देश के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एक महत्वपूर्ण खबर दी है जिसके मुताबिक़ आने वाले समय में डीजल इंजन एवं गाड़ियों पर 10 फ़ीसदी एक्स्ट्रा जीएसटी लगेगा। नितिन गडकरी 63वें सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चरस कन्वेंशन में बोल रहे थे।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने जानकारी दी उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से डीजल इंजन एवं गाड़ियों पर 10 फ़ीसदी अतिरिक्त जीएसटी लगाने की योजना बना रहे है। चूँकि डीजल वाहन (Diesel vehicle) सड़क पर अधिक प्रदूषण फैलाते है और सरकार इनकी संख्या कम करना चाहती है।
गडकरी वित्त मंत्रालय को पत्र लिखेंगे
गडकरी के मुताबिक उन्होंने पिछले 10 से 15 दिनों से एक लेटर भी लिख रखा है जिसको वे आज शाम वित्त मंत्री को दे देंगे। इस लेटर में डीजल गाड़ियों एवं डीजल से चलने वाले सभी प्रकार के इंजनों पर 10 प्रतिशत GST लगाने के प्रस्ताव को लेकर कहा है। ऐसे होने वाले प्रदूषण पर रोक लगा सकते है और गडकरी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को इस बारे में सोचने को कहा है।
गडकरी ने मुताबिक़ ऐसा कदम उठाने के बाद ही इस प्रकार के वाहनों से होने वाले पोलूयुशन की रोकथाम हो सकेगी। उनके अनुसार ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को अपने आप ही इस मामले को अपने संज्ञान में लेकर आगे की कार्यवाही करनी चाहिए। ऐसा न होने पर सरकार के पास इसके अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं रह जाएगा। जल्दी ही ऑटो इंडस्ट्री डीजल गाड़ियों को अलविदा कह दें।
डीजल वाहन प्रदूषण की वजह बनते है – गडकरी
गडकरी ने जानकारी दी है कि बीते 9 सालो में डीजल कार की भागीदारी 335 से कम होकर इस समय 28 फ़ीसदी रह गई है। ये डीजल वाहन पर्यावरण को तो हानि पहुँचाते है साथ ही प्रदूषण एवं कार्बन उत्सर्जन की वजह भी बनते है, जिन पर रोक लगनी चाहिए। डीजल की गाड़ियों पर टैक्स लगने से इनका निर्माण एवं खरीद में कमी आएगी और प्रदूषण में कमी होगी।
अभी एकदम ऐसा करने की योजना नहीं – एक्स पोस्ट
इस प्रोग्राम में दीजन गाड़ियों को लेकर ये सभी जानकारी देने के बाद नितिन गडकरी ने अपने एक्स खाते से पोस्ट किया – “डीजल गाड़ियों की बिक्री पर 10 प्रतिशत एक्स्ट्रा GST लगाने के मामले को लेकर ये साफ़ करना जरुरी है कि सरकार ने इस समय इस तरह है कोई भी प्रस्ताव के ऊपर विचार नहीं हो रहा है।
साल 2070 तक कार्बन के रेट को शून्य तक लाने एवं डीजल जैसे घातक ईंधन से होने वाले पॉल्यूशन लेवल में कमी करने के साथ ही वाहन की तेज़ बिक्री हमारी प्रतिबद्धता के अनुसार एक्टिव होकर साफ़ एवं हरित वैकल्पिक ईंधन को इस्तेमाल करना जरुरी है। ऐसा ईधन आयात का ऑप्शन हो, प्रभावी लागत, देश में निर्मित एवं प्रदूषण रहित हो।
ऑटोमोबाईल इंडस्ट्री हरित ईंधन की ओर बढ़ें
गडकरी कहते है कि हरित ऊर्जा में बदलाव आने का अकेला रास्ता यही है अन्यथा लोग सुनने के ‘मूड’ में नहीं दीखते है। वे वाहन इंडस्ट्री से भी डीजल वाहनों के कम निर्माण की बात करते है। वे इंडस्ट्री से पेट्रोल एवं डीजल के ईंधन से हरित ईंधन की तरह आने की अपील करते है। ऐसा नहीं होने की दशा में सरकार को इस पर एक्स्ट्रा टैक्स लगाना पड़ेंगा।
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वाहन निर्माता कम्पनियों के शेयर गिरे
नितिन गडकरी के बयान का असर इस बात से लगा सकते है कि इसके बाद भारतीय ऑटो निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स, महिंद्रा एवं अशोक लेलैंड के शेयर्स 2.5 से 4 प्रतिशत के बीच गिरे है। इसके बाद देश में डीजल गाड़ियों की बिक्री पर भी प्रभाव पड़ने वाला है।
कंपनियों को अपने डीजल वाहन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त अप्रत्यक्ष कर जगाना होगा। इस तरह से वाहन के मूल्य में भी बढोत्तरी करनी होगी। वैसे हमारे देश में अघिकांश व्यापारिक वाहन डीजल इंजन से ही चलाए जाते है।