नोएडा और गाजियाबाद सहित देश के 33 सबसे प्रदूषित शहरों में से सात शहर उत्तर प्रदेश के हैं

नोएडा और गाजियाबाद से आई ताज़ा खबरों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने सबकी चिंता बढ़ा दी है। इस सोमवार को हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा 400 के पार जाने से स्थिति बेहद गंभीर बन गई है। गाजियाबाद के लोनी इलाके की हवा तो इतनी ज़हरीली हो गई है कि वहां का एयर क्वालिटी ... Read more

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Reported by Hindi Samachar Staff

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नोएडा और गाजियाबाद सहित देश के 33 सबसे प्रदूषित शहरों में से सात शहर उत्तर प्रदेश के हैं

नोएडा और गाजियाबाद से आई ताज़ा खबरों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने सबकी चिंता बढ़ा दी है। इस सोमवार को हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा 400 के पार जाने से स्थिति बेहद गंभीर बन गई है। गाजियाबाद के लोनी इलाके की हवा तो इतनी ज़हरीली हो गई है कि वहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 490 तक पहुंच गया है।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में भी हालात खराब हैं। चारों तरफ स्मॉग की मोटी परत ने दृश्यता को कम कर दिया है और सांस लेना दूभर हो गया है। नोएडा की हवा में PM10 का स्तर 639 मिलीग्राम प्रति घन मीटर है, जबकि गाजियाबाद में PM2.5 का स्तर 430 मिलीग्राम प्रति घन मीटर है।

नोएडा और गाजियाबाद सहित देश के 33 सबसे प्रदूषित शहरों में से सात शहर उत्तर प्रदेश के हैं
नोएडा और गाजियाबाद सहित देश के 33 सबसे प्रदूषित शहरों में से सात शहर उत्तर प्रदेश के हैं

राजधानी लखनऊ समेत यूपी के अन्य जिलों की हवा में भी सुधार नहीं है। लखनऊ के लालबाग, कानपुर, बागपत, हापुड़, मेरठ और मुजफ्फरनगर में भी AQI का स्तर बहुत खराब श्रेणी में है।

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देश के 33 सबसे प्रदूषित शहरों में से सात शहर उत्तर प्रदेश के हैं, जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, बागपत और मुजफ्फरनगर शामिल हैं। स्वास्थ्य के लिए ये हालात किसी चेतावनी से कम नहीं हैं। मरीजों और आम लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि अब सिर्फ तेज हवाएँ ही इस जहरीली हवा को साफ कर सकती हैं।

सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए कदम उठाए हैं लेकिन ज़रूरत है और भी सख्ती की। कारखानों को नियंत्रित करना, वाहनों के धुएँ पर नियंत्रण और कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध, ये सभी कदम और भी ज़रूरी हो गए हैं। स्थानीय निकायों को भी प्रदूषण रोकने में सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

अगर हम अभी भी नहीं चेते, तो आने वाले समय में हमारे शहर और हमारी सेहत दोनों को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए, ये वक़्त है कि हम सभी मिलकर इस प्रदूषण से लड़ें और अपने शहरों को साफ़-सुथरा बनाएं।

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