किसी भी नौकरी करने वाले व्यक्ति के लिए रिटायरमेंट (retirement) एक बेहद महत्वपूर्ण विषय है। चाहे आप अभी युवा हों, लेकिन अगर आप रिटायरमेंट की योजना अभी से बना लें तो भविष्य में आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेंगे। जब आप नौकरी करते हैं, तो आपकी सैलरी से एक निश्चित राशि पीएफ अकाउंट (PF account) में जमा होती है। पीएफ अकाउंट (Provident Fund Account) को सरकार की संस्था ईपीएफओ (EPFO) द्वारा संचालित किया जाता है।
रिटायरमेंट के समय पीएफ राशि कितनी मिलेगी?
अगर आप इस वक्त 30 साल के हैं और आपकी सैलरी 50,000 रुपये है, तो आइए देखते हैं कि रिटायरमेंट के समय आपका पीएफ अमाउंट (PF amount) कितना हो सकता है। मान लें कि आप अभी 30 साल के हैं और 50 हजार रुपये की सैलरी पाते हैं। पीएफ अकाउंट में सैलरी का 12 प्रतिशत योगदान करना होता है। वर्तमान में पीएफ अकाउंट में जमा राशि पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर लागू है।
अगर आपकी सैलरी में हर साल 5 प्रतिशत की वृद्धि होती है, तो Groww के ईपीएफ कैलकुलेटर (EPF Calculator) के अनुसार, रिटायरमेंट के समय आपको कुल 2,53,46,997 रुपये मिलेंगे। यानी रिटायरमेंट के समय आपके पास लगभग 2.50 करोड़ रुपये की राशि होगी। यह एक अनुमानित आंकड़ा है, वास्तविक राशि अलग हो सकती है।
कैसे करें कैलकुलेशन?
उम्र (वर्ष) | मासिक सैलरी (रुपये) | वार्षिक सैलरी (रुपये) | सालाना वृद्धि (%) | कुल पीएफ राशि (रुपये) |
---|---|---|---|---|
30 | 50,000 | 6,00,000 | 5 | 2,53,46,997 |
PF अकाउंट से पैसे निकालने से बचें
ज्यादातर प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी अगर संगठित क्षेत्र में काम करते हैं, तो वे रिटायरमेंट के बाद बेनिफिट पाने के हकदार होते हैं। सरकारी कर्मचारी अपने निजी क्षेत्र के समकक्षों के मुकाबले पेंशन के लिए अतिरिक्त रूप से पात्र होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बहुत अधिक जरूरत न हो, तो पीएफ अकाउंट (PF account) में जमा राशि को रिटायरमेंट से पहले नहीं निकालना चाहिए।
आप 7 साल की सर्विस पूरी करने के बाद पीएफ से पैसे निकाल सकते हैं। साथ ही, पूरे पीएफ अकाउंट की अवधि में केवल तीन बार ही पैसे निकाल सकते हैं। ध्यान रहे, आप अपने योगदान का 50 प्रतिशत से अधिक राशि नहीं निकाल सकते हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग आपकी वित्तीय स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। यह न केवल आपको और आपके परिवार को भविष्य में सुरक्षित रखेगा, बल्कि आपको वर्तमान में भी मानसिक शांति देगा। सही तरीके से योजना बनाएं और समय-समय पर अपने फाइनेंशियल प्लान की समीक्षा करें।