होटल ताज में पीएम नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंत्री स्तरीय सम्मलेन शुभारम्भ ‘No Money for Terror‘ का कड़ा सन्देश देते हुए पडोसी देश पाकिस्तान को चेतावनी दी डाली है। उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह ने भी सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन में विश्वभर के करीबन 450 प्रतिनिधि शामिल होंगे, इनमें मंत्री, बहुपक्षीय संघठन प्रमुख एवं वित्तीय कार्यवाही बल (FATF) है। इस सम्मलेन के लिए पीएम ने कहा है कि बड़ी बात यह है कि सम्मेलन भारत में हो रहा है।
सम्मेलन में 72 देशो के प्रतिनिधि भाग लेंगे
मोदी के मुताबिक दशकों तक हमारे देश को आतंकवाद की चोट पहुँचाने की कोशिश हुई है लेकिन हमने बहादुरी से इनके खिलाफ लड़ाई लड़ी। भारत में दुनियाभर में आतंकवाद की रोकथाम के लिए भारत में “No Money For Terror” नाम से सम्मेलन होगा। इस प्रोग्राम में विश्व के 72 राष्ट्रों के प्रतिनिधि होंगे लेकिन इसमें पकिस्तान और अफगानिस्तान शामिल नही रहेंगे।
सम्मेलन में मोदी ने स्पष्ट कहा है कि यदि आतंकवाद का खत्म करना है तो एक व्यापक, सक्रिय, व्यवस्थित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। यदि हम अपने नागरिकों को सुरखित देखना चाहते है तो हमको अब और इंतजार नहीं करना होगा जबकि आतंक हमारे घर में न आ जाये। हमको आतंकियों की फण्डिंग पर चोट करनी होगी।
- आतंकवाद की फंडिंग पर प्रहार करें – पीएम
अपने सम्बोधन में पीएम ने कहा कि हम लोग तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक आतंकवाद का विनाश नहीं होता। उनके अनुसार लम्बे समय से आतंकवाद का प्रभाव निर्धन जनता और स्थानीय इकॉनमी पर पड़ रहा है। ये पर्यटन एवं व्यापार को प्रभावित करता है। जिन क्षेत्रों में निरंतर आतंकवाद का खतरा रहा है उसे कोई पसंद नहीं करता है जिससे जनता की रोटी-रोज़ी छिन जाती है। यह सर्वाधिक जरुरी हो जाता है कि आतंकवाद की फंडिंग पर चोट हो।
- कुछ देशों की विदेश नीति टेररिज़्म
आतंकवाद की फंडिंग पर पीएम मोदी बताते है कि यह सभी जानते है कि टेररिस्ट संगठन को विभिन्न सोर्सेस से फंडिंग होती है। एक सोर्स किसी देश का समर्थक होता है। कुछ देश अपनी विदेशी पालिसी के अंतर्गत आतंक को समर्थन देते है। वे उनको राजनितिक, वैचारिक एवं आर्थिक मदद देते है।
- भारत ने आतंक की विभीषिका को झेला
पीएम मोदी के अनुसार हमारे देश ने भी आतंकवाद की विभीषिका को झेला है। हम कुछ दुनिया के आतंकवाद को गंभीरता से लेने से पूर्व ही झेल रहे है। कई दशकों से आतंकवाद विभिन्न रूपों में भारत को चोट देता आया है।
अमित शाह ने गंभीर होने के लिए कहा
गृह मंत्री अमित शाह ने भी सम्मलेन में बताया कि अगस्त 2021 के बाद से साउथ एशिया के क्षेत्रों में काफी बदलाव हुए है। यहाँ पर अल-कायदा और ISIS के बढ़ते प्रभाव से क्षेत्रीय सिक्योरिटी को अहम् चुनौती मिली है। अब इस नए समीकरण में आतंकवाद की फंडिंग को अधिक गंभीरता से लेना होगा।
आतंकी गतिविधि कम हुई – महानिदेशक (NIA)
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने पीएम मोदी की प्रशंसा के बाद बताया कि पिछले 8 सालों में आतंकी घटनाओं में कमी हुई है। वे केंद्र की आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी की सराहना करते है। उनके अनुसार इससे हमारे देश की सुरक्षा के परिदृश्य में जरुरी परिवर्तन होंगे।
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इस ‘नो मनी फॉर टेरर सम्मलेन’ के एजेंडे के अंतर्गत आतंक पर होने वाली विदेशी फंडिंग की रोकथाम करने के कदम लिए जायेगे। इसके साथ ही एजेंसी विदेशी फंडिंग की जड़ों को ढूँढने में परस्पर सहयोग एवं पारदर्शिता लाएगी। इसी काम के लिए मनी लॉन्डरिंग के तरीके पर भी विभिन्न एजेंसी एकसाथ सूचनाएँ प्राप्त करने की बात कह रही है, ऐसा करने से उनकी जड़ों तक पहुंच सकेंगे।