Black Box: जैसा कि ब्लैक बॉक्स नाम सुन कर आपको लग रहा होगा कि यह कोई आम बॉक्स होगा जो कि काले रंग का होगा परन्तु ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आपको बता दे यह किसी भी विमान के लिए बहुत जरुरी होता है, क्योंकि जब भी किसी विमान के साथ हादसा होता है तो इस ब्लैक बॉक्स को रिसर्च टीम द्वारा सबसे पहले ढूंढा जाता है। इससे विमान हादसे के कारण को पता लगाया जा सकता है कि यह क्यों हुआ था। हम आज आपको इस आर्टिकल में ब्लैक बॉक्स क्या होता है? इसकी खोज कैसे होती है? इसका इतिहास क्या है? यह क्यों काम आता है? आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी को विस्तार से बताने जा रहे है इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
ब्लैक बॉक्स क्या होता है?
सबसे पहले आपको बता ब्लैक बॉक्स का इस्तेमाल हवाई जहाज के उड़ान के दौरान हो रही सारी गतिविधियों को पता अर्थात रिकॉर्ड लगाने के लिए किया जाता है। ब्लैक बॉक्स का नाम Flight Data Recorder है जिसे कि एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी कहा जाता है। इसे हवाई जहाज के सबसे बाद के भाग में रखा जाता है। जब भी किसी विमान उड़ान के दौरान कोई हादसा होता है तो ब्लैक बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है इसकी सहायता से हादसे का पता लगाया जाता है कि यह कैसे हुआ था।
Black Box का इस्तेमाल सभी हवाई जहाजों में किया जाता है जैसे- पैंसेजर प्लेन, कार्गो प्लेन या फिर फाइटर प्लेन सभी भी इस बॉक्स की आवश्यकता पड़ती है।
Black Box एक बहुत मजबूत बॉक्स होता है यह मजबूत धातु टाइटेनियम से बना होता है जो इसे सुरक्षित रखता है। टाइटेनियम धातु के बने डब्बे के भीतर Black Box बंद रहता है। जिससे कि इसे ना आग से, ना पानी में ऊंचाई से गिरने पर कुछ नुक्सान ना हो सके। यदि हवाई जहाज में किसी तरह का विस्फोट होता है तो इसे तभी भी बहुत कम क्षति पहुँचती है।
Black Box की खोज किसने की?
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक डॉ डेविड वॉरेन द्वारा वर्ष 1953 में दुनिया के सर्वप्रथम Black Box Flight Data Recorder का आविष्कार किया गया था। इस बॉक्स का नाम ब्लैक बॉक्स है परन्तु इसका पूरा रंग लाल रंग का होता है। जब से इस बॉक्स का निर्माण किया गया है तब से विमान हादसे भी बहुत कम हो गए और इससे हादसे की वजह पता चल जाती है कि क्यों हुआ इससे बहुत फयफा हुआ है।
इसका रंग लाल या गुलाबी होता जिसे बहुत दूर से भी देखा जा सकता है यहां विमान के सबसे पीछे वाले भाग में होता है क्योंकि जब भी विमान हादसे में क्रैश होता है तो इसके पीछे के भाग को बहुत कम नुकसान होता है इससे ब्लैक बॉक्स भी सुरक्षित रहता है।
ब्लेक बॉक्स का इतिहास
ब्लैक बॉक्स इतिहास करीबन 50 वर्ष से भी अधिक पुराना है। पहले विमान दुर्घटना की संख्या बढ़ती ही रहती थी जिसको देखते हुए वर्ष 1953 से 1954 में एक्सपर्टो द्वारा सोच-विचार कर कुछ ऐसे उपकरण को लगाया जाए जिससे विमान हादसे के कारण को निकाला जा सके। जिससे कि आगे भविष्य में होने वाली ऐसी दुर्घटना को कम किया जा सके। इसी कारण ब्लैक बॉक्स का निर्माण किया गया है। पहले इसका रंग लाल था जिससे तहत रेड एग के नाम से पुकारा जाता था।
Black Box के अंदर क्या होता है?
आपको बता दे Black Box के भीतर दो तरह के कंपोनेंट होते है जिसकी सम्पूर्ण जानकारी हमने नीचे निम्न प्रकार से दी हुई है।
फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर – पहले कंपोनेंट फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर होता है जो लाल कलर का होता है। इसमें विमान की ऊंचाई, विमान की direction तथा विमान में स्पीड, ईंधन तथा किसी भी प्रकार की हलचल तथा विमान का क्या तापमान है तथा इसके अतिरिक्त 81 तरह के जो रिकॉर्ड होते है उनको लगभग 25 घंटे तक रिकॉर्ड करके जानकारी दे सकता है।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर – दूसरे कम्पोनेंट की बात करें तो यह कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर होता है। यह किसी भी आवाज को रिकॉर्ड कर सकता है अर्थात दुर्घटना होने पर यह हवाई जहाज में 2 घंटे तक विमान की आवाज को रिकॉर्ड करता रहता है।
ब्लैक बॉक्स कैसे काम करता है?
ब्लैक बॉक्स मेटल का बना हुआ एक बहुत मजबूत बॉक्स है जो कि टाइटेनियम बॉक्स के भीतर बंद किया होता है। आपको इसकी खास बात बता दे यह बिना किसी बिजली के 30 दिन तक बिना बंद हुए काम कर सकता है। यदि विमान हादसे के दौरान ब्लैक बॉक्स कहीं गिर या खो जाता है तो इसे आसानी से ढूंढा जा सकता है क्योंकि इसके अंदर से beep sound निकलता रहता है जो कि 30 दिन तक रहता है। और यह आवाज 2 से 3 किलोमीटर तक आती रहती है जिसे कोई भी व्यक्ति सुन सकता है। जिससे आसानी से ढूंढा भी जा सकता है जिससे हुई दुर्घटना का पता लगाया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त यदि ब्लैक बॉक्स विमान हादसे के दौरान समुद्र में गिरता है तो वह लगभग 14000 फ़ीट की गहराई से wave उत्सर्जित करता है। इस बॉक्स में लगभग 75 तरह के आंकड़े सुरक्षित रहते है इससे प्लेन की हादसे की information निकाली जा सकती है।
इस लेख में हमने ब्लैक बॉक्स क्या होता है? से सम्बंधित प्रत्येक प्रकार की जानकारी प्रदान कर दी है। इसी तरह अन्य टॉपिक के बारे में जानने के लिए हमारी साइट से ऐसे ही जुड़े रहे। आशा करते है कि आपको यह लेख पसंद आया हो और इससे विषय से सम्बंधित जानकारी प्राप्त हुई हो।