अभी 15 दिनों से विश्वभर में कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर खबरे आ रही है। विज्ञानिको के अनुसार ये वैरिएंट सर्वाधिक संक्रमण की क्षमता रखने वाला वायरस है। ऐसी रिपोर्ट से बाद संक्रमण को लेकर अलर्ट भी जारी किये गए। हमारे देश में भी एक मामले की पुष्टि की जा चुकी है। दूसरे देशों में देखें तो यूके समेत अन्य देशों में वायरस के केसो की संख्या बीते दिनों में काफी बढ़ चुकी है।
अभी रिसर्च कर रही टीम ने एरिस के बाद एक दूसरे वैरिएंट का अलर्ट जारी कर दिया है। यूएस सेण्टर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एन्ड प्रिवेंशन (CDC) ने 17 अगस्त के दिन अपनी रिपोर्ट में कोविड के एक नए स्ट्रेन BA.2.86 का पता लगने की बात कही है। इस वायरस के केस इजराइल, डेनमार्क एवं यूएसए समेत अन्य देशों में रिपोर्ट हो चुके है।
नए वारयस की जानकारी ले रहे है
अब रिसर्चर्स कह रहे है है ये कोरोना का अधिकतम म्युटेटेड वर्जन में से एक होने की उम्मीद है। सीडीसी शोधार्थियों के अनुसार, हमने इस वायरस के नए स्ट्रेन के नेचर पर निगाहें बना रखी है। ये एकदम नया है और इसी वजह से इसके लिए कुछ खास जानकारी मौजूद नहीं है। इसको और समझने के लिए रिसर्च हो रही है।
नए वेरिएंट की प्रकृति जाने
शोधकर्तओं के अनुसार अभी इस वेरिएंट के अभी प्रसार से स्ट्रेन में कितना घातक रहेगा, इस बात को लेकर कहना जल्दबाजी है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के अनुसार BA.2.86 से पैदा होने जा रहे खतरों को जानने के लिए और डाटा चाहिए होगा। किन्तु इसमें म्यूटेशन के नम्बर्स जैसे अधिक है तो इस वजह से इसकी संक्रामकता एवं घातकता के ज्यादा होने के अनुमान है।
प्रतिरोधकता को मात देने में सक्षम – WHO
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने सोशल मिडिया पर ट्वीट करके बताया है कि वे इसको जानने के लिए और अधिक डिटेल्स एकत्रित करने में जुटे है। संघठन के मुताबिक नए वायरस का सर्कुलेट एवं इवॉल्व हो रहा है। इस दशा में इसमें नजर रखना एवं रिपोर्टिंग करना आवश्यक है। डॉक्टर इस वैसली लॉन्ग ने जानकारी दी है कि यह वायरस संक्रमण के बाद मिलने वाले प्रतिरोधकता को मात देने की क्षमता है।
डब्लूएओ के अनुसार सभी वायरस में समय के साथ परिवर्तन होते है। अधिक समय इस म्यूटेशन अर्थात परिवर्तन का वायरस पर बहुत कम अथवा कुछ भी प्रभाव नहीं होता है। यद्यपि बहुत बार इस परिवर्तन से वायरस पर प्रभाव भी होता है जैसे वायरस के प्रसार आसानी से हो सकेगा अथवा दुबारा कितना घातक हो सकता है इत्यादि।
WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस के अनुसार, ‘कोविड-19 अभी के समय में ग्लोबल हेल्थ एमर्जेन्सी नहीं रह गया है किन्तु अभी भी ये एक ग्लोबल खतरा बना हुआ है।’
वेरिएंट की निगरानी हो रही है
सीडीसी की प्रवक्ता कैथलीन कॉनली ने बताया – पूर्व की अपेक्षा अभी हम कोरोना के नए वेरिएंट को जानने में ज्यादा तैयार है। हमें कोरोना के नए वैरिएंट का पता लग गया है और हमको इसमे ज्यादा म्यूटेशन देखने को मिले है। मतलब वायरस से संक्रमण एवं नुकसान ज्यादा हो सकता है। अभी वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने इसके खतरे को देखकर वायरस को ‘वैरिएंट अण्डर मॉनिटरिंग’ की तरह से चिन्हित किया है।
वैज्ञानिको ने देशों को अलर्ट रहने की सलाह दी
BA.2.86 का पहला केस मिशिगन यूनिवर्सिटी, अमेरिका की लैब में रिपोर्ट हुआ था। पहले वेरिएंट के आने के बाद इस नए वैरिएंट ने वैज्ञानिको को अधिक चेता दिया है। अब वैज्ञानिको के अनुसार कोरोना के वैरिएंट्स में निरंतर म्यूटेशन हो रहे है जोकि यह संकेत करता है कि हमको अलर्ट रहने की जरूरत है। अभी कोरोना का खतरा बना ही हुआ है और सभी देशों में कोविड को लेकर सही व्यवहार का कड़ाई से पालन होने की आवश्यकता है।