चीन ने नया नक्शा जारी किया, भारत के अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना दर्शाया

इस चीन और भारत देशों के रिश्तो को सुधारने के लिए तरह तरह की बाते होती है किन्तु चीन की हरकते अक्सर तनाव ही पैदा करती है। चीन अपने पडोसी देशों को अक्सर परेशान करने के लिए कुख्यात हो चुका है।

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Reported by Pankaj Yadav

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China New Standard Map : चीन को दुनियाभर में अपनी विस्तारवादी सोच के लिए निंदा का सामना करना पड़ता है लेकिन इसके बाद भी वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। इसी साल अप्रैल महीने में चीन ने एकतरफा रूप से भारत के 11 क्षेत्रों का नाम भी बदला था। ऐसा ही एक घटना 28 अगस्त के दिन भी हुई, जब चीन में अपने आधिकारिक नक़्शे को जारी करते हुए भारतीय सीमा का उल्लंघन किया।

दरअसल चीन ने अपने आधिकारिक नक़्शे (China New Map) में भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश (Arunachal pradesh) एवं अक्साई चिन (Aksai Chin) को अपने क्षेत्र में दिखाया है। इस तरह का काम उसकी विस्तारवादी नीति का परिणाम है। ऐसे ही एक अन्य वाकिये में इस वर्ष 7 अप्रैल के दिन चीन ने अरुणाचल की ही 11 जगहों के नाम में बदलाव की अनुमति दे दी थी।

इस चीन और भारत देशों के रिश्तो को सुधारने के लिए तरह तरह की बाते होती है किन्तु चीन की हरकते अक्सर तनाव ही पैदा करती है। चीन अपने पडोसी देशों को अक्सर परेशान करने के लिए कुख्यात हो चुका है।

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G-20 समिट से पहले विवादित मैप

जुलाई में नई दिल्ली में G-20 की बैठक में विभिन्न देश शामिल होने जा रहे है। किन्तु सोमवार को ही चीन की ओर से उसका आधिकारिक मैप यानि ‘मानक मानचित्र’ जारी हुआ है। इस मैप में अरुणाचल प्रदेश कम्यूनिस्ट देश का भाग दर्शाया गया है। लेकिन भारत पहले भी कई बार कह चुका है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।

चीन के सरकारी न्यूज पेपर ने मैप पोस्ट किया

चीनी सरकार के न्यूज़ पेपर ने एक्स (पहले ट्विटर) पर चीन के साल 2023 के ‘ स्टैण्डर्ड मैप’ को पोस्ट किया है। किन्तु इस मैप में अरुणाचल प्रदेश एवं अक्साई चिन को अपने मैप में दर्शाने पर भारत में खलबली मची है।

राष्ट्रीय संसाधन मंत्रालय जारी करता है नक्शा

चाइना डेली की खबर के अनुसार, चीन का नेचुरल रिसोर्स मिनिस्ट्री ने ही इस मैप को सोमबार के दिन झेजियांग राज्य के डेकिंग काउंटी में पब्लिक किया है। ऐसा करने की वजह चीन का “राष्ट्रीय नक्शा जागरिका सप्ताह” है। चीन के इस मंत्रालय के मुख्य संयोजक वू वेनझोंग ने बताया है कि ऐसे सर्वे, नक़्शे इ एवं भौगोलिक सूचनाएँ देश के विकास को बढ़ाने एवं जीवन में सभी क्षेत्रो में आवश्यकताओं की पूर्ति में मदद करते है।

नाम बदलने से सच्चाई नहीं बदलेगी – भारतीय विदेश मंत्रालय

भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन की राजनीति पर प्रक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के अनुसार, हमारे सामने इससे पहले भी ऐसी चीनी हरकतों की रिपोर्ट आ चुकी है। अभी हम नए मामले को सिरे से नकारते है। अरुणाचल प्रदेश देश का आंतरिक भाग था, भाग है और रहेगा। ऐसे नाम बदलने से सच्चाई नहीं बदलती है।

China New Map
China New Map

1949 से ही विस्तावादी नीति पर चीन

जानकारों ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। एक पोस्ट के अनुसार, ऐसी आक्रामकता दर्शाती है कि चीन विश्व के अन्य देशों के मुकाबले अपने पड़ोस के साथ जमीन एवं सागरीय सीमाओं पर ज्यादा विवाद में क्यों सम्मिलित है? गौर करने वाली बात है कि साल 1949 से ही सत्ता पाने के बाद से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी लगातार विस्तारवादी नीति के अभियान पर जारी है। अभी तक चीन ने अपने 17 पड़ोसी देशों के साथ सीमा को लेकर विवाद खड़े कर दिए है।

चीनी दावा बेतुका – सांसद मनीष तिवारी

कॉंग्रेस पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने भी चीन के दावे को बेतुका करार दिया है। उनके मुताबिक़, चीनी नक्शा ‘मानक मानचित्र’ नहीं है। ये भारतीय-चीनी सीमा विवाद के इतिहास से नहीं मिलते है। अभी का मामला ये है कि चीनियों ने थिएटर लेवल पर बहुत से पॉइंट पर LAC का उल्लंघन कर रखा है।

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