नई दिल्ली: हाल के पांच राज्यों के चुनाव नतीजों और राजनीतिक घटनाक्रमों ने यह संकेत दिया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए 2024 के आम चुनाव का एजेंडा संभवत: तैयार हो गया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, और छत्तीसगढ़ में जीत के बाद, बीजेपी ने नए चेहरों को महत्वपूर्ण पद सौंपे हैं, जिससे उनकी रणनीति की झलक मिलती है।
राम मंदिर और हिन्दुत्व: बीजेपी ने हाल ही में सम्पन्न राज्य चुनावों में राम मंदिर का मुद्दा उठाया था, और अब 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ इस मुद्दे को और अधिक बल मिलेगा। पार्टी का फोकस हिंदुत्व की रणनीति पर बना हुआ है।
अनुच्छेद 370 का मुद्दा: बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के अपने निर्णय को एक प्रमुख उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को वैध ठहराने के बाद, पार्टी इसे एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में उपयोग कर सकती है।
ओबीसी, महिलाएं, और युवा मतदाता: बीजेपी ने ओबीसी वोटरों पर विशेष ध्यान दिया है, साथ ही महिला और युवा मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए विभिन्न योजनाओं और नीतियों का प्रस्ताव किया है।
योजनाओं के लाभार्थियों पर फोकस: बीजेपी विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को अपने वोट बैंक के रूप में देख रही है। इसमें लाड़ली बहना योजना जैसी योजनाओं की सफलता शामिल है।
मोदी की गारंटी: पार्टी ने अपने सबसे बड़े चेहरे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे करते हुए ‘मोदी की गारंटी’ को एक प्रमुख चुनावी रणनीति के रूप में अपनाया है।
कुल मिलाकर, ऐसा लगता है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में राम मंदिर, अनुच्छेद 370, लाभार्थी, मोदी की गारंटी और हिंदुत्व पर जोर देने की रणनीति पर काम कर सकती है.
इन सभी बिंदुओं के साथ, बीजेपी ने 2024 के चुनावों के लिए अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है, जिसमें विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा, और सामाजिक समरसता के मुद्दे प्रमुख रूप से शामिल हैं। आगे चलकर, यह देखना दिलचस्प होगा कि इन रणनीतियों का चुनावी परिणामों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।