नई दिल्ली, विज्ञान भवन में हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें पेंशनभोगी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि मंडलों ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य पेंशनभोगियों की मांगों पर चर्चा करना और उन पर विचार करना था। बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी, कुछ मुद्दों को पुनः विचार के लिए रखा गया, और कुछ को अस्वीकार कर दिया गया। आइए, विस्तार से जानें इस बैठक में क्या हुआ और कौन-कौन से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
पेंशनधारकों का हेल्थ चेकअप
बैठक में पेंशनभोगी संगठनों ने पेंशनभोगियों के लिए नियमित हेल्थ चेकअप की मांग की थी। उनका कहना था कि पेंशनभोगियों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है और इसके लिए 6 महीने में या साल में एक बार हेल्थ चेकअप आवश्यक है। इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने बताया कि पेंशनभोगियों को साल में एक बार हेल्थ चेकअप की छूट दी जाती है। इसके लिए पेंशनभोगी CGHS से सूचीबद्ध अस्पताल में चेकअप करवा सकते हैं और CGHS Wellness Centre के CMO से रेफरल ले सकते हैं। पेंशनभोगियों को किसी भी समस्या के लिए लोकल एडवाइजरी कमेटी के समक्ष शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी दी गई है।
65 साल से मिले 5% अतिरिक्त पेंशन का फायदा
पेंशनभोगी संगठनों ने यह मांग की थी कि पेंशन में 65 साल से ही 5% की अतिरिक्त बढ़ोतरी की जाए। इसके बाद 70, 75 और 80 साल की उम्र पर क्रमशः 10%, 15% और 20% की बढ़ोतरी हो। इस पर DOPPW के जॉइंट सेक्रेटरी ने बताया कि यह प्रस्ताव अगर मान लिया जाता है तो सरकार की वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है और राज्य सरकारों के पेंशनभोगी भी ऐसी मांगें उठा सकते हैं। इस कारण यह प्रस्ताव फिलहाल स्वीकार नहीं किया गया है। हालांकि, पेंशनभोगी संगठनों ने इस पर पुनः विचार करने का अनुरोध किया है।
FMA में बढ़ोतरी
Non-CGHS एरिया में रहने वाले पेंशनधारकों के फिक्स मेडिकल अलाउंस को ₹1000 से बढ़ाकर ₹3000 करने की मांग की गई। इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी ने कहा कि 7th CPC की सिफारिश के अनुसार 1 जुलाई 2017 से फिक्स मेडिकल अलाउंस ₹1000 किया गया है, और इसे फिर से बढ़ाने पर विचार नहीं किया जा रहा है। पेंशनभोगी संगठनों ने इस पर पुनर्विचार की मांग की, और यह मामला भी विचाराधीन है।
फैमिली पेंशनधारकों के लिए फिक्स मेडिकल अलाउंस
बैठक में पेंशनभोगी संगठनों ने रेलवे बोर्ड के प्रतिनिधियों से मांग की कि जिनको फैमिली पेंशन मिलती है, ऐसे विधवा, तलाकशुदा और अविवाहित बेटियों को भी फिक्स मेडिकल अलाउंस का फायदा दिया जाना चाहिए। रेलवे बोर्ड ने कहा कि फिक्स मेडिकल अलाउंस और RELHS का फायदा पेंशनधारकों के साथ ही साथ सभी फैमिली पेंशनभोगियों को दिया जाता है। रेलवे ने अब एक आदेश जारी किया है और पेंशन पाने वाली विधवा, तलाकशुदा और अविवाहित बेटियों को भी फिक्स मेडिकल अलाउंस और RELHS का फायदा देने का निर्णय लिया है।
रेलवे किराए में पेंशनधारकों/सीनियर सिटीजन को मिले छूट
पेंशनभोगी संगठनों ने रेलवे मंत्रालय से मांग की कि रेलवे किराए में पेंशनधारकों को जो पहले की तरह छूट मिलती थी, वह छूट फिर से बहाल की जाए। रेलवे मंत्रालय ने बताया कि वर्तमान में यह संभव नहीं है क्योंकि रेलवे विभाग पहले से ही यात्रियों को 53% की छूट दे रहा है और यह छूट दिव्यांग यात्रियों, विद्यार्थियों और रोगियों को मिल रही है। इसलिए, पेंशनधारकों और सीनियर सिटीजन के लिए रेलवे किराए में छूट बहाल नहीं की जाएगी।
30 जून/31 दिसंबर को रिटायर कर्मियों को 1 इन्क्रिमेंट का फायदा
नोशनल इन्क्रिमेंट का मुद्दा भी बैठक में उठाया गया। पेंशनभोगी संगठनों ने कहा कि ऐसे कर्मचारी 1 साल की अवधि पूरी करते हैं, इसलिए उनको 1 जुलाई/1 जनवरी के इन्क्रिमेंट का फायदा देना चाहिए। DOPT के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकारी कर्मचारी को वेतन वृद्धि की तारीख पर सेवा में होना चाहिए। इस मौजूदा नियम में संशोधन करने की मांग की गई थी और इस मुद्दे को Department Of Expenditure के साथ उठाया गया था। अब इस मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल के साथ पुनः विचार किया जाएगा।
Commutation बहाली 12 साल पर
पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की कि कम्यूटेशन बहाली को 15 साल से घटाकर 12 साल किया जाए। गुजरात सरकार ने कम्यूटेशन बहाली को 15 साल से घटाकर 13 साल किया है और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भी 10 साल 8 महीने के बाद रिकवरी न करने का आदेश जारी किया है। DOPT सचिव ने बताया कि इसके ऊपर विचार किया जा रहा है और जल्द ही इसके ऊपर निर्णय लिया जाएगा।