जो कर्मचारी ऐसी कम्पनी में नौकरी कर रहे हो जहाँ पर उनके वेतन से PF काटा जाता है। इस प्रकार से जॉब के पूरे टाइम पीरियड में जो भी राशि इस पीएफ खाते में इकट्ठा होती है वो नौकरी छोड़ने पर ब्याज जोड़कर एकमुश्त मिल जाती है।
कर्मचारी चाहे तो अपनी नौकरी के समय में भी इस पीएफ खाते में से कुछ रकम की निकासी (PF Fund Withdrawal) कर सकेगा। इस प्रकार से सभी PF खाताधारक कर्मचारियों को जॉब छोड़ने के बाद पीएफ फण्ड निकालने की शर्ते एवं अन्य डिटेल्स ले लेनी चाहिए।
जॉब छोड़ने के 2 माह बाद पीएफ निकासी हो सकेगी
यदि नौकरी से सेवानिवृति होने अथवा किसी समय बीच के समय में ही नौकरी छूटती है और कर्मचारी 2 माह तक बेरोज़गारी झेलता है तो उसको नियमानुसार अपने पीएफ के पूरे फण्ड की निकासी (PF Fund Withdrawal) का अधिकार है। नौकरी से इस्तीफ़ा देने अथवा नौकरी से निकाले जाने की दोनों ही दशाओ में ये सुविधा प्राप्त होगी।
ऐसी स्थिति में कर्मचारी को अपने बेरोज़गार रहने के सबूत भी जमा नहीं करने पडते है। सरकार की तरफ से ऐसी दो वजहें तय की गई है जिसके अंतर्गत नौकरी से इस्तीफे के एकदम बाद भी कर्मचारी अपने पीएफ खाते से निकासी का अधिकारी होता है –
- जॉब छोड़ने के बाद स्थाई तरीके से विदेश में जा रहे अथवा जाने की तैयारी हो।
- महिला कर्मी के विवाह के पश्चात वह शहर छोड़ने को बाध्य हो।
रिटायर होने के बाद किसी भी समय पीएफ निकले
कर्मचारी के रिटायर होने के एकदम बाद ही अपनी इच्छा से किसी भी समय पीएफ की निकासी का अधिकार प्राप्त हो जाता है। इस दशा में निम्न समय-सीमा से जुड़े नियम भी है –
- यदि कर्मचारी PF की निकासी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर रहा हो तो उसके आवेदन के 7 दिनों के अंदर ही पीएफ का पैसा मिल जाना चाहिए। इसमें कर्मचारी का UAN नम्बर सक्रिय होना अनिवार्य है और ये आधार कार्ड से जुड़ा हो।
- यदि कोई कर्मचारी अपनी किसी आवश्यकता के लिए “एडवांस पीएफ” हेतु आवदन कर चुका है तो कुछ केस में 3 दिन एवं कुछ केसो में 7 दिनों के भीतर पीएफ का पैसा प्राप्त हो जाएगा।
- यदि कर्मचारी ईपीएफओ ऑफिस में जाकर ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर रहा हो तो 2 सप्ताह में उसको पीएफ के पैसे प्राप्त हो जायेंगे।
- यदि किसी वजह से इस प्रक्रिया में देरी होती है तो सरकार ने पीएफ, पेंशन एवं बीमे के दावे को अधिकतम 20 दोनों में निपटान करने का नियम भी बनाया है।
- इसके बाद भी पीएफ फण्ड प्राप्त न होने की दशा में कर्मचारी को ईपीएफओ के ‘ग्रीवांस पोर्टल’ की वेबसाइट पर जाकर अपनी शिकायत डालनी होगी।
पीएफ फण्ड को ऑनलाइन निकालना
- सबसे पहले ईपीएफओ पोर्टल unifiedportal-mem.epfindia.gov.in में अपने UAN अकाउंट में लॉगिन हो।
- यहाँ पर ऑनलाइन सेवाएं सेक्शन में “दावा (फॉर्म-31, 19 एवं 10 C)” को चुने।
- इसमें लिंक बैंक अकाउंट के अंतिम 4 डिजिट टाइप करके “सत्यापित करें” ऑप्शन चुने।
- ‘सर्टिफिकेट ऑफ अंडरटेकिंग’ पर सिग्नेचर करने के बाद “हाँ” बटन दबाए।
- मैं आवेदन करना चाहता हूँ, सेक्शन की ड्राप-डाउन मेन्यू में सिर्फ “पीएफ निकासी (फॉर्म-19)” ऑप्शन चुने।
- अपना पूरा पता देते हुए स्वीकरण को टिक करते हुए “आधार ओटीपी प्राप्त करें” बन दबाए।
- आधार से लिंक मोबाइल पर प्राप्त OTP का सत्यापन कर दें।
- ऐसे फॉर्म सब्मिट होने के बाद एक ‘रेफ्रेंस नम्बर” प्राप्त होगा।
- निकली गई रकम 15 से 20 दिन में UAN में लिंक बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होगी।
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रिटायर होने के 3 वर्षो तक ब्याज मिलेगा
जो भी कर्मचारी अपने नौकरी छोड़ने अथवा छूटने के 3 वर्षो बाद तक अपने पीएफ फण्ड की निकासी नहीं करते है तो उनको इस पर पूरे 3 वर्षो तक ब्याज प्राप्त होता है। किन्तु तीन वर्षो के बाद इस अकाउंट को ‘निष्क्रिय’ घोषित कर देते है। पीएफ खाता सेविंग का एक अच्छा रूप है जबकि यह टैक्स मुक्त निवेश का अच्छा मार्ग है। किन्तु 5 वर्षो के अवधि से पहले पैसे निकासी पर टैक्स जरूर लगता है।