भारत में एमडी/एमएस और एमबीबीएस डॉक्टरों की सैलरी – Salary of MD/MS & MBBS Doctors in India

चिकित्स्क क्षेत्र में छात्र अनेको बिमारियों, एलर्जी, सर्जरी आदि अनेको तरह के कोर्स करते है, और इन सब बिमारियों के लिए अलग -अलग रोग चिकित्स्क भी होते है। भारत में एमबीबीएस / एमडी और एमएस डॉक्टर के पद बहुत ही सम्मानजनक पद है,

Photo of author

Reported by Sheetal

Published on

भारत में एमडी/एमएस और एमबीबीएस डॉक्टरों की सैलरी – दोस्तों जैसा की हम सभी जानते है, आज के समय में अधिकतर माँ – बाप अपने बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि बड़े कोर्स करवाने की ख्वाहिश रखते है।चिकित्सा के क्षेत्र में छात्र को अनुशासन आदि का ध्यान रखना पड़ता है, इसके अलावा चिकित्स्क के क्षेत्र में छात्र को मानव शरीर के अंग आदि का प्रशिक्षण मिलता है।

चिकित्स्क क्षेत्र में छात्र अनेको बिमारियों, एलर्जी, सर्जरी आदि अनेको तरह के कोर्स करते है, और इन सब बिमारियों के लिए अलग -अलग रोग चिकित्स्क भी होते है। भारत में एमबीबीएस / एमडी और एमएस डॉक्टर के पद बहुत ही सम्मानजनक पद है, परन्तु डॉक्टर बनना कोई सरल काम नहीं होता है। डॉक्टर बनने के लिए बहुत से एंट्रेंस एग्जाम देने होते है, जिसके बाद मेरिट के बेस पर छात्रों का मेडिकल कोर्स के लिए बड़े बड़े कॉलेज में दाख़िला मिलता है।

जब छात्रों का NEET आदि मेडिकल के एंट्रेंस एग्जाम में नाम आता है, तो उनको रैंक के हिसाब से कॉलेज में एड्मिशन मिलता है। जिसके बाद वो एमबीबीएस, एमडी और एमएस आदि की पढ़ाई करते है और किसी एक रोग के विशेषज्ञ बनते है, कोई सर्जन विशेषज्ञ का कोर्स करता है, तो कोई फिजीशियन या फिर कोई चाइल्ड स्पेशलिस्ट आदि बहुत से कोर्स होते है।

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

यह भी देखें >>>वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे का इतिहास और महत्व जाने, इस दिन के लिए शुभकामना सन्देश देखें

भारत में एमडी/एमएस और एमबीबीएस डॉक्टर

एमबीबीएस, एमडी / एमएस बैचलर और मेडिकल, मास्टर्स ऑफ मेडिसिन एंड सर्जरी एक डिग्री प्रोग्राम होता है, यह कोर्स पूरी दुनिया की सर्वोच्च मान्यता प्राप्त डिग्री में से एक है जब छात्र एमबीबीएस, एमएस / एमडी आदि डिग्री को पूरा कर लेता है, तो वो एक पेशेवर रूप से रोग विशेषज्ञ बन जाता है। एमबीबीएस कोर्स 5 वर्ष का होता है, जिसके बाद छात्र को 6 महीने की इंटर्नशिप भी करनी होती है।

एमडी का कोर्स 2 से 3 साल तक हो सकता है, एमडी एक पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री होती है। तथा एमएस पुरे 3 साल का होता है, और एमएस भी एक पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री है जब छात्रों के द्वारा इंटर्नशिप की जाती है, तो उनको मासिक वेतन कम ही मिलता है। लेकिन सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इंटर्नशिप के दौरान मासिक वेतन के मध्य बहुत अंतर् होता है।

लेकिन जब छात्र इंटर्नशिप पूरी कर लेते है, और सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में एस आ स्पेशलिस्ट काम करते है, तो उनको अनुभव के मुताबिक वेतन प्राप्त होता है सरकारी अस्पतालों में इंटर्नशिप के दौरान एमबीबीएस, एमडी /एमएस को 20 से 25 हज़ार रूपये मासिक वेतन मिलता है, और प्राइवेट अस्पतालों में 30 से 35 हज़ार मिलता है।

भारत में एमडी/एमएस और एमबीबीएस डॉक्टरों की सैलरी

1. एमबीबीएस डॉक्टरों की सैलरी

10वीं, 12वीं के बाद NEET का एग्जाम क्वालीफाई करना होता है, और फिर एमबीबीएस डॉक्टर की 5 साल की पढ़ाई की जाती है। एमबीबीएस डॉक्टर का मासिक वेतन अलग अलग हो सकता है।

संबंधित खबर Stomach Pain If you also have pain in the middle of the stomach So don't ignore it even by mistake, this could be the reason

Stomach Pain: अगर आपको भी होता है पेट के बीच हिस्से में दर्द? तो भूलकर भी न करें अनदेखा, ये हो सकते हैं कारण

भारत के सभी राज्यों में एमबीबीएस की सैलरी विभिन होती है, क्यूंकि MBBS में भी जूनियर, सीनियर आदि डॉक्टर्स होते है। एमबीबीएस की सैलरी भी शुरुवात में कम होती है, जैसे जैसे उनका अनुभव बढ़ता है, तो उनका मासिक वेतन भी बढ़ता जाता है।

जब एमबीबीएस डॉक्टर अपने कर्रिएर की शुरुवात करते है, तो शुरुवात में उनका वार्षिक वेतन 2 से 3 लाख रूपये हो सकता है। उसके बाद अनुभव बढ़ने और स्पेशलिस्ट की सैलरी 10 से 15 लाख वार्षिक आय हो सकती है, और इससे अधिक भी हो सकती है। एमबीबीएस ऑन एवरेज सैलरी 6 से 7 लाख रूपये होती है, इस प्रकार से मासिक सैलरी 60 – 70 हज़ार रूपये होती है।

भारत में MD / MS डॉक्टर का वेतन

MD और MS डॉक्टर के बीच में काफी अंतर होता है, एमडी एक मेडिसिन ऑफ डॉक्टर एक प्रकार से समानय चिकित्सक डिग्री है। लेकिन एमएस डिग्री एक सर्जन स्नातोकत्तर डिग्री है। एमडी डिग्री में निम्न डिग्रियाँ शामिल है, जैसे – त्वचाविज्ञान, कार्डियोलॉजी, बाल रोग, रेडियोलॉजी आदि। और एमएस में निम्न डिग्री शामिल है, – ईएनटी, ऑर्थोपेडिक्स, स्त्री विशेषज्ञ आदि।

2. MD डॉक्टर की सैलरी

शुरुवात में एमडी का वार्षिक वेतन 2 से 3 लाख रूपये हो सकता है, और फिर आगे जाकर अनुभव होने के बाद चिकित्स्क को 15 से 30 लाख रूपये वार्षिक आय के रूप में मिल सकते है। कुछ चिकित्सा संस्थानों में एमडी का वार्षिक वेतन 50 से 60 लाख रूपये भी हो सकता है।

3. MS डॉक्टर का वेतन

शुरुवाती दौर में एमएस को वार्षिक पैकेज 3 लाख रूपये तक मिलता है, उसके बाद अनुभव के अनुसार एमएस डॉक्टर की वार्षिक आय बढ़कर 20 से 25 लाख रूपये तक हो जाती है। डॉक्टर्स की मासिक आय उनका योग्यता निर्धारित करती है, जैसे उनकी पढ़ाई, अनुभव, मुख्य दक्षता आदि।

एमबीबीएस, एमएस / एमडी सभी क्षेत्र के डॉक्टर की वार्षिक और मासिक आय उनके अनुभव को देखते हुए बढ़ती है। डॉक्टर्स को एक अच्छा अनुभव होने के बाद उनका वार्षिक वेतन 1 से 2 करोड़ रूपये तक भी हो सकती है।

संबंधित खबर Homemade Face Masks For Glowing Skin: चेहरे पर निखार लाने के लिए घर पर बनायें ये 10 फेस मास्क, देखें

Homemade Face Masks For Glowing Skin: चेहरे पर निखार लाने के लिए घर पर बनायें ये 10 फेस मास्क, देखें

Leave a Comment

WhatsApp Subscribe Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp