आगामी 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाला केंद्रीय बजट कर्मचारियों के लिए बेहद खास होने वाला है। लंबे समय से चल रहे पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) के विवाद का समाधान इस बजट में किया जाएगा। यह कदम लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी लेकर आएगा, लेकिन इसके साथ ही कुछ कर्मचारियों के बीच असंतोष भी है।
पुरानी पेंशन और नई पेंशन विवाद का समाधान
23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्ण बजट पेश करेंगी, जिसमें पुरानी पेंशन और नई पेंशन योजना के विवाद को समाप्त करने की घोषणा होगी। लोकसभा चुनाव के बाद पेश हो रहे इस बजट में बीजेपी सरकार के लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि चुनाव के दौरान पुरानी पेंशन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था और कर्मचारियों का बीजेपी को वोट न देने का मुख्य कारण भी यही था।
गारंटीकृत पेंशन की घोषणा
वित्त मंत्री ने पहले ही संकेत दिए थे कि NPS के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को गारंटीकृत पेंशन देने पर विचार किया जा रहा है। बजट में इसकी औपचारिक घोषणा होगी, जिसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों को NPS के तहत उनकी अंतिम वेतन का लगभग 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। यह निर्णय लाखों सरकारी कर्मचारियों के पेंशन की चिंता को कम करेगा।
OPS और NPS का अंतर
पुरानी पेंशन योजना (OPS) में कर्मचारी को उसकी अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता है, और महंगाई भत्ता भी हर 6 महीने पर बढ़ी दर से मिलता है। दूसरी ओर, नई पेंशन योजना (NPS) में कर्मचारी अपनी वेतन + महंगाई भत्ते का 10% अपने NPS खाते में जमा करता है, जबकि 14% का योगदान सरकार करती है। NPS का यह पैसा सरकार द्वारा निवेश किया जाता है और रिटायरमेंट के बाद 60% एकमुश्त राशि और शेष राशि पेंशन के रूप में मिलती है, जो फिक्स नहीं होती है।
कमेटी का गठन और रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर दबाव में आने के बाद पिछले साल वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने लगभग डेढ़ साल तक अध्ययन किया और आंध्र प्रदेश सरकार के संशोधनों को ध्यान में रखते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में कर्मचारियों की अंतिम बेसिक वेतन का 50% पेंशन के रूप में देने का निर्णय लिया गया है और बजट में इसका आधिकारिक ऐलान होगा।
आ गई अंतिम रिपोर्ट
सोमनाथन समिति की रिपोर्ट को सुरक्षित रखा गया है और बजट में इसकी घोषणा से पहले कर्मचारी यूनियनों के साथ इस पर चर्चा की जाएगी। इसके लिए 15 जुलाई को एक बैठक का आयोजन किया गया है।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
सरकार के इस निर्णय पर कर्मचारियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ कर्मचारियों ने इसका स्वागत किया है, जबकि कुछ अभी भी असंतुष्ट हैं और उन्हें पुरानी पेंशन योजना के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है। हालांकि, अधिकांश कर्मचारी इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं।
इस बजट में होने वाली घोषणा सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है, जो लंबे समय से पेंशन को लेकर अनिश्चितता में थे। अब देखना यह है कि सरकार का यह कदम कर्मचारियों की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरता है।