हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में महत्वपूर्ण वृद्धि की जाएगी। यह घोषणा सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के आधार पर की गई है, जिसमें मूल वेतन में 58.5 प्रतिशत और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में 32 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है। यह संशोधन 1 जुलाई, 2022 से प्रभावी होगा, लेकिन इसे 1 अगस्त, 2022 से लागू किया जाएगा।
वेतन वृद्धि की मुख्य बिंदुएं
- मूल वेतन में वृद्धि:
- कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 17,000 रुपये से बढ़ाकर 27,000 रुपये किया जाएगा।
- अधिकतम वेतन 1,50,600 रुपये से बढ़कर 2,41,200 रुपये होगा।
- पेंशन में वृद्धि:
- न्यूनतम पेंशन 8,500 रुपये से बढ़कर 13,500 रुपये और अधिकतम पेंशन 75,300 रुपये से बढ़कर 1,20,600 रुपये हो जाएगी।
- HRA में वृद्धि:
- हाउस रेंट अलाउंस में 32 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
क्या होगा वित्तीय प्रभाव?
इस वेतन वृद्धि से राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष 20,208 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में इस वृद्धि के लिए आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। इस वेतन संशोधन का लाभ विश्वविद्यालयों के गैर-शिक्षण कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों और स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को भी मिलेगा।
15 जुलाई को मिली सिफारिशों को स्वीकृति
सातवें राज्य वेतन आयोग का गठन 19 नवंबर, 2022 को किया गया था और आयोग ने इस वर्ष 24 मार्च को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इन सिफारिशों को कैबिनेट में 15 जुलाई को स्वीकृति मिली थी। इस वेतन और पेंशन वृद्धि का उद्देश्य कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना और उनके जीवन स्तर को उन्नत करना है। यह कदम न केवल कर्मचारियों को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।