EPF Withdrawal: जानिए पीएफ खाते से पैसा निकालने पर टैक्स देने के नियम और शर्तें

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते से पैसा निकालने पर टैक्स नियम समझना बेहद जरूरी है। पांच साल बाद निकासी पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन उससे पहले के निकासी पर टैक्स देना पड़ सकता है। जानिए कब और कितना टैक्स देना होगा, और TDS से बचने के उपाय।

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Reported by Sheetal

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EPF Withdrawal: जानिए पीएफ खाते से पैसा निकालने पर टैक्स देने के नियम और शर्तें
Rules for paying tax on withdrawal of money from PF account

भारत में प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) महत्वपूर्ण बचत का साधन है। अगर आपकी कंपनी में 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, तो आपका EPF में रजिस्ट्रेशन होना आवश्यक है। ज्यादातर कर्मचारी अपने PF खाते से जुड़े नियमों और टैक्स के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते हैं। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि कब और कैसे EPF खाते से पैसा निकाल सकते हैं और इस पर टैक्स कैसे लागू होता है।

EPF क्या है?

जब आप किसी कंपनी में काम शुरू करते हैं, तो आपको यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) मिलता है। यह UAN आपके पीएफ खाते से जुड़ा होता है और आपके और आपके नियोक्ता दोनों का योगदान इसमें जमा होता है। यह योगदान आपकी सैलरी से हर महीने काटा जाता है और भविष्य में एक अच्छी-खासी राशि के रूप में जमा हो जाता है।

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क्या EPF से पैसा निकालने पर टैक्स लगता है?

कई कर्मचारियों का मानना है कि EPF खाते से पैसा निकालने पर टैक्स नहीं देना होता, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। कुछ परिस्थितियों में आपको निकासी पर टैक्स देना पड़ सकता है। यदि आपने EPF में पांच साल तक योगदान किया है, तो निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। चाहे आप एक ही कंपनी में काम कर रहे हों या कई कंपनियों में, पांच साल की अवधि पूरी होनी चाहिए।

कब देना होगा टैक्स?

यदि आपने पांच साल तक EPF में योगदान नहीं किया है और पैसा निकालते हैं, तो आपको टैक्स चुकाना होगा। यह टैक्स उसी साल देना होगा जिस साल आपने EPF से पैसा निकाला है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 2021-22 में EPF में योगदान करना शुरू किया और 2024-25 में पैसा निकालना चाहते हैं, तो आपको टैक्स 2024-25 में देना होगा।

EPF में जमा रकम के हिस्से

EPF में जमा रकम चार हिस्सों में होती है:

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  1. कर्मचारी का अंशदान
  2. नियोक्ता का अंशदान
  3. नियोक्ता के अंशदान पर ब्याज
  4. कर्मचारी के अंशदान पर ब्याज

पांच साल से पहले निकासी करने पर सभी चारों हिस्सों पर टैक्स लगता है।

टैक्स देनदारी का गणित

EPF निकासी पर टैक्स की देनदारी मुख्यतः दो बातों पर निर्भर करती है:

  1. 80C के तहत डिडक्शन: अगर आपने अपने अंशदान पर 80C के तहत डिडक्शन का लाभ लिया है, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। यदि डिडक्शन का लाभ नहीं लिया है, तो यह टैक्स के दायरे में नहीं आएगा।
  2. नियोक्ता का अंशदान और ब्याज: यह सैलरी का हिस्सा माना जाता है और टैक्स के दायरे में आता है।

TDS कटौती

पांच साल से पहले EPF से निकासी करने पर TDS कटौती होती है। अगर आपका PAN Card लिंक्ड नहीं है, तो 20% TDS कटेगा। अगर PAN लिंक्ड है, तो TDS 10% कटेगा। अगर EPF में जमा रकम 50,000 रुपये से कम है, तो TDS नहीं कटेगा। अगर आपकी आय टैक्स के दायरे से कम है, तो आप फॉर्म 15G या 15H जमा कर TDS से बच सकते हैं।

EPF खाते से पैसा निकालने से पहले इन नियमों को ध्यान में रखना जरूरी है। यह आपकी बचत का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और इसे सही तरीके से प्रबंधित करना आवश्यक है। अगर आप पांच साल तक योगदान करते हैं, तो निकासी पर टैक्स से बच सकते हैं। टैक्स बचाने के लिए फॉर्म 15G या 15H का उपयोग करें और सुनिश्चित करें कि आपका PAN Card EPF खाते से लिंक्ड हो।

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