NASA में मंगल ग्रह से कांटेक्ट तोड़ने की तैयारी की, तीन दिन में गायब होगा ग्रह

नासा ने अपने सभी संपर्क मंगल ग्रह (Mars planet) से समाप्त करने की तैयारी कर ली है इसकी वजह है कि ये ग्रह गायब (mars disappears) हो जाएगा। इस खबर के सुनते ही चौकने की जरुरत नहीं है किन्तु यह हमेशा के लिए नहीं किया जा रहा है। मंगल ग्रह केवल दो ही हफ्तों के ... Read more

Photo of author

Reported by Pankaj Yadav

Published on

nasa-prepares-to-break-contact-with-mars


नासा ने अपने सभी संपर्क मंगल ग्रह (Mars planet) से समाप्त करने की तैयारी कर ली है इसकी वजह है कि ये ग्रह गायब (mars disappears) हो जाएगा। इस खबर के सुनते ही चौकने की जरुरत नहीं है किन्तु यह हमेशा के लिए नहीं किया जा रहा है। मंगल ग्रह केवल दो ही हफ्तों के लिए ही इस पृथ्वी से गायब होने वाला है।

ये सभी बाते एक खगोलीय घटना के कारण से हो रही है। आने वाले पूरे दो सप्ताह के लिए मंगल ग्रह हमारे सौर मंडल से गायब होने वाला है और मंगल ग्रह ही हमेशा रहस्यों की खान के रूप में प्रसिद्ध है। बीते दो दशक से NASA ने इस ग्रह पर जीवन होने के अनुमान भी लगा दिए थे।

अमेरिकन स्पेस एजेंसी (NASA) के उपकरण ग्रह की सतह और ऑर्बिट में बहुत वर्षो तक निरंतर कार्य किया हैं। इन्हीं उपकरणों के कारण नासा मंगलको लेकर नई डिटेल्स जुटाता है किन्तु अब इस पर ब्रेक लगने वाला है।

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

अब नासा मंगल ग्रह के रहस्यों को खंगाल रहे उपकरणों से कांटेक्ट खत्म कर रहा है वो इसलिए क्योंकि मंगल ग्रह अब ‘गायब’ होने वाला है. यह अगले तीन दिन में ही होने वाला है।

NASA में मंगल ग्रह से कांटेक्ट तोड़े

इसका कारण एक खगोलीय घटना, सोलर कंजंक्शन है, जिसके दौरान मंगल ग्रह सूर्य के पीछे छिप जाएगा। मंगल ग्रह की सतह और कक्षा में स्थित नासा के उपकरण वर्षों से इसके रहस्यों को उजागर कर रहे हैं। इस दौरान संचार से बाहर हो जाएंगे।

यह प्रक्रिया नासा द्वारा डाटा खोने की संभावना को कम करने के लिए की जा रही है, क्योंकि सोलर कंजंक्शन के दौरान डाटा ट्रांसमिशन में बाधाएं आ सकती हैं।

सौर संयोजन क्या है?

सोलर सिस्टम में प्रत्येक वर्ष सौर संयोजन (solar conjunction) की एक्टिविटी होती है ये वह टाइम होता है जिसमे मंगल और पृथ्वी के मध्य सूर्य आ जाता है। ऐसे में इन दोनों ग्रहों के मध्य में एक खगोलीय रेखा खिंचती है इसके कारण से ही धरती के लिए मंगल (Mars planet) और मंगल के लिए धरती गायब हो जाती है।

NASA की ही रिपोर्ट के अनुसार आने वाली 11 नवंबर से 25 नवंबर के बीच सौर संयोजन निर्धारित है। ये संयोजन की घटना प्रत्येक 2 वर्षो में एक बार होती है। इसी टाइमपीरियड पर मंगल ग्रह या उसके ऑर्बिट में जिस भी कम्युनिकेशन डिवाइस होता हैं उनका स्पेस एजेंसी से कनेक्शन बाधित हो जाता है।

NASA
NASA

यह भी पढ़ें :- WHO Report: इस बीमारी से मौत के मामलों में 2021-22 के बाद 43% बढ़ोतरी, WHO ने किया रिपोर्ट में किया खुलासा, जाने वजह

भारत जल्द भेजेगा मंगलयान-2

मंगल ग्रह में जीवन की संभावना की खोज को लेकर NASA ने निरंतर ‘मंगल’ पर शोध किया है। इनके साथ ही यूएई और चीन के एक स्पेस क्राफ्ट ने भी मंगल ग्रह को लेकर बहुत से डिटेल्स जुटाए है। कुछ समय पूर्व भारत भी ऐसे ही देशो की तरह से काम करने लगा है।

ISRO के वैज्ञानिक मंगलयान-2 की लॉन्चिंग के प्रोग्राम पर कार्य कर रहे है। ये मार्स ऑर्बिटर मिशन होगा जोकि मंगल ग्रह के ऑर्बिट पर उसके वातावरण एवं पर्यावरण की डिटेल्स एकत्रित करेगा। ये भारत में दूसरा मंगल मिशन रहेग और इससे पूर्व भी भारत साल 2014 में मंगलयान की लॉन्चिंग कर चुका है जोकि मंगल ग्रह की कक्षा तक जा चुका है।

Leave a Comment

WhatsApp Subscribe Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp