महागठबंधन की बैठक में उदयनिधि स्टालिन के सनातन घर्म को लेकर बयान पर राजनीति में हड़कम्प मचा हुआ है। स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के मुताबिक़ सनातन का केवल विरोध नहीं होना चाहिए बल्कि इसको ख़त्म ही कर देना होगा। ये धर्म सामाजिक न्याय एवं समानता के विरुद्ध है।
उदयनिधि स्टालिन, तमिलनाडु राज्य के सीएम एमके स्टालिन के बेटे है। अब उदयनिधि अपने भाषण के कारण खासी सुर्ख़ियों का हिस्सा बन चुके है। हालाँकि उनके इस भाषण के बाद साधू-संतों में काफी रोष दिख रहा है और संघ विश्व हिन्दू परिषद ने भी अपनी नाराजगी दर्ज़ की है।
कॉंग्रेस पार्टी ने भाषण से किनारा किया
भारतीय जनता पार्टी ने भी उदयनिधि के भाषण पर समूचे INDIA महागठबंधन पर वार किया है। देश के गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी महागठबंधन के दलों पर वोट बैंक वाली राजनीति करने का आरोप लगाया है। महागठबंधन की प्रमुख पार्टी कॉंग्रेस ने भी उदयनिधि के इस भाषण से किनारा किया है।
बैठक में स्टालिन का सम्बोधन
उदयनिधि ने अपने भाषण में कहा था, ‘सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे समाप्त कर देना चाहिए। सनातन धर्म सामाजिक न्याय ईवा समानता के विरुद्ध है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता है उनको समाप्त कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मेलरिया या फिर कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।’
आगे उदयनिधि कहते है – ‘सनातन क्या है? ये संस्कृत भाषा से आया शब्द है। सनातन समानता एवं सामजिक न्याय के विरुद्ध होने के सिवाय कुछ नहीं है। सनातन का क्या अभिप्राय है? यह शास्वत है जिको बदल नहीं सकते है, कोई सवाल नहीं कर सकता है और यही इसका मतलब है। उनके अनुसार सनातन ने लोगो को जातियों में बाँटा है।
बीजेपी मेरे भाषण को तोड़-मरोड़ रही है – स्टालिन
उदयनिधि ने कहा – ‘किन्तु द्रविड़ मॉडल बदलाव की माँग करता है और सभी के पास समान अधिकार होना चाहिए। बीजेपी ने मेरे भाषण को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। फेक न्यूज प्रसारित करना उनके लिए सामान्य सी बात है। वे मेरे विरुद्ध हो भी केस डालेंगे मैं उसके लिए तैयार हूँ। बीजेपी महागठबंधन के डर से ध्यान भटकाने को ये सभी कुछ कर रही है।’
तुष्टिकरण की राजनीति ने हमारी संस्कृति का अपमान किया – अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा – ‘2 दिनों से आप सनातन धर्म का अपमान कर रहे है। महागठबंधन के दो बड़े दल डीएमके एवं कॉंग्रेस के प्रमुख नेता है रहे है, सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए। इन्होने वोट बैंक एवं तुष्टिकरण की राजनीती से हमारी संस्कृति का अपमान किया है।
अपने धर्म का पालन करते रहे – आरएसएस नेता
इस मामले पर RSS के नेता इंद्रेश कुमार ने रविवार को प्रतिक्रिया दी – ‘देश में नफरत फ़ैलाने वाले नेताओं पर रोक लगनी चाहिए। उनके मुताबिक़, ये मानवता, वैश्वीकता एवं लोकतंत्र का सूत्र है कि हम एक बहुधार्मिक देश है। अपने धर्म का पालन करते रहे और अन्य धर्मो का अपमान न करें एवं उनका सम्मान करें।’
अन्नामलाई के बयान पर विरोध किया
इसी बीच तमिलनाडु में बीजेपी के अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने प्रतिक्रिया दी है – ‘सनातन धर्म ईसाई और इस्लामिक धर्म से बहुत पहले से है। सनातन का मतलब शास्वत एवं कालातीत धर्म है। स्टालिन की बातो का विरोध देशभर के 142 करोड़ लोगो को करनी चाहिए चूँकि एक खास धर्म को लेकर नफरत सामने आई है।’वे एक भाषण पढते है जिसको सोच-समझकर बनाया था और किसी खास संस्कृति का उन्नमूलन नरसंहार कहलाता है। वे कौन है सनातन धर्म को ख़त्म करने वाले।
उदयनिधि ने बयान पर सफाई दी
आने बयान पर रविवार के दिन उदयनिधि ने एक्स पर पोस्ट लिखा – ‘मैंने सनातन धर्म के अनुयानियों का नरसंहार के लिए आव्हान नहीं दिया है। मैं दुबारा कहता हूँ कि मैंने सिर्फ सनातक धर्म की आलोचना की है और इसे समाप्त करना चाहिए। मैं ये बात लगातार बोलता रहूँगा।’