इस वर्ष करवा चौथ के व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजन-विधि एवं मन्त्र जाने, करवा चौथ के बधाई मैसेज देखें

करवा चौथ का त्यौहार भारत की महिलाओं के लिए काफी महत्व रखता है और वे इस दिन (Karwa Chauth) अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती है। इस दिन सुहागिन महिलाएँ पूरे दिन उपवास करने के बाद सोलह श्रृंगार के बाद रात्रि में चंद्रदेव के दर्शन एवं पूजन के बाद व्रत का परायण करती ... Read more

Photo of author

Reported by Sheetal

Updated on

करवा चौथ का त्यौहार भारत की महिलाओं के लिए काफी महत्व रखता है और वे इस दिन (Karwa Chauth) अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती है। इस दिन सुहागिन महिलाएँ पूरे दिन उपवास करने के बाद सोलह श्रृंगार के बाद रात्रि में चंद्रदेव के दर्शन एवं पूजन के बाद व्रत का परायण करती है।

प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में यह करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा रही है। इस साल का करवा चौथ व्रत काफी विशेष रहने वाला है चूंकि इस दिन विशेष योग बनेगा। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार इस वर्ष के करवा चौथ में दुधदित्य योग, आदित्य योग, शिव योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग एक साथ बनेंगे

Table of Contents

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

करवा चौथ का सही मुहूर्त

हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के दिन होता है और इस वर्ष में यह तिथि 31 अक्तूबर की रात्रि 9:30 बजे से शुरू होगी और 1 नवंबर रात्रि 9:19 बजे तक रहेगी। उदिया तिथि के कारण करवा चौथ के व्रत को 1 नवंबर के दिन रखा जाना है। करवा चौथ का पूजन सायं के समय 5:36 बजे से 6:54 बजे तक कर सकते है। चंद्रोदय का समय 8:15 बजे का है।

करवा चौथ की पूजा विधि

सबसे पहले तो सुबह स्नान आदि कर्म करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने है और करवा चौथ के व्रत का संकल्प लेना है। इस व्रत को निर्जल ही रखते है और सूर्यास्त होने के बाद ही चन्द्रमा के दर्शन के बाद व्रत का परायण होता है। सायं के समय पर एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं को स्थापित कर दें। यहाँ पर 10 से 13 करवों को रख दें।

पूजा की वस्तुए जैसे धुप, दीप, चंदन, रोली एवं सिंदूर आदि को पूजा की थाली में रखना है। इसके बाद पूजा शुरू करें और करवा चौथ की कहानी सुने। शाम के समय पर चंद्रोदय से 1 घण्टे पहले से पूजन शुरू कर देना है चाहे तो आसपास की महिलाओं के साथ मिलकर पूजन करे तो अच्छा होगा।

चाँद के आने के बाद छन्नी के द्वारा चाँद का दर्शन करते हुए अर्घ्य अर्पित करना है। फिर अपने पति की दीर्घ आयु की कामना करने के बाद श्रृंगार की वस्तुओं को दान कर दें। चंद्र दर्शन करने के बाद बहुएँ अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रुपए इत्यादि को सजाकर आशीर्वाद भी माँगती है।

करवा चौथ की पूजा के मंत्र 

करवा चौथ पूजन के समय ये मंत्र जपना है –

संबंधित खबर ECR Or Non ECNR पासपोर्ट क्या है और इनमें क्या अंतर होता है। जानें

ECR Or Non ECNR पासपोर्ट क्या है और इनमें क्या अंतर होता है। जानें

श्रीगणेश का मंत्र – ॐ गणेशाय नमः
शिव का मंत्र – ॐ नमः शिवाय
पार्वतीजी का मंत्र – ॐ शिवायै नमः
स्वामी कार्तिकेय का मंत्र – ॐ षण्मुखाय नमः
चंद्रमा का पूजन मंत्र – ॐ सोमाय नमः
‘मम सुख सौभाग्य पुत्र-पौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।’
‘नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।’

करवा चौथ
करवा चौथ

चंद्रमा दर्शन के समय ध्यान दें

  • यह व्रत सिर्फ शादीशुदा महिला ही रखे।
  • इस दिन व्रती महिला काले एवं सफ़ेद कपडे न पहने।
  • यदि सेहत सही नहीं है तो व्रत न रखे।
  • निम्बू पानी से ही अपने व्रत का परायण करें।

करवा चौथ के मैसेज

नीले नभ पर जिस तरह बिखरती है चांदनी,
वैसे ही करवा चौथ का त्योहार लाए,
हमारे जीवन में प्यार की रागिनी,
करवा चौथ की शुभकामनाएं डियर…

करवा चौथ का ये त्योहार 
आये और लाये खुशियां हजार 
यही है दुआ हमारी
हम हर बार मनाये ये त्योहार 
सलामत रहे
आप और आपका परिवार

सुहागिनें अपने हाथों पर चूड़ियां सजाएं
माथे पर अपने सिंदूर लगाएं
खड़ी हर सुहागन चांद के इंतजार में
रब करे पूरी उनकी मनोकामनाएं

यह भी पढ़ें :- Karwa Chauth Mehndi: करवा चौथ पर इन मेहंदी डिजाइन को लगवाएं, बढ़ेगी रौनक

करवा चौथ का पावन व्रत
मैंने आपके लिये किया है क्योंकि
आपके ही प्रेम और सम्मान ने
जिंदगी को नया रंग दिया है

संबंधित खबर Dussehra 2023 Date: दशहरा (विजयादशमी) का पर्व कब है? जानें तारीख शुभ मुहूर्त और महत्व आदि के बारे में

Dussehra 2024 Date: दशहरा (विजयादशमी) का पर्व कब है? जानें तारीख शुभ मुहूर्त और महत्व आदि के बारे में

Leave a Comment

WhatsApp Subscribe Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp