इंजीनियर्स डे को मनाने के कारण और इसका इतिहास जाने, इंजीनियर्स डे के लिए खास पंक्तियाँ भी जाने

इंजीनियर्स डे के दिन बहुत से इंस्टिट्यूट में खास इंजीनियर को बुलाकर सम्मान देते है और उनको अपने अनुभव साझा करने को कहते है। ऐसे लोगो को उनके कार्य एवं विशेष योगदान के लिए सम्मान दिया जाता है।

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Reported by Pankaj Yadav

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हर साल 15 सितम्बर का दिन इंजीनियर्स डे (Engineer’s Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के विकास और निर्माण में अपना विशेष योगदान देने वाले इंजीनियर को सम्मान देना है। इस दिन को राष्ट्रीय अभियंता दिवस भी कहते है जोकि महान इंजीनियर एवं भारतरत्न एम विश्वेश्वरैया (M. Visvesvaraya))की जयंती के उपलक्ष्य में मनाते है।

एम विश्वेश्वरैया के जीवन को जाने

एम विश्वेश्वरैया देश के प्रथम इंजीनियर माने जाते है और पहली बार साल 1968 में अभियंता दिवस मनाया गया था। एम विश्वेश्वरैया का जन्म 1968 में आज ही के दिन हुआ था और उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने एशिया के सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेज ‘कॉलेज ऑफ साइंस’ से इंजीनियरिंग करना शुरू कर दिया।

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अपनी पढ़ाई के बाद उन्होंने बॉम्बे गवर्नमेंट के लोक निर्माण डिपार्टमेंट में अपने काम की शुरुआत कर दी। उन्होंने यहाँ पर काफी कठिन परियोजनाओं पर काम किया जैसे खडकवासला सरोवर में पानी के फ्लडगेट की खासियत वाली एक सिचाई प्रक्रिया को विकसित करना और मैसूर के राजा सागर बाँध को बनाना।

इसके बड़ा विश्वेश्वरैया ने 1912 में मैसूर के 19वे दीवान के रूप में काम किया और इस कार्य को साल 1918 तक किया। उनको अपने जीवनकाल में देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान एवं भारतरत्न जैसे काफी सम्मान मिल चुके है। उन्होंने साल 1917 में बंगलौर का गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने में विशेष योगदान दिया। कॉलेज एक नाम भी विश्वेश्वरैया के नाम पर रखा गया।

इंजीनियर डे मनाने के तरीके

सेमीनार, वर्कशॉप एवं खास भाषण करके – कॉलेज एवं संस्थान, सरकारी एवं निजी कार्यालय में इंजीनियर डे मनाते है। इस अवसर पर यहाँ वर्कशॉप, सेमीनार, भाषण एवं प्रतियोगताओं को आयोजित किया जाता है। ऐसे प्रोग्राम में इंजीनियर एवं साइंस से जुडी नयी खोजो एवं सुविधाओं की बाते होती है।

इंजीनियर प्रोजेक्ट एवं प्रदर्शनी – इंजीनियर के प्रोजेक्ट और खोजो का हमारे जीवन पर खास असर होता है। इन इंजीनियर प्रोजेक्ट एवं प्रदर्शनियों की सहायता समाज में इंजीनियर के महत्व के बारे में जागरूकता लाना है।

सोशल मिडिया मीटिंग – आज के समय में सोशल मिडिया काफी तेज़ एवं असरदार मंच बन चुका है। बहुत कम समय में अपनी बात को बहुत से लोगो तक पहुँचा सकते है। इंजीनियर्स डे के अवसर पर विभिन्न सोशल मिडिया मंचो पर इससे जुड़े प्रोग्राम कर सकते है। यहाँ दूसरो से इंजीनियरिंग से जुडी बाते और अपने खास अनुभव को साझा किया जा सकता है।

पुरस्कार वितरण – इंजीनियर्स डे के दिन बहुत से इंस्टिट्यूट में खास इंजीनियर को बुलाकर सम्मान देते है और उनको अपने अनुभव साझा करने को कहते है। ऐसे लोगो को उनके कार्य एवं विशेष योगदान के लिए सम्मान दिया जाता है।

एम विश्वेश्वरय्या से सम्बंधित खास फैक्ट्स

  • वे ऐसे व्यक्ति थे जिनको अंग्रेजो ने भी सम्मान दिया था।
  • एम विश्वेश्वरय्या का जन्म 15 सितम्बर 1861 के दिन चिक्काबल्लापुर तालुका, कोलार जिला (कर्नाटक) में हुआ था।
  • वे एक इंजीनियर और नेता के रूप में प्रसिद्ध है।
  • उनको बाढ़ समस्या के प्रबंधन एवं सिचाई प्रणाली में विशिष्ठ्ता थी।
  • मैसूर के डैम से उन्होंने पानी का उपयोग खेतो में सिचाई एवं विद्युत उत्पादन में किया था।
  • तिरुपति को तिरुमाल से जोड़ने वाले सड़क मार्गो को भी विश्वेश्वरय्या ने ही बनाया था।
  • हैदराबाद में बाढ़ आपदा को रोकने के लिए सिचाई प्रणाली एवं डैम का निर्माण किया।
  • सरकार ने विश्वेश्वरय्या के योगदान को देखते हुए 1955 में भारतरत्न का सम्मान दिया है।

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इंजीनियर्स डे के लिए खास पंक्तियाँ

  • इंजीनियर्स हमारे भविष्य को आकार देते हैं।
  • चुनौतियों को भी अवसर में बदलने वाले इंजीनियर्स को सलाम।
  • भी इंजीनियर्स को नेशनल इंजीनियर्स डे की बहुत बहुत बधाई।
  • इंजीनियर्स का जुनून देखकर पूरी दुनिया मोटिवेशन लेती है.
    हैप्पी इंजीनियर्स डे!
  • इंजीनियरिंग एक प्रोफ़ेशन नहीं, पैशन है.
    सभी पैशनेट इंजीनियर्स को इंजीनियरिंग डे की शुभकामना

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