DOPT ने जारी किए नए दिशा-निर्देश: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए छुट्टी और पेंशन में बदलाव

केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए DOPT ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें अंगदान के लिए 42 दिन का विशेष अवकाश, महिला कर्मचारियों के लिए 60 दिन का मातृत्व अवकाश, और रक्तदान के लिए एक दिन की छुट्टी शामिल है। इसके अलावा, महिला कर्मचारी अपने बच्चों को पति के जीवित रहते हुए भी पेंशन के लिए नामित कर सकती हैं।

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Reported by Sheetal

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DOPT ने जारी किए नए दिशा-निर्देश: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए छुट्टी और पेंशन में बदलाव
DOPT changed leave and pension rules

केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए हाल ही में DOPT (Department of Personnel and Training) ने कुछ महत्वपूर्ण छुट्टी और पेंशन संबंधी नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये नवीनतम नियम न केवल कर्मचारियों के कल्याण को ध्यान में रखते हैं, बल्कि उन्हें अधिक सुविधाजनक और मानवीय समर्थन प्रदान करते हैं। आइए, इन परिवर्तनों को विस्तार से समझें।

1. अंगदान के लिए विशेष अवकाश

केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को अब अंगदान के लिए 42 दिन का विशेष अवकाश दिया जाएगा। यह अवकाश अस्पताल में भर्ती होने के दिन से शुरू होगा और एकमुश्त रूप में लिया जा सकेगा। इसकी अनुमति सरकारी चिकित्सा अधिकारी की सिफारिश पर दी जाएगी, और उपचार केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के अंतर्गत आने वाले अधिकृत अस्पतालों में ही किया जाएगा।

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2. विशेष मातृत्व अवकाश

यदि किसी महिला कर्मचारी के जन्म देने के बाद बच्चे की मृत्यु हो जाती है, तो उसे 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश मिलेगा। यह सुविधा उन महिला कर्मचारियों के लिए है जिनके दो से कम जीवित बच्चे हैं, और यह अवकाश केवल अधिकृत चिकित्सालय में प्रसव होने पर ही लागू होता है।

3. रक्तदान के लिए विशेष छुट्टी

कर्मचारियों को रक्तदान करने पर उसी दिन के लिए एक दिन की विशेष छुट्टी दी जाएगी। इसका लाभ सभी प्रकार के रक्तदान के लिए उपलब्ध है और एक साल में यह छुट्टी चार बार तक ली जा सकती है।

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4. महिला कर्मचारियों के बच्चों के लिए पेंशन

महिला सरकारी कर्मचारी अब अपने पति के जीवित रहते हुए भी अपने बच्चों को पेंशन के लिए नामित कर सकेंगी। यह निर्णय पारिवारिक कलह को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, और महिला कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके बच्चों को पति के जीवित रहते हुए भी पेंशन मिल सकेगी।

ये दिशा-निर्देश केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के कल्याण को बढ़ावा देने और उन्हें अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारी अपनी निजी और पेशेवर ज़िन्दगी में संतुलन बनाए रख सकें।

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