अक्षरधाम मंदिर किसने बनवाया था ? Akshardham Temple का इतिहास जानिए।

विशाल अक्षरधाम मंदिर का निर्माण श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज के नेतृत्व में किया गया था। इस मंदिर में गुलाबी, सफ़ेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों का प्रयोग किया गया है।

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Reported by Pankaj Yadav

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अक्षरधाम मंदिर किसने बनवाया था ? Akshardham Temple का इतिहास जानिए।

सनातन हिंदू धर्म में मंदिरों के प्रति काफी आस्था और विश्वास है। ऐसे ही दिल्ली शहर में बेहद ही आकर्षित और मनमोहक मंदिर जिसका नाम अक्षरधाम मंदिर है। इस मंदिर के बारें में आपने किताबों और समाचार पत्रों में पढ़ा होगा। यह मंदिर भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रतीक है। इस मंदिर से कई लोगों की आस्था जुडी हुई है।

अक्षरधाम मंदिर विश्वा के विशालकाय मंदिरों और अधिक क्षेत्रफ़ल में फैला हुआ है। इस मंदिर की बनावट, चित्रकला, आकृति को देख कर अनुमान लगया जा सकता है कि ये कितना प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर दिल्ली शहर में स्थित है। जो मुख्य रूप से देव भगवान स्वामीनारायण के लिए प्रसिद्ध है। अक्षरधाम मंदिर लगभग 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। इतने बड़े विशाल मंदिर का निर्माण करने के लिए 11 हजार से अधिक कारीगरों की मदद ली गई थी।

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अक्षरधाम मंदिर किसने बनवाया था ?

विशाल अक्षरधाम मंदिर का निर्माण श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज के नेतृत्व में किया गया था। इस मंदिर में गुलाबी, सफ़ेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों का प्रयोग किया गया है।

प्राचीन समय में बने हुए इस मंदिर में स्टील, लोहे और कंक्रीट का उपयोग नहीं किया गया। फिर भी वह अभी तक बहुत मजबूत है। मंदिर को बनाने में अधिकतम बड़े पत्थरों के ऊपर कलाकृति की गई है, जिस वजह से यह ओर भी आकर्षित हो जाता है।

Akshardham Temple का इतिहास

अक्षरधाम मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा बनाया गया था। यह मंदिर एचएच योगीजी महाराज  (1892-1971 सीई) की याद और स्मृति में बनाया गया था। आज दिल्ली शहर में आकर्षण का मुख्य केंद्र अक्षरधाम मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना नवंबर 2005 में की गई है। जिसके 2 साल बाद ही यानी 26 दिसंबर 2007 को दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर होने पर गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में शामिल कर लिया गया था।

अक्षरधाम मंदिर की कुछ खास बातें

  • अक्षरधाम मंदिर र 86342 वर्ग फुट में फैला हुआ है, इस मंदिर की मुख्य विशेषता ये है कि यह 356 फुट लंबा 316 फुट चौड़ा तथा 141 फुट ऊंचा है। इतना अधिक विशाल होने के कारण इस मंदिर को गिनीज बुक में शामिल किया गया है।
  • इतने बड़े मंदिर में करीब 20 हजार से अधिक मूर्तियों को सजाया गया है। मंदिर को अत्यंत भव्य बनाने के लिए 234 नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों, 20 शिखर बनाएं गए है।
  • मंदिर के मुख्य द्वार पर शुल्क किया जाता है, लेकिन मंदिर में प्रवेश करना फ्री है। मंदिर के अंदर लगभर 2870 सीढ़िया बनी हुई है, इसके अलावा मंदिर में एक कुंड भी है।
  • भारतीय संस्कृति की छवि दिखने के लिए मंदिर परिसर ने देवताओं, संगीतकारों, नृत्यों, वनस्पतियों और जीवों की छवियों के साथ -साथ सुन्दर वास्तुकला, शिल्प और कई प्राचीन शैलियों को प्रदर्शित किया गया है।

इन देवी-देवताओं को समर्पित है ये मंदिर

Akshardham Temple मुख्य रूप से स्वामीनारायण भगवान को समर्पित है। इसके अलावा यहां पर भगवान सीता-राम, राधा-कृष्णा, शिव-पार्वती और लक्ष्मी-नारायण की मूर्तियां भी विराजमान है। मंदिर के बीचों-बीच गुम्बद के नीचे स्वामीनारायण की अभयमुद्रा ( ध्यान लगाई हुआ मुद्रा) में बैठी हुई एक सूंदर मूर्ति स्थापित है।

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