India Alliance: नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के संयोजक नहीं होंगे, लालू के बयान से नीतीश को नुकसान

31 अगस्त से 1 सितम्बर के बीच मुंबई में विपक्षी दलों की मीटिंग आयोजित होगी। इस मीटिंग को लेकर नीतीश ने साफ़ किया है कि उनको पद के लिए कोई लालसा नहीं है। उनकी तो बस ये ही इच्छा है कि अधिक से अधिक पार्टियों को NDA के विरुद्ध एकत्रित किया जाए।

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Reported by Pankaj Yadav

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अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन INDIA का संयोजक बनने से इंकार कर दिया है। उनके (Nitish Kumar) इस बयान को लेकर बीजेपी की ओर से हमला भी होने लगा है। भाजपा ने नीतीश कुमार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है कि लालू प्रसाद यादव ने उनके साथ बड़ा खेल कर दिया है।

इस समय बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीते माह में 2024 के लोकसभा इलेक्शन के लिए विपक्षी एकता को मजबूती देने में विशेष भूमिका निभाई थी। किन्तु अब उनके अंदाज कुछ बदले-बदले से है और वे (Nitish Kumar) विपक्षी पार्टियों के गठबंधन INDIA का संयोजक बनने से भी मना कर रहे है।

आज सोमवार के दिन नितीश कुमार ने साफ़ कर दिया है कि उनमे विपक्ष के महागठबंधन का संयोजक बनने की थोड़ी सी भी इच्छा नहीं है। अब राजनीति के जानकार अनुमान लगा रहे है कि जरूर बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव ने कॉंग्रेस पार्टी के साथ मिलकर नीतीस के संयोजक और पीएम पद का उम्मीदवार होने की मंशा पर पानी डाल दिया है।

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लालू के बयान में सन्देश मिला

बीते दिनों में पीएम पद के लिए विपक्षी नेताओं की ओर से राहुल गाँधी का ही नाम लिया गया है। ऐसे नेताओं में प्रमुख है राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत एवं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल।

जब पटना में विपक्षी दलों की पहली मीटिंग हो रही थी तो लालू ने भी राहुल गाँधी के विवाह की बाते करते हुए उनको दूल्हा बताया था। वैसे लालू (Lalu Yadav) ने ये बात मजाक में कही थी किन्तु इसी बात में विपक्ष के पीएम उम्मीदवार का नाम का सन्देश छिपा था।

मुंबई की बैठक से पहले नीतीश का बयान

31 अगस्त से 1 सितम्बर के बीच मुंबई में विपक्षी दलों की मीटिंग आयोजित होगी। इस मीटिंग को लेकर नीतीश ने साफ़ किया है कि उनको पद के लिए कोई लालसा नहीं है। उनकी तो बस ये ही इच्छा है कि अधिक से अधिक पार्टियों को NDA के विरुद्ध एकत्रित किया जाए। नीतीश कुमार ने दिल्ली की यात्रा पर अटल जी को लेकर संवेदना प्रकट की थी किन्तु विपक्षी गठबंधन के किसी भी नेता से मिले बिना ही वापस चले आए।

गठबंधन में पीएम बनने का गणित

सामान्यतया प्रधानमंत्री बनने की बात सांसदों की संख्या पर निर्भर होती है, मतलब जिस भी पार्टी एवं गठबंधन को बहुमत मिल रहा होगा वो सरकार बना लेगा। गठबंधन होने पर जिस दल के पास सबसे अधिक सांसद होंगे वो दल अपना पीएम बना लेगा। पिछले लोकसभा के इलेक्शन में JDU ने सिर्फ 16 सीटों पर जीत पाई थी और इस बार भी वो गठबंधन में 16 से अधिक सीटों पर इलेक्शन में नहीं उतारेगी।

लालू एक से अधिक संयोजक

आने वाले समय में विपक्षी गठबंधन की मुंबई बैठक में संयोजन के नाम पर आम सहमति बनेगी और इससे साफ़ होगा कि विपक्ष से पीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा। किन्तु इससे पहले ही लालू ने नीतीश की उम्मीदों पर धक्का दिया है। लालू की मंशा है कि मंबई की मीटिंग में एक के बजाए विभिन्न प्रदेशों के मिलाकर 3-4 संयोजक चुने जाए। लालू का मानना है कि इस से अधिक संयोजक होने से विपक्षी दलों में मध्य अच्छा सामंजस्य बैठें में आसानी होगी।

नीतीश में पीएम बनने की सभी योग्यताएँ – केसी त्यागी

केसी त्यागी भी पीएम अथवा विपक्षी संयोजक के प्रश्न पर कहते है कि – वो (नीतीश) गठबंधन के संस्थापक है और ये हमारे लिए बड़ी जीत है। 2024 चुनाव में गठबंधन जीते ये ही हमारे लिए अहम बात है। हमारे लिए पद अथवा पीएम जरुरी नहीं है किन्तु इन सभी के बावजूद ननीतीश कुमार में संयोजक एवं पीएम बनने के सभी जरुरी योग्यताएँ है।

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