हर छात्र स्कूली शिक्षा को पूरी करने के बाद विश्विद्यालय अथवा संस्थान से रेगुलर शिक्षा पाने की इच्छा रखता है। लेकिन यह सभी बच्चों के लिए पॉसिबल नहीं होता है। इस प्रकार के छात्रों को पढ़ाई में सहायता के लिए विभिन्न यूनिवर्सिटी डिस्टेंस लर्निंग कोर्स की सुविधा देती है। वैसे तो यूनिवर्सिटी बहुत से विषयों के पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाती है।
लेकिन यहाँ आपको 7 ऐसे डिस्टेंस लर्निंग कोर्सों के लिए Distance Learning Career Tips दे रहे है जिन्हे करने के बाद आप अच्छा करियर बना सकते है।
भारत में कोरोना संक्रमण की वजह से शिक्षा का क्षेत्र बुरी तरह से अस्तव्यस्त हुआ है। इस समय कुछ छात्र ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से अपना पाठ्यक्रम पूरा कर रहे है। तो ऐसे भी बच्चे है जो कॉलेज में एडमिशन ना मिलने के कारण बाहरवीं के आगे की पढ़ाई बंद कर चुके है। इस प्रकार के छात्रों के लिए दूरस्थ शिक्षा बहुत कारगर सिद्ध हो सकती है।
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एमबीए कोर्स
यदि आप कॉर्पोरेट सेक्टर में जॉब पाने की इच्छा रखते है तो आप डिस्टेंस लर्निंग से बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन में MBA की डिग्री कर सकते है। एक एमबीए पाठ्यक्रम में बिज़नेस के विभिन्न क्षेत्रों जैसे फाइनेंस, एचआर, एकाउंट्स, मार्केटिंग एवं मेनेजमेंट के विषय में जानकारी दी जाती है। छात्रों में डिस्टेंस लर्निंग के लिए MBA कोर्स को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।
इस कोर्स में प्रवेश पाने के लिए छात्र के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की ग्रेजुएशन की डिग्री हो चाहिए। कुछ संस्थान कोर्स में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते है।
बीसीए
कंप्यूटर क्षेत्र में जानकारी बढ़ाने और करियर को मजबूती देने के लिए आप डिस्टेंस से 3 साल का बीसीए कोर्स में प्रवेश ले सकते है। यह ऐसा कोर्स है जो लगभग सभी दूरस्थ शिक्षा देने वाले संस्थान उपलब्ध करवाते है।
BCA कोर्स की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद छात्रों के सामने बहुत से करियर विकल्प खुल जाते है।इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए छात्र को साइंस स्ट्रीम से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना होगा।
ग्रेजुएशन इन एजुकेशन (बीएड)
जो छात्र शिक्षण के क्षेत्र में काम करने की इच्छा रखते है, वे बीएड कोर्स को भी डिस्टेंस से कर सकते है। दो साल के बीएड पाठ्यक्रम को पूर्ण करने के बाद आप भविष्य में माध्यमिक एवम उच्च माध्यमिक कॉलेज में शिक्षण कार्य कर सकते है।बीएड कोर्स में प्रवेश लेने के लिए छात्र को मान्यता प्राप्त संस्थान से ग्रेजुएशन डिग्रीघारक होना होगा।
हॉस्पिटैलिटी मैनजमेंट
यह कोर्स छात्र को हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के कार्यों की जानकारी देता है। इस डिग्री को होटल मैनेजमेंट कोर्स की तरह भी माना जाता है। हॉस्पिटैलिटी डिग्री को पूरा करने के बाद आपको होटल, रेस्टोरेंट, क्रूज शिप, एंटरटेनमेंट पार्क इत्यादि क्षेत्रो में नौकरी के अवसर मिल सकते है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए छात्र को किसी भी स्ट्रीम से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना होगा।
बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन
मिडिया के कार्य में दिलचस्पी रखने वाले विद्यार्थी डिस्टेंस लर्निंग से बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर सकते है। इस पाठ्यक्रम को सही प्रकार से पूरा कर लेने के बाद आपको मिडिया से सम्बंधित क्षेत्र जैसे समाचार पत्र, मैगजीन और किताब प्रकाशन, रेडियो के कार्यक्रम, टेलीविज़न के साथ फिल्मों में भी नौकरी मिल सकती है। इस कोर्स में 12वीं उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश मिल जाता है।
मास्टर्स ऑफ कॉमर्स (एम.कॉम)
यदि आप अकाउंट में रूचि रखते हो तो दो साल का मास्टर्स ऑफ कॉमर्स कोर्स आपके लिए बहुत लाभकारी रहेगा। इसके अंतर्गत आपको व्यापार के खातों को तैयार करने की तकनीकी जानकारी मिलेगी। इस डिग्री को पूरा कर लेने के बाद आपको कमर्शियल, एकाउंट्स, ममैनेजमेंट और आर्थिक से सम्बंधित विषयों पर महारत मिल सकती है।इस कोर्स में प्रवेश के लिए छात्र के पास मान्यता प्राप्त संस्थान से बीकॉम, बीबीए या समक्ष ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
लॉ में ग्रेजुएशन
छात्रों को डिस्टेंस लर्निंग मोड से लॉ की डिग्री मिल सकती है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को आपराधिक कानून, आईपीआर, श्रम और कार्य कानून, पारिवारिक कानून, अत्याचार कानून, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, संवैधानिक कानून, मानवाधिकार जैसे उपयोगी विषयों की जानकारी मिलती है।
यह कोर्स तीन सालों का होता है जिसके बाद आप किसी लॉ फर्म, सुप्रीम एवं हाई कोर्ट एडवोकेट और साथ ही जिला कोर्ट में खुद भी प्रैक्टिस कर सकते है। किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन की डिग्री रखने वाले छात्र इस कोर्स में प्रवेश ले सकते है।
मास्टर्स एन एप्लाइड फिजियोलॉजी साइंस
एप्लाइड फिजियोलॉजी कोर्स में छात्रों को मनुष्य एवं जानवरों की बीमारियों का समाधान निकालने के लिए पढ़ाई करवाई जाती है। इसकी पढ़ाई करने वाले लोग मनोवैज्ञानिक विधियाँ से सभी रोगों का उपचार ढूंढने का प्रयास करते है।
इस पाठ्यक्रम की एमएससी (M.Sc) डिग्री में दो सालों की पढ़ाई होती है।इस कोर्स की पढ़ाई करने के लिए छात्र के पास सम्बंधित विषय की ग्रेजुएशन डिग्री होनी चाहिए।