PM Kisan Yojana: पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार देश के करोड़ों किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया करवाती है। इस योजना में अभी तक सरकार लाभार्थी किसानों को 12 वीं किस्त की राशि ट्रांसफर कर चुकी है, जिसके बाद अब किसानों को 13 वीं किस्त के जारी होने का इंतजार बना हुआ है, ऐसे में अगली किस्त के जारी होने से पहले एक बड़ी अपडेट सामने आई है, बता दें इस अपडेट के मुताबिक केंद्र सरकार ने फर्जी किसानों की छंटनी की पूरी तैयारी कर ली है। जिसके तहत अब दो करोड़ किसानों का नाम योजना की लिस्ट से हटा दिया है, जिसकी जानकारी केंद्र सरकार ने दी है। यानी अब जितने भी अपात्र किसानों का नाम लिस्ट में शामिल किया गया होगा उन्हें 13 वीं किस्त नहीं मिलेगी।
इन किसानों को हटाया जाएगा नाम
पीएम किसान योजना के तहत केवल देश के लघु एवं सीमांत किसानों को सहायता राशि दी जाती है, लेकिन कुछ लोग इसका गलत तरीके से फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे में केंद्र की और से इस योजना के तहत कई राज्यों के किसानों का नाम हटा दिया है। इसके लिए सरकार ने बताया की इस योजना के तहत लगातार हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार लिंक वाला फिल्टर लगाया गया है, जिसके जरिए किसानों की पहचान हो रही है और यही वजह है की किसानों के नाम लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी योजना के लाभार्थी हैं तो आप भी लिस्ट में अपना नाम चेक कर लें, अगर आपका नाम लिस्ट में नहीं आता है तो आपको अगली किस्त मिल जाएगी।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए लगाए चार फिल्टर
योजना के तहत सरकार ने इस लिस्ट में अलग-अलग राज्यों से किसानों के नाम हटा दिए हैं। अभी सरकार योजना के तहत ऐसे किसानों की पहचान में लगी हुई है, जो गलत तरीके से योजना का लाभ ले रहे हैं। ऐसे लोगों को इस योजना का लाभ देने से रोकने के लिए ही सरकार ने ऐसे चार फिल्टर लगाएं हैं, ताकि इनकी पहचान की जा सके। ऐसे में जिन किसानों ने योजना के तहत आधार लिंक नहीं कराया है या फिर ई-केवाईसी पूरा नहीं किया है, तो उन्हें 13 वीं किस्त की रकम नहीं मिलेगी इसके लिए जितना जल्दी हो सके ई-केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा करा लें।
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इन राज्यों से काटे गए हैं किसानों के नाम
पीएम किसान योजना के अंतर्गत गलत तरीके से योजना का लाभ ले रहे किसानों की पहचान कर अब तक देशभर के लगभग 58 लाख किसानों का नाम हटा दिया गया है। इस कदम से पंजाब के लगभग 17 लाख किसानों में से 15 किसानों का नाम कट गया है और अब इनकी संख्या दो लाख पर आ गई है, वहीं केरल और राजस्थान की बात करें तो यहाँ लगभग 14 लाख किसानों के नाम काटे गए हैं।