था लेकिन हाल ही में रिसर्च के मुताबित वर्तमान में भारत की जनसंख्या लगभग 1.43 अरब (1,430,000,000) है। जिसने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। ये आंकड़े काफी चौकाने वाले है। चीन की वर्तमान जनसंख्या 1.425 बिलियन है। इस तरह से जनसंख्या में वृद्धि होने का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसके बारें में सब लोग अलग-अलग राय दे रहे है। किसी भी क्षेत्र में बदलाव होने से अनेक फायदे और नुकसान होते है।

बढ़ती आबादी होने के फायदे

देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि – जनसंख्या वृद्धि होने से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। जब किसी देश में जनसंख्या बढ़ती है तो उस देश में कार्य करने वालों की भी संख्या बढ़ जाती है। वर्तमान समय में भारत में लगभग 97 करोड़ लोग कुछ न कुछ काम कर रहे है। देश में अधिक कार्य होने से हर वस्तु के उत्पादन में वृद्धि होगी नई -नई वस्तुओं का निर्माण किया जायेगा देश में अधिक भण्डार होने से अधिक से अधिक मात्रा में निर्यात में वृद्धि होगी। इस वजह से भारत देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

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बड़ा बाजार – देश में कार्य करने वालों की संख्या में वृद्धि होने से स्थानीय उपभोग भी अधिक होगा। देश में कुशल और सक्षम लोग होने से बाहर से आने वाली वस्तुओं का अधिक प्रयोग नहीं किया जाएगा। अधिक से अधिक वस्तुओं का उत्पादन अपने ही देश में किया जाएगा जिसके लिए किसी की सहायता नहीं पड़ेगी।

निवेश में वृद्धि – किसी भी देश में जनसंख्या वृद्धि होने से लोगों की जरूरतें भी बढ़ जाती है। जरुरत बढ़ने से नई -नई वस्तुओ का निर्माण होगा और ऐसा करने से पूंजी का प्रवाह तेज होता है। पूंजी में जितनी वृद्धि होगी उतना ही देश के विकास में योगदान मिलेगा।

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बढ़ती आबादी के नुकसान

संसाधनों की कमी – भारत देश के पास निश्चित मात्रा में प्राकृतिक संसाधन है। यदि उनका अधिक प्रयोग किया जाएं तो वह एक समय के बाद समाप्त हो जायेंगे। बढ़ती आबादी में सभी लोगों की जरूरते पूरी नहीं की जा सकती है। जैसे – जैसे संसाधनों में कमी आएगी ऐसे – ऐसे प्रत्येक वस्तु महँगी होती जाएगी।

सुविधाओं में कमी आना – भारत देश क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग कि.मी. है यानि 32.87 लाख वर्ग किलोमीटर है। आबादी के मुताबित यह बहुत कम है। इसी प्रकार से जनसंख्या वृद्धि होते रहे तो एक दिन मनुष्य को रहने के लिए घर भी नहीं मिलेगा। विभिन्न सुविधाओं में कमी आने से रोजगार, भोजन, आवास, शुद्ध पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा आदि अन्य जरुरी सुविधाए मिलना बहुत मुश्किल हो जायेगा।

अशुद्ध पर्यावरण – बढ़ती आबादी की जरूरत पूरी करने के लिए अधिक से अधिक पेड़ों का कटाव किया जाता है। जिसका बुरा असर पर्यावरण पर पड़ता है। पेड़ों की अधिक कटाई होने से वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण आदि होने के वजह से सांस लेने में परेशानी, कई बीमारियों को जन्म देना अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

गरीबी और असमानता – बढ़ती जनसंख्या से लोगों के बीच असमानता फ़ैल जाएगी। देश की अर्थव्यवस्था में सुधार करने के लिए गरीब रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले वर्गों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा जिस वजह से गरीब व्यक्ति और गरीब होता जाएगा।

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