UP News: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने बिजली उपभोक्ताओं के हित में एक नया नियम प्रस्तुत किया है। इस नियम के तहत, यदि बिजली कार्मिकों को मीटर चेकिंग या रीडिंग के दौरान किसी उपभोक्ता के घर में स्वीकृत भार से अधिक बिजली की मांग मिलती है, तो उन्हें उपभोक्ता से सहमति प्राप्त करनी होगी। इस विषय पर पावर कॉर्पोरेशन निदेशक (वाणिज्य) अमित कुमार श्रीवास्तव के आदेशानुसार, प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे पूर्वांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल, और केस्को को इस नये नियम के संबंध में सूचित किया गया है।
सहमति पर की जाएगी भार वृद्धि
इस नए नियम के अनुसार, यदि मीटर रीडिंग या चेकिंग के समय स्वीकृत भार से ज्यादा बिजली की मांग होती है, तो उपभोक्ता से एक ‘सहमति फॉर्म’ भरवाने के बाद भार वृद्धि की जाएगी। इसके अलावा, पांच किलोवाट से अधिक भार वाले कनेक्शनों को तुरंत बदलने का भी आदेश दिया गया है।
मीटर लगाने के बाद किसी भी तरह के लूट कनेक्शन के कारण टर्मिनल प्लेट के जलने पर सख्त कार्रवाई की जाने की चेतावनी भी दी गई है। यह कदम उत्तर प्रदेश के बिजली वितरण प्रणाली को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का उपभोक्ता-केंद्रित निर्णय
आपको बता दें, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन, डॉ. आशीष गोयल, ने हाल ही में बिजली वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, जहां भी उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर स्वीकृत भार से अधिक मांग पाई जाएगी, वहां विद्युत वितरण व्यवस्था को उन्नत किया जाएगा। इसके लिए उपभोक्ताओं से उनकी सहमति प्राप्त की जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत, उन क्षेत्रों में जहां लोड अधिक है, वहां उच्च क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। इससे बिजली सप्लाई में निर्बाधता सुनिश्चित होगी और उपभोक्ताओं को फॉल्ट और विद्युत कटौती की समस्याओं से राहत मिलेगी। इसके साथ ही, यदि केबल्स खराब या पुराने पाए जाते हैं, तो उन्हें तत्काल बदल दिया जाएगा। इस प्रकार, उपभोक्ताओं को बिजली संबंधी अनावश्यक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
यह निर्णय उपभोक्ता केंद्रित है और इससे उपभोक्ताओं के जीवन में सुविधा और सुगमता आएगी। बिजली वितरण प्रणाली में इन सुधारों से विद्युत आपूर्ति में स्थिरता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।